आगरा: पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह राष्ट्रपति और आर्मी जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को दुबई में निधन हो गया. मुशर्रफ आज से करीब 22 साल पहले आगरा आए थे. यहां पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच शिखर वार्ता हुई थी, जो बेनतीजा रही थी. तब मुशर्रफ ने अपनी पत्नी सबा के साथ ताजमहल का दीदार किया था. मुशर्रफ और सबा ताजमहल की खूबसूरती और भारत की मेहमाननवाजी के कायल हो गए थे.
पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच जम्मू कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर वार्ता हुई थी. यह वार्ता 14 और 16 जुलाई सन 2001 को हुई थी. इसको लेकर आगरा में इंटरनेशनल मीडिया का जमावाड़ा हुआ था. विश्व की निगाह आगरा की शिखर वार्ता पर थी. तब ताजनगरी आगरा को दुल्हन की तरह सजाया गया था.
मुशर्रफ ने पत्नी सबा के साथ देखा था ताजमहल
परवेज मुशर्रफ ने आगरा शिखर वार्ता के बाद अपनी पत्नी सबा मुशर्रफ के साथ ताजमहल देखा था. मुशर्रफ और उनकी पत्नी सबा की ताजमहल विजिट के लिए इंदौर से बीएचईएल की ओर से वातानुकूलित बैटरी बस पहली बार लाई गई थी. बैटरी बस में सवार मुशर्रफ और सबा जब गुजरे तो उन्हें पूरा क्षेत्र और सभी मकानों, इमारतों को एक ही रंग में रंगी दिखाई दी थीं. तब माल रोड की इमारतों को सफेद रंग में और ताजगंज, फतेहाबाद रोड को स्टोन रंग में रंगा गया था.
ताजमहल से हटाई गई थी पाड़
परवेज मुशर्रफ ताजमहल के पूर्वी गेट स्थित अमर विलास होटल के कोहिनूर सुईट में ठहरे थे. तब उनकी मेहमाननवाजी में होटल ने पहली बार चांदी की कटलरी का प्रयोग किया थी. ताज पूर्वी गेट पर शिल्पग्राम में लाउंज को तैयार किया गया. दरअसल, जब आगरा शिखर वार्ता थी, तब ताज की मरम्मत का काम चल रहा था. इसके लिए पाड़ लगाई गई थी. मगर, मुशर्रफ के दौरे के लिए पाड़ को हटाया गया था, जिससे मुशर्रफ और उनकी पत्नी सबा ताज को निहार सकें. उन्हें कोई दाग नजर न आए.
परवेज मुशर्रफ और उनकी पत्नी सबा ने कब्रें भी देखीं थीं
परवेज मुशर्रफ और उनकी पत्नी सबा ने ताजमहल की विजिट में शाहजहां और मुमताज की भूमिगत असली कब्रें देखीं थीं. मुशर्रफ और सबा ताजमहल विजिट में खूब खुश नजर आए थे. इसके साथ ही परवेज मुशर्रफ के दौरे के लिए आगरा किला में शीशमहल को खोलकर साफ किया गया गया था. एत्मादउद्दौला पर मखमली शू कवर शुरू कराए गए थे.
मुशर्रफ के अड़ियल रवैया से वार्ता हुई थी फेल
दशकों से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध की बात होती है, तो उनमें जुलाई 2001 की आगरा शिखर वार्ता का जिक्र जरूर होता है. आगरा को उसकी गंगा-जमुनी साझी विरासत के लिए चुना गया. लेकिन, अफसोस यहां भारत और पाक के बीच उच्चस्तरीय वार्ता हुई, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला. वार्ता में कश्मीर मसले को लेकर मुशर्रफ के साथ सहमति नहीं बनी. मुशर्रफ के अड़ियल रवैये के कारण ये वार्ता विफल हो गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी ने मुशर्रफ से कश्मीर में सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए कहा था.
इंटरनेशनल इवेंट के लिए आगरा बना पहली पसंद
आगरा में शिखर वार्ता होने के बाद इसका दर्जा पूरी दुनिया की निगाहों में और बढ़ गया. तभी से आगरा इंटरनेशनल इवेंट के लिए पहली पसंद बन गया. इसके बाद से आगरा में लगातार महत्वपूर्ण सम्मेलन और सेमिनार हो रहे हैं.
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