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Bihar Caste Census: जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती

बिहार में जातीय जनगणना को पटना हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. अब सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. वहीं बिहार सरकार ने इसको लेकर कैविएट अर्जी लगाई है और अनुरोध किया गया है कि बिना सरकार का पक्ष सुने कोई भी फैसला ना लिया जाए.

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Published : Aug 3, 2023, 3:47 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 4:07 PM IST

पटना/दिल्ली: पटना हाईकोर्ट द्वारा जातीय सर्वेक्षण के मामले में 1 अगस्त,2023 को दिये फैसले को अखिलेश कुमार ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट की वकील तान्याश्री व अधिवक्ता ऋतु राज ने अखिलेश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है.

पढ़ें- Bihar Caste Census: जातीय जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार सरकार, अर्जी दाखिल कर की यह अपील

जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका: पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को रद्द कर दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि पटना हाईकोर्ट के इस मामले में दिये गये फैसले का अध्ययन किया जाएगा और फिर इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती: इसके पूर्व राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित करने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाये. राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट के जातीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में आदेश आने के बाद बड़ी जोर शोर से पुनः जातीय सर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है.

पहले क्या-क्या हुआ?: इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने मई, 2023 में राज्य सरकार द्वारा जातीय सर्वेक्षण कराये जाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वेक्षण पर तत्काल विराम लग गया. पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने 3 जुलाई, 2023 से 7 जुलाई, 2023 तक पांच दिनों की लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा,

पटना हाईकोर्ट ने खारिज की सभी याचिका: 1अगस्त, 2023 को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया. पटना हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई किये जाने की संभावना है.

पटना/दिल्ली: पटना हाईकोर्ट द्वारा जातीय सर्वेक्षण के मामले में 1 अगस्त,2023 को दिये फैसले को अखिलेश कुमार ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट की वकील तान्याश्री व अधिवक्ता ऋतु राज ने अखिलेश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है.

पढ़ें- Bihar Caste Census: जातीय जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार सरकार, अर्जी दाखिल कर की यह अपील

जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका: पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को रद्द कर दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि पटना हाईकोर्ट के इस मामले में दिये गये फैसले का अध्ययन किया जाएगा और फिर इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती: इसके पूर्व राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित करने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाये. राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट के जातीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में आदेश आने के बाद बड़ी जोर शोर से पुनः जातीय सर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है.

पहले क्या-क्या हुआ?: इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने मई, 2023 में राज्य सरकार द्वारा जातीय सर्वेक्षण कराये जाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वेक्षण पर तत्काल विराम लग गया. पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने 3 जुलाई, 2023 से 7 जुलाई, 2023 तक पांच दिनों की लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा,

पटना हाईकोर्ट ने खारिज की सभी याचिका: 1अगस्त, 2023 को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया. पटना हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई किये जाने की संभावना है.

Last Updated : Aug 3, 2023, 4:07 PM IST
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