मोतिहारी: पीएफआई टेरर मॉड्यूल मामले में पीएफआई का राज्य सचिव रियाज मारूफ उर्फ बबलू मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़ा है. मोतिहारी एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि चकिया थाना क्षेत्र के सुभाष चौक से उसे अरेस्ट किया गया है. फिलहाल उसे पिपरा थाने में रखा गया है, जहां उससे पूछताछ चल रही है.
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मछली खरीदने के दौरान हुई गिरफ्तारी: पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि रियाज चकिया के सुभाष चौक पर मछली खरीदने आया था. उसके बाद एएसपी सदर के नेतृत्व में डीएसपी चकिया, पिपरा और चकिया थाना पुलिस के अलावा डीआईओ अधिकारियों की टीम बनायी गई. सुबह 10 दस बजे पुलिस ने सादी वर्दी में सुभाष चौक पर पहुंचकर रियाज को धर दबोचा. एसपी ने बताया कि इस बारे में एनआईए और एटीएस को सूचना दे दी गई है.
"आज सुबह करीब 10 बजे के आसपास चकिया से पीएफआई के मेंबर रियाज मारूफ को गिरफ्तार किया गया है. वह खुद को वाइस प्रेसिडेंस बता रहा है. हमलोगों ने एटीएस और एनआईए को इस बारे में इन्फॉर्म कर दिया है. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है. दो केस इसके खिलाफ दर्ज है. परिवार के किसी फंक्शन में शामिल होने के लिए वह आया था"- कान्तेश कुमार मिश्रा, एसपी, पूर्वी चंपारण
पीएम मोदी के दौरे में हमले की ली थी जिम्मेदारी: पिछले साल जब फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल मामले में एनआईए ने पीएफआई के 26 संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, तब उसमें रियाज भी आरोपी था. 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान जिन लोगों पर हमले की जिम्मेदारी थी, उनमें रियाज मारूफ प्रमुख है. हालांकि उससे पहले ही पुलिस को इसकी भनक लग गई और 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ से अतहर परवेज और जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि पीएम के बिहार दौरे से 2 महीने पहले से ही ये लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
अतहर और जलालुद्दीन के बाद तीसरा आरोपी रियाज: पूछताछ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन ने अपने अन्य साथियों के नाम का खुलासा किया था. साथ ही बताया था कि किस तरह 6-7 जुलाई को उन लोगों ने गुप्त बैठक की थी. जहां कई अनजाने लोग आए थे. हालांकि आईबी की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने समय रहते दोनों को धर दबोचा और कई जगहों पर छापेमारी की. बाद में मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एंट्री हुई और फिर जांच का दायरा बढ़ता गया. रियाज मारूफ उर्फ बबलू मामले में तीसरा मुख्य आरोपी है.
एनआईए और पुलिस को चकमा दे रहा था रियाज: एनआईए के साथ-साथ स्थानीय पुलिस लगातार रियाज की तलाश कर रही थी लेकिन वह बार-बार चकमा देने में कामयाब हो जाता था. कई बार उसके घर पर छापेमारी की गई लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आता था. पिछले साल भी जब एनआईए की टीम रियाज के घर पहुंची तो वह नहीं मिला. उसकी मां और भाई से पूछताछ के बाद जांच एजेंसी उसके घर से कुछ दस्तावेजों को जब्त कर अपने साथ ले गई थी.
कौन है रियाज मारूफ?: 2047 तक भारत को इंडिया इस्लामिक देश बनाने की योजना के तहत काम करने वाली पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई में रियाज मारूफ राज्य सचिव है. वह पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना क्षेत्र के कुअवां गांव का रहने वाला है. उसके पिता का नाम इस्लामुद्दीन अंसारी है, हालांकि अब वह जीवित नहीं है. फिलहल उसके घर में उसकी मां और भाई है. तीन भाइयों में वह दूसरे नंबर पर है. बड़ा भाई विदेश में काम करता है, जबकि छोटा भाई गांव के ही मदरसा में शिक्षक है.