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जम्मू-कश्मीर में बाहर से आए लोगों को मतदान नहीं करना चाहिए: गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बाहर के लोगों को केंद्र शासित राज्यों में मतदान नहीं करना चाहिए. यह बात उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रह रहे लोगों को मतदाता के तौर पर पंजीकृत करने की बात पर कही.

गुलाम नबी आजाद
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Published : Oct 12, 2022, 4:22 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 6:28 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा राजस्व अधिकारियों से बाहरी बेघर व्यक्तियों को मतदान का अधिकार दिलाने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश दिए, जिसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में एक ताजा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. उपायुक्त जम्मू अवनी लवासा ने जिले के सभी तहसीलदारों को राजधानी श्रीनगर में एक वर्ष से अधिक समय से रहने वाले लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कहा है, ताकि मतदाता सूची के चल रहे विशेष सारांश संशोधन में उनके प्रवेश की सुविधा हो सके.

इस निर्देश के बाद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने राज्य में बाहर से आए लोगों के मतदान देने की बात पर कहा कि बाहर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेशों में अपना वोट नहीं डालना चाहिए। वे अपने राज्यों में सिस्टम के अनुसार सीलबंद लिफाफे में मतदान कर सकते हैं. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में मतदान का महत्व यह रहा है कि केवल स्थानीय लोग ही मतदान करते हैं - चाहे वह जम्मू हो या कश्मीर. यह बात उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रह रहे लोगों को मतदाता के तौर पर पंजीकृत करने की बात पर कही.

जम्मू-कश्मीर में बाहर से आए लोगों के मतदान का विरोध

पढ़ें: नए मतदाता के फैसले पर भड़कीं महबूबा, लगाया जम्मू कश्मीर को धर्म के नाम पर बांटने का आरोप

बता दें कि जम्मू के जिला चुनाव अधिकारी और उपायुक्त, अवनी लवासा ने कुछ पात्र मतदाताओं के पास आवश्यक दस्तावेज न होने के चलते मतदाता के रूप में पंजीकृत होने में परेशानी का सामना करने के बाद गंभीरता से ध्यान देने का निर्देश पारित किया. विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा व्यक्त की गई गंभीर चिंता के बीच, नए मतदाताओं के पंजीकरण, हटाने, सुधार करने, अंतिम सारांश संशोधन के बाद से मरने वाले मतदाताओं के स्थानांतरण के लिए जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची का विशेष सारांश संशोधन 15 सितंबर से शुरू हो गया है.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में कहा कि 'नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए ईसीआई के नवीनतम आदेश से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू में भारत सरकार की औपनिवेशिक बसने वाली परियोजना शुरू की गई है. वे डोगरा संस्कृति, पहचान, रोजगार और व्यवसाय को पहला झटका देंगे. सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय मतदाताओं को जोड़ने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है और हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे.'

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि 'भाजपा चुनाव से डरी हुई है और जानती है कि वह बुरी तरह हारेगी. जम्मू-कश्मीर के लोगों को इन साजिशों को मतपेटी में हराना चाहिए.'

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा राजस्व अधिकारियों से बाहरी बेघर व्यक्तियों को मतदान का अधिकार दिलाने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश दिए, जिसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में एक ताजा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. उपायुक्त जम्मू अवनी लवासा ने जिले के सभी तहसीलदारों को राजधानी श्रीनगर में एक वर्ष से अधिक समय से रहने वाले लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कहा है, ताकि मतदाता सूची के चल रहे विशेष सारांश संशोधन में उनके प्रवेश की सुविधा हो सके.

इस निर्देश के बाद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने राज्य में बाहर से आए लोगों के मतदान देने की बात पर कहा कि बाहर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेशों में अपना वोट नहीं डालना चाहिए। वे अपने राज्यों में सिस्टम के अनुसार सीलबंद लिफाफे में मतदान कर सकते हैं. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में मतदान का महत्व यह रहा है कि केवल स्थानीय लोग ही मतदान करते हैं - चाहे वह जम्मू हो या कश्मीर. यह बात उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रह रहे लोगों को मतदाता के तौर पर पंजीकृत करने की बात पर कही.

जम्मू-कश्मीर में बाहर से आए लोगों के मतदान का विरोध

पढ़ें: नए मतदाता के फैसले पर भड़कीं महबूबा, लगाया जम्मू कश्मीर को धर्म के नाम पर बांटने का आरोप

बता दें कि जम्मू के जिला चुनाव अधिकारी और उपायुक्त, अवनी लवासा ने कुछ पात्र मतदाताओं के पास आवश्यक दस्तावेज न होने के चलते मतदाता के रूप में पंजीकृत होने में परेशानी का सामना करने के बाद गंभीरता से ध्यान देने का निर्देश पारित किया. विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा व्यक्त की गई गंभीर चिंता के बीच, नए मतदाताओं के पंजीकरण, हटाने, सुधार करने, अंतिम सारांश संशोधन के बाद से मरने वाले मतदाताओं के स्थानांतरण के लिए जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची का विशेष सारांश संशोधन 15 सितंबर से शुरू हो गया है.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में कहा कि 'नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए ईसीआई के नवीनतम आदेश से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू में भारत सरकार की औपनिवेशिक बसने वाली परियोजना शुरू की गई है. वे डोगरा संस्कृति, पहचान, रोजगार और व्यवसाय को पहला झटका देंगे. सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय मतदाताओं को जोड़ने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है और हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे.'

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि 'भाजपा चुनाव से डरी हुई है और जानती है कि वह बुरी तरह हारेगी. जम्मू-कश्मीर के लोगों को इन साजिशों को मतपेटी में हराना चाहिए.'

Last Updated : Oct 12, 2022, 6:28 PM IST
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