नई दिल्ली : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर किए गए आरोप पत्र में नामजद लोग उसके सदस्य नहीं हैं.
धन शोधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत ईडी द्वारा बुधवार को एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था.
ईडी ने कहा था कि उसने शिकायत में पीएफआई और उसकी छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के पांच सदस्यों को नामजद किया था और अदालत ने आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों को 18 मार्च को प्रस्तुत होने के लिए समन जारी किया था.
पीएफआई महासचिव अनीस अहमद ने एक वक्तव्य में दावा किया कि किसी अन्य संगठन के पदाधिकारियों को पॉपुलर फ्रंट का सदस्य बताया जा रहा है. यह कोई अनजाने में की गई गलती नहीं है.
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वक्तव्य में कहा गया कि पारदर्शी तरीके से जांच करने की बजाय ईडी, पॉपुलर फ्रंट को बदनाम करने में लगी है और हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने जैसे काल्पनिक और राजनीति से प्रेरित मामलों की जांच हो रही है.
ईडी ने बृहस्पतिवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा था कि आरोप पत्र में नामजद लोग, हाथरस की घटना के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़काना, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना और आतंक फैलाना चाहते थे.