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छत्तीसगढ़ः इन लोगों ने आपदा को अवसर में बदला, घर बैठे शुरू किया अपना स्टार्टअप

एक सामान्य तरीके से चल रही जिंदगी में कोरोना ने ऐसा बदलाव लाया कि कई लोग आपदा में भी अवसर तलाश लिये. किसी ने होम किचन चालू किया है, तो किसी ने होम बेकरी शुरू की है. ETV भारत ऐसे ही 3 लोगों की कहानी आपको बताने जा रहा है. जिन्होंने कोरोना जैसे आपदा को अवसर में बदला है. घर बैठे ही एक नया बिजनेस चालू किया है, जिससे वे अपना और अपने परिवार का खर्चा चला रहे हैं.

आपदा को अवसर में बदला
आपदा को अवसर में बदला
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Published : May 24, 2021, 2:20 PM IST

रायपुर: कोरोना ने कारोबार को भी तहस-नहस कर दिया है. कई लोगों का काम-धंधा ठप हो गया है. वहीं कई लोगों की इस दौरान नौकरी भी चली गई है. कोरोना और लॉकडाउन से बने प्रतिकूल हालात ने लोगों को कुछ नया करने और सोचने को प्रोत्साहित किया है. ETV भारत ऐसे ही 3 लोगों की कहानी आपको बताने जा रहा है. जिन्होंने कोरोना जैसे आपदा को अवसर में बदला है. घर बैठे ही एक नया बिजनेस चालू किया है, जिससे वे अपना और अपने परिवार का खर्चा चला रहे हैं.

कोरोना जैसे महामारी में कई लोगों को घर में बैठने को मजबूर कर दिया है. इस दौरान कई लोगों की नौकरी गई है, तो लॉकडाउन की वजह से कई लोग इस दौरान वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऐसे समय में लोगों को घर में काफी खाली वक्त मिल रहा है. वहीं कुछ लोगों ने इस खाली वक्त का काफी अच्छा फायदा उठाया. किसी ने होम किचन चालू किया है, तो किसी ने होम बेकरी चालू की है.

कोरोना महामारी और मानसिक कमजोरी को दूर कर बेकिंग को बनाया अपना प्रोफेशन

आपदा को अवसर में बदलने वाली राजधानी रायपुर सुंदर नगर की रहने वाली कृतिका त्रिवेदी एक निजी स्कूल की शिक्षिका हैं, लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में जहां सभी मानसिक कमजोरी से गुजर रहे हैं. इसके मद्देनजर उन्होंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए. जिससे लोगों को घर का बना ताजा केक मिल पाए. उन्होंने 4 महीने पहले केक बनाकर लोगों तक पहुंचाना शुरू किया. जब सभी ने इसकी तारीफ की.

आपदा को अवसर में बदला
आपदा को अवसर में बदला

कृतिका की मां उमा त्रिवेदी के सुझाव पर उन्होंने इसे स्टार्टअप में बदलने का निर्णय लिया. कृतिका त्रिवेदी ने बताया कि पिछले 4 महीने से वे घर मे केक बनाकर डिलीवरी करती हैं. जिसमें 10 से ज्यादा फ्लेवर केक शामिल हैं. ब्लूबेरी, चॉकलेट, ट्रफल, पाइनएप्पल, पिनाका, रस मलाई, पान, गुलकंद फ्लेवर शामिल है. वे सभी को केक बाजार से कम दाम में मुहैया कराती हैं. इसके साथ ही केक जंक्शन नाम से कृतिका त्रिवेदी ने इंस्टाग्राम पर अकाउंट भी बनाया है. जिसके माध्यम से वह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी केक का ऑर्डर लेती है. कृतिका त्रिवेदी ने अब तक करीब 50 से ज्यादा केक की डिलीवरी की है.

पढ़ेंः पतंजलि के डेयरी कारोबार प्रमुख सुनील बंसल का कोरोना से निधन

6 महीने में कुकिंग सीख कर स्टार्ट किया होम कुकिंग बिजनेस

रायपुर के डीडी नगर में रहने वाले संकल्प लेनपाल पेशे से म्यूजिशियन और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बिलॉन्ग करते हैं, लेकिन लॉकडाउन ने सभी काम रोक दिया. जिसके कारण संकल्प लेनपाल ने पिछले 1 साल से यूट्यूब की मदद से खाना बनाना सीखकर उन्होंने होम किचन की शुरुआत की. संकल्प लेनपाल वेज, नॉनवेज खाना बनाकर लोगों को डिलीवरी कर रहे है.

आपदा को अवसर में बदला
आपदा को अवसर में बदला

साथ ही, संकल्प ने इंस्टाग्राम पर भी अपना एक अकाउंट बनाया है, जिसमें हजार से ज्यादा लोग उन्हें फॉलो करते हैं. पिछले 3 महीने से संकल्प होम किचन चला रहे हैं. अब तक 50 से ज्यादा डिलीवरी कर चुके हैं. संकल्प अपने किचन में साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए खाना बनाते हैं. हॉस्टल, पेन गेस्ट में रहने वाले लोगों को खाना पहुंचा कर उनकी भूख मिटाते हैं.

पापा से 2 हजार रुपये लेकर शुरू किया स्टार्टअप, आज 2 लाख का है टर्नओवर

रायपुर के ब्राह्मण पारा इलाके में रहने वालीं 20 वर्षीय श्रेया सोनी ने 2 हजार रुपए से अपना स्टार्टअप चालू किया है. वर्तमान में महीने का उनका टर्नओवर 2 लाख का है. दरअसल श्रेया के पिता का यूटेंसिल्स का बिजनेस था और लॉकडाउन के कारण उनका बिजनेस काफी ज्यादा प्रभावित हुआ था. जिसके बाद श्रेया ने बेकिंग के प्रोडक्ट और ग्रोसरी प्रोडक्ट लोगों को घर-घर पहुंचा रही हैं.

आपदा को अवसर में बदला

श्रेया ने अपने स्टार्टअप में दूसरे के बिजनेस और मूलभूत जरूरी सेवाओं की पूर्ति इन्होंने कराई है. मुंबई, दिल्ली के कनेक्शन निकाले और अपने माता-पिता की मदद से घर में 8 सदस्यों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधे पर उठाया है.

रायपुर: कोरोना ने कारोबार को भी तहस-नहस कर दिया है. कई लोगों का काम-धंधा ठप हो गया है. वहीं कई लोगों की इस दौरान नौकरी भी चली गई है. कोरोना और लॉकडाउन से बने प्रतिकूल हालात ने लोगों को कुछ नया करने और सोचने को प्रोत्साहित किया है. ETV भारत ऐसे ही 3 लोगों की कहानी आपको बताने जा रहा है. जिन्होंने कोरोना जैसे आपदