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बंबई हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने को शरजील उस्मानी ने दायर की याचिका - शरजील उस्मानी ने दायर की याचिका

याचिका दायर करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने कहा कि इस तरह की एफआईआर समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और आपराधिक न्याय प्रणाली का दुरुपयोग करने और बोलने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने का एक प्रयास है.

petition of sharjeel usmani
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी
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Published : Mar 5, 2021, 9:46 PM IST

मुंबई: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने बंबई हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. शरजील ने एल्गार परिषद में एपने भाषण के खिलाफ पुणे में दायर याचिका को रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की है.

शरजील उस्मानी ने शिकायत में दर्ज सभी आरोपों से इनकार किया है. शरजील का कहना है कि उनके भाषण से पहले या बाद में दर्शकों में कोई असंतोषजनक प्रतिक्रिया या बेचैनी नहीं दिखाई दी.

याचिका दायर करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने कहा कि इस तरह की एफआईआर समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और आपराधिक न्याय प्रणाली का दुरुपयोग करने और बोलने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने का एक प्रयास है. शरजील उस्मानी की वकील अदिति सक्सेना ने बताया कि उस्मानी ने कहा कि उन्होंने 30 जनवरी, 2021 को पुणे में भीमा कोरेगांव की लड़ाई की सालगिरह को शांतिपूर्ण रैली को संबोधित किया था.

पढ़ें: टीआरपी मामले में अरनब गोस्वामी को 16 मार्च तक अंतरिम राहत

पूर्व जस्टिस बीजी कार्यक्रम में कोलसे पाटिल, लेखक अरुंधति रॉय और पत्रकार प्रशांत कनौजिया जैसे वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति एल्गार परिषद मे उपस्थित थे. याचिका में कहा गया है उनके भाषण में से कुछ संदर्भों के आधार पर दायर की गई एफआईआर बेकार और आधारहीन है.

मुंबई: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने बंबई हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. शरजील ने एल्गार परिषद में एपने भाषण के खिलाफ पुणे में दायर याचिका को रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की है.

शरजील उस्मानी ने शिकायत में दर्ज सभी आरोपों से इनकार किया है. शरजील का कहना है कि उनके भाषण से पहले या बाद में दर्शकों में कोई असंतोषजनक प्रतिक्रिया या बेचैनी नहीं दिखाई दी.

याचिका दायर करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने कहा कि इस तरह की एफआईआर समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और आपराधिक न्याय प्रणाली का दुरुपयोग करने और बोलने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने का एक प्रयास है. शरजील उस्मानी की वकील अदिति सक्सेना ने बताया कि उस्मानी ने कहा कि उन्होंने 30 जनवरी, 2021 को पुणे में भीमा कोरेगांव की लड़ाई की सालगिरह को शांतिपूर्ण रैली को संबोधित किया था.

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पूर्व जस्टिस बीजी कार्यक्रम में कोलसे पाटिल, लेखक अरुंधति रॉय और पत्रकार प्रशांत कनौजिया जैसे वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति एल्गार परिषद मे उपस्थित थे. याचिका में कहा गया है उनके भाषण में से कुछ संदर्भों के आधार पर दायर की गई एफआईआर बेकार और आधारहीन है.

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