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दिल्ली में 22 मार्च से अब तक पेट्रोल कीमत में 6.40 रुपए का इजाफा, केंद्र सरकार चुप क्यों

यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल डीजल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो चुकी है. पिछले एक हफ्ते में पेट्रोल की कीमत में साढ़े 6 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टिया सरकार पर हमलावर हैं. केंद्र सरकार इसपर आमतौर से चुप है. आखिर क्यों है महंगाई पर सरकार की चुप्पी आइए जानते हैं ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में....

petrol diesel price
पेट्रोल की कीमत
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Published : Mar 31, 2022, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत ने 100 का आंकड़ा छू लिया. गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल 101.1 रुपए प्रति लीटर और डीजल 93.07 रुपए प्रति पर थी. गुरुवार को भी इसमें 80 पैसे का इजाफा हुआ. पिछले एक हफ्ते में 6.40 रुपए पैसे प्रति लीटर का इजाफा पेट्रोल की कीमत में हुआ है. एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया. सिर्फ कांग्रेसी ही नहीं बल्कि तमाम विपक्षी पार्टियां पेट्रोलियम पदार्थों की बेतहाशा वृद्धि के लिए सरकार पर आरोप लगा रही है. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि एक साजिश के तहत पांच राज्यों के चुनाव के दौरान पेट्रोल डीजल की कीमत में रोक लगाई गई थी. जैसे ही चुनाव खत्म हुए कीमत फिर बढ़ने लगी.

आशंका है कि भविष्य में माल भाड़ा बढ़ने से महंगाई और बढ़े. पांच राज्यों के चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया था कि पेट्रोल की कीमत को कम करने के लिए सर्विस टैक्स में कमी की जाए. केंद्र ने राज्य सरकारों से भी वैट कम करने की अपील की थी. जिसके बाद कीमतों में कमी आई थी. गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2014 में मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ महंगाई, बेरोजगारी, कालाबाजारी और भ्रष्टाचार को लेकर ही सत्ता में आई थी.

पढ़ें: महंगाई को लेकर विजय चौक पर कांग्रेस का प्रदर्शन, सिलेंडर-बाइक पर राहुल ने चढ़ाई फूल माला

सबसे ज्यादा धरना प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर किया था. शायद ही कोई ऐसा महीना गया होगा, जब भारतीय जनता पार्टी ने सिलेंडर लेकर, धरना प्रदर्शन नहीं किया हो. लेकिन आज, पार्टी के नेता इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. बल्कि कुछ भाजपा नेता तो यह भी दावा कर रहे हैं कि इससे ज्यादा कीमत यूपीए सरकार के समय में बढ़ी थी. संसद का सत्र चल रहा है और प्रतिदिन विपक्षी पार्टियां महंगाई के मुद्दे पर नोटिस दे रही हैं.

हालांकि सरकार बार-बार यह दावा कर रही है कि वह महंगाई पर चर्चा करवाएगी. लेकिन सरकार के पास बेतहाशा बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं है. पिछले हफ्ते जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में कमी भी हुई थी तब भी पेट्रोल की कीमत भारत में लगातार वृद्धि हो रही थी. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी की शुरुआत कर चुकी है. कांग्रेस बढ़ती महंगाई को आने वाले दिनों का बड़ा मुद्दा मान रही है. अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस के नेता इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की योजना भी बना रहे हैं.

पेट्रोल डीजल और एलपीजी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी पर जब ईटीवी भारत ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सिटी रवि से बात की तो उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की कीमत इससे ज्यादा मनमोहन सिंह की सरकार के समय बढ़ी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस पर योजनाएं बना रही है. जल्दी बड़ा कदम उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए कीमत में हुई थोड़ी सी बढ़ोतरी पर भी बड़ा हंगामा खड़ा कर रही है.

नई दिल्ली: यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत ने 100 का आंकड़ा छू लिया. गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल 101.1 रुपए प्रति लीटर और डीजल 93.07 रुपए प्रति पर थी. गुरुवार को भी इसमें 80 पैसे का इजाफा हुआ. पिछले एक हफ्ते में 6.40 रुपए पैसे प्रति लीटर का इजाफा पेट्रोल की कीमत में हुआ है. एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया. सिर्फ कांग्रेसी ही नहीं बल्कि तमाम विपक्षी पार्टियां पेट्रोलियम पदार्थों की बेतहाशा वृद्धि के लिए सरकार पर आरोप लगा रही है. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि एक साजिश के तहत पांच राज्यों के चुनाव के दौरान पेट्रोल डीजल की कीमत में रोक लगाई गई थी. जैसे ही चुनाव खत्म हुए कीमत फिर बढ़ने लगी.

आशंका है कि भविष्य में माल भाड़ा बढ़ने से महंगाई और बढ़े. पांच राज्यों के चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया था कि पेट्रोल की कीमत को कम करने के लिए सर्विस टैक्स में कमी की जाए. केंद्र ने राज्य सरकारों से भी वैट कम करने की अपील की थी. जिसके बाद कीमतों में कमी आई थी. गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2014 में मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ महंगाई, बेरोजगारी, कालाबाजारी और भ्रष्टाचार को लेकर ही सत्ता में आई थी.

पढ़ें: महंगाई को लेकर विजय चौक पर कांग्रेस का प्रदर्शन, सिलेंडर-बाइक पर राहुल ने चढ़ाई फूल माला

सबसे ज्यादा धरना प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर किया था. शायद ही कोई ऐसा महीना गया होगा, जब भारतीय जनता पार्टी ने सिलेंडर लेकर, धरना प्रदर्शन नहीं किया हो. लेकिन आज, पार्टी के नेता इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. बल्कि कुछ भाजपा नेता तो यह भी दावा कर रहे हैं कि इससे ज्यादा कीमत यूपीए सरकार के समय में बढ़ी थी. संसद का सत्र चल रहा है और प्रतिदिन विपक्षी पार्टियां महंगाई के मुद्दे पर नोटिस दे रही हैं.

हालांकि सरकार बार-बार यह दावा कर रही है कि वह महंगाई पर चर्चा करवाएगी. लेकिन सरकार के पास बेतहाशा बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं है. पिछले हफ्ते जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में कमी भी हुई थी तब भी पेट्रोल की कीमत भारत में लगातार वृद्धि हो रही थी. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी की शुरुआत कर चुकी है. कांग्रेस बढ़ती महंगाई को आने वाले दिनों का बड़ा मुद्दा मान रही है. अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस के नेता इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की योजना भी बना रहे हैं.

पेट्रोल डीजल और एलपीजी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी पर जब ईटीवी भारत ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सिटी रवि से बात की तो उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की कीमत इससे ज्यादा मनमोहन सिंह की सरकार के समय बढ़ी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस पर योजनाएं बना रही है. जल्दी बड़ा कदम उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए कीमत में हुई थोड़ी सी बढ़ोतरी पर भी बड़ा हंगामा खड़ा कर रही है.

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