नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पादों की बिक्री और वितरण पर रोक लगाने की मांग की एक याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि यह उत्पाद ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट (ओआरएस) का संकेत है, लेकिन इसका फॉर्मूला ओआरएस की तरह नहीं है.
यह याचिका जेएनयू की असिस्टेंट प्रोफेसर रूपा सिंह ने दायर की है. इसमें कहा गया है कि अगर कोई पेय शुद्ध रूप से फलों के रस पर आधारित या गैर कार्बोनेटेड पानी-आधारित है, तो इसे ओआरएसएल नाम से बेचकर ओआरएस के रूप में ग्राहकों को भ्रमिक किया जा रहा है.
याचिका में कहा गया है कि ओआरएस डायरिया के इलाज के लिए ड्रग्स एंड कॉस्टमेटिक रुल्स 1945 की अनुसूची के वर्ग 27 के तहत एक दवा है. ओआरएस में सोडियम, ग्लूकोज और ऑस्मोलैरिटी होता है.
याचिका में कहा गया है कि ओरआरएसएल नाम के जरिए आम ग्राहकों को ओआरएस का भ्रम होता है, जॉनसन एंड जॉनसन नामक कंपनी उक्त ब्रांड के तहत तीन अलग-अलग उत्पाद बाजार में बेचती है. ये कंपनी ओआरएसएल, ओआरएसएल प्लस और ओआरएसएल रिहाइड्रेट बेचती है.
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लेकिन इन तीनों में से किसी भी उत्पाद में डब्ल्यूएचओ के ओआरएस फॉर्मूले का उपयोग नहीं किया जाता है. याचिका में मांग की गई है कि खाद्य और सुरक्षा मानक के तहत इन उत्पादों को स्कूल से पचास मीटर के दायरे में बेचने पर रोक लगाई जाए.