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दिल्लीवाले ध्यान दें... 25 अक्टूबर तक गाड़ी का बनवा लें पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, वरना नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीजल

दिल्ली के वाहन चालक सावधान हो जाएं. यदि आपकी गाड़ी का वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (pollution control certificate) नहीं है तो इसी महीने से आपको उसे चलाने के लिए पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा. दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे वाहनों को 25 अक्टूबर से दिल्ली के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल नहीं दिया जाएगा.

दिल्ली के वाहन चालक सावधान हो जाएं.
दिल्ली के वाहन चालक सावधान हो जाएं.
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Published : Oct 1, 2022, 8:26 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के वाहन चालक 25 अक्टूबर से अपनी गाड़ी में पेट्रोल और डीजल तभी डलवा पाएंगे, जब उनके पास गाड़ी का वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र होगा. दरअसल, वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने बिना वैध पीयूसी के चल रहे वाहनों के खिलाफ एक अक्टूबर से कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही अब पेट्रोल और डीजल लेने के लिए भी पीयूसी सर्टिफिकेट को जरूरी करने जा रही है.

ये भी पढ़ें :- सड़कों पर वाहनों की संख्या में हुई बढ़ोतरी, दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण का स्तर

एन्फोर्समेंट ड्राइव शुरू करने जा रही सरकार : दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि सरकार पेट्रोल पंपों पर एक एन्फोर्समेंट ड्राइव शुरू करने जा रही है. इसमें वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना पकड़े जाने पर लाइसेंस सस्पेंड होने से लेकर मोटा चालान भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास वैद्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो 25 अक्टूबर से दिल्ली के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा.

दिल्ली में 19 लाख गाड़ियां चल रहीं बिना वैध पीयूसी के: मंत्री राय का कहना है कि प्रदूषण से निपटने के लिए यह कदम उठाए गए हैं. सर्दियों में जिस तरह प्रदूषण के चलते दमघोंटू वातावरण बन जाता है, उसे देखते हुए परिवहन विभाग को अभी से इस तरह के जरूरी अभियान शुरू करने को कहा गया है.

उन्होंने बताया कि गत वर्ष अक्टूबर में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर एक ड्राइव चलाया था, जिसमें तीन लाख से ऊपर ऐसी गाड़ियां पाई गईं थीं. जो बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के ही चल रही थीं. इस वर्ष परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो दिल्ली में 19 लाख गाड़ियां बिना वैध पीयूसी के दौड़ रही हैं.


मालिकों को 15 दिनों में वाहनों की प्रदूषण जांच कराने की सलाह : दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) को लेकर परिवहन विभाग उन वाहनों की सूची दुरुस्त करने जा रही है, जिसकी पीयूसी की वैधता खत्म हो चुकी है. उन वाहन मालिकों को जल्द मोबाइल संदेश भेज उन्हें 15 दिनों में अपने वाहनों की प्रदूषण जांच कराने की सलाह दी जाएगी. इसके बाद अगर बिना वैध पीयूसी के कोई वाहन चलाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इस संबंध में बीते दिनों परिवहन विभाग ने पब्लिक नोटिस भी जारी किया है. विभाग ने उन वाहनों को अपने डेटाबेस में अपडेट कर दिया है, जिनके लिए पीयूसी एक साल से अधिक समय से जारी नहीं किया गया है. इन वाहन मालिकों को उनके पंजीकृत नंबरों पर ऑनलाइन या एसएमएस के जरिये नोटिस भेजा जाएगा.

तमाम फ्यूल स्टेशनों पर तैनात होगी चेकिंग टीम : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग तमाम फ्यूल स्टेशनों पर चेकिंग टीम को तैनात करेगा. ऐसे में प्रदूषण प्रमाण पत्र साथ में न रखने पर आपको 10 हजार रुपए का चालान भी भुगतना पड़ेगा और अगर दिल्ली में पंजीकृत डीजल गाड़ियां 10 साल और पेट्रोल गाड़ी 15 साल पुरानी हो चुकी है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा.

ऐसे बनवा सकते हैं प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र : प्रदूषण प्रमाण पत्र दो तरीके से बनवा सकते हैं. पहला प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को वाहन जाच केंद्र पर जाना पड़ेगा. दिल्ली के करीब 900 पेट्रोल पंपों पर यह सुविधा उपलब्ध है. यहां पर वाहन जांच केंद्र का कार्यपालक गाड़ी का प्रदूषण चेक करता है फिर जांच के बाद एक प्रमाण पत्र जारी करता है. दूसरा तरीका यह है कि आप परिवहन विभाग के व्हीकल पाल्यूशन के वेबसाइट पर जाएं.

आवेदन के लिए न्यू पाल्यूशन सर्टिफिकेट पर क्लिक करें. आवेदन फार्म भरें. इसकी अगली कड़ी में संबंधित कागजात अपलोड करें. आवेदन फार्म जमा करें. भुगतान करें. कुल मिलाकर अब राजधानी दिल्ली में अगर आप गाड़ी में ईंधन भरवाने जा रहे हों तो घर से निकलने से पहले पॉल्युशन सर्टिफिकेट जरूर चेक कर लें क्योंकि अब दिल्ली सरकार इसे मैंडेटरी करने जा रही है.

