नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा अपनी नई आबकारी नीति 2021 के अनुसार की गई कार्रवाई, नई व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिकाओं के परिणाम के अधीन होगी.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने खुदरा शराब विक्रेताओं के एक समूह रेडीमेड प्लाजा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और थोक लाइसेंसधारी अनीता चौधरी द्वारा दायर आवेदनों पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.
नई नीति के खिलाफ याचिकाएं निर्णय के लिए लंबित
मुख्य न्यायाधीश पटेल ने कहा, यह (सरकारी कार्रवाई) रिट याचिका के अधीन होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि आवेदनों पर मुख्य याचिकाओं के साथ सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने अदालत से आदेश में बयान दर्ज करने का आग्रह किया. इस पर न्यायाधीश ने जवाब दिया, हम देखेंगे यह हमेशा (अदालत के आदेशों के अधीन) होता है. जहां रेडीमेड प्लाजा ने नई नीति के तहत वित्तीय बोलियां लगाए जाने पर आपत्ति जताई, वहीं थोक लाइसेंसधारी चौधरी की शिकायत लाइसेंस देने के लिए आवेदन मांगने वाली सरकारी अधिसूचना के खिलाफ थी.
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं को नीति के क्रियान्वयन के प्रत्येक चरण पर नए सिरे से रोक लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जबकि अदालत ने पहले ही प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.
नई आबकारी नीति के खिलाफ कई याचिकाएं अदालत में लंबित हैं.अदालत ने पिछले महीने रेडीमेड प्लाजा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर नई आबकारी नीति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. जिसमें कहा गया था कि नई व्यवस्था से कुछ बड़े लोगों का एकाधिकार हो जाएगा.
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(पीटीआई-भाषा)