ये भी पढ़ें :- पराली के धुएं का समाधान बायो-डिकॉम्पोज़र घोल, लेकिन वाहनों के प्रदूषण से कौन बचाएगा!

नई दिल्ली : दिल्ली के वाहन चालक 25 अक्टूबर से अपनी गाड़ी में पेट्रोल और डीजल तभी डलवा पाएंगे, जब उनके पास गाड़ी का वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र होगा. दरअसल, वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने बिना वैध पीयूसी के चल रहे वाहनों के खिलाफ एक अक्टूबर से कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही अब पेट्रोल और डीजल लेने के लिए भी पीयूसी सर्टिफिकेट को जरूरी करने जा रही है.

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एन्फोर्समेंट ड्राइव शुरू करने जा रही सरकार : दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि सरकार पेट्रोल पंपों पर एक एन्फोर्समेंट ड्राइव शुरू करने जा रही है. इसमें वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना पकड़े जाने पर लाइसेंस सस्पेंड होने से लेकर मोटा चालान भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास वैद्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो 25 अक्टूबर से दिल्ली के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा.

दिल्ली में 19 लाख गाड़ियां चल रहीं बिना वैध पीयूसी के: मंत्री राय का कहना है कि प्रदूषण से निपटने के लिए यह कदम उठाए गए हैं. सर्दियों में जिस तरह प्रदूषण के चलते दमघोंटू वातावरण बन जाता है, उसे देखते हुए परिवहन विभाग को अभी से इस तरह के जरूरी अभियान शुरू करने को कहा गया है.

उन्होंने बताया कि गत वर्ष अक्टूबर में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर एक ड्राइव चलाया था, जिसमें तीन लाख से ऊपर ऐसी गाड़ियां पाई गईं थीं. जो बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के ही चल रही थीं. इस वर्ष परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो दिल्ली में 19 लाख गाड़ियां बिना वैध पीयूसी के दौड़ रही हैं.


मालिकों को 15 दिनों में वाहनों की प्रदूषण जांच कराने की सलाह : दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) को लेकर परिवहन विभाग उन वाहनों की सूची दुरुस्त करने जा रही है, जिसकी पीयूसी की वैधता खत्म हो चुकी है. उन वाहन मालिकों को जल्द मोबाइल संदेश भेज उन्हें 15 दिनों में अपने वाहनों की प्रदूषण जांच कराने की सलाह दी जाएगी. इसके बाद अगर बिना वैध पीयूसी के कोई वाहन चलाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इस संबंध में बीते दिनों परिवहन विभाग ने पब्लिक नोटिस भी जारी किया है. विभाग ने उन वाहनों को अपने डेटाबेस में अपडेट कर दिया है, जिनके लिए पीयूसी एक साल से अधिक समय से जारी नहीं किया गया है. इन वाहन मालिकों को उनके पंजीकृत नंबरों पर ऑनलाइन या एसएमएस के जरिये नोटिस भेजा जाएगा.

तमाम फ्यूल स्टेशनों पर तैनात होगी चेकिंग टीम : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग तमाम फ्यूल स्टेशनों पर चेकिंग टीम को तैनात करेगा. ऐसे में प्रदूषण प्रमाण पत्र साथ में न रखने पर आपको 10 हजार रुपए का चालान भी भुगतना पड़ेगा और अगर दिल्ली में पंजीकृत डीजल गाड़ियां 10 साल और पेट्रोल गाड़ी 15 साल पुरानी हो चुकी है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा.

ऐसे बनवा सकते हैं प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र : प्रदूषण प्रमाण पत्र दो तरीके से बनवा सकते हैं. पहला प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को वाहन जाच केंद्र पर जाना पड़ेगा. दिल्ली के करीब 900 पेट्रोल पंपों पर यह सुविधा उपलब्ध है. यहां पर वाहन जांच केंद्र का कार्यपालक गाड़ी का प्रदूषण चेक करता है फिर जांच के बाद एक प्रमाण पत्र जारी करता है. दूसरा तरीका यह है कि आप परिवहन विभाग के व्हीकल पाल्यूशन के वेबसाइट पर जाएं.

आवेदन के लिए न्यू पाल्यूशन सर्टिफिकेट पर क्लिक करें. आवेदन फार्म भरें. इसकी अगली कड़ी में संबंधित कागजात अपलोड करें. आवेदन फार्म जमा करें. भुगतान करें. कुल मिलाकर अब राजधानी दिल्ली में अगर आप गाड़ी में ईंधन भरवाने जा रहे हों तो घर से निकलने से पहले पॉल्युशन सर्टिफिकेट जरूर चेक कर लें क्योंकि अब दिल्ली सरकार इसे मैंडेटरी करने जा रही है.

ये भी पढ़ें :- पराली के धुएं का समाधान बायो-डिकॉम्पोज़र घोल, लेकिन वाहनों के प्रदूषण से कौन बचाएगा!

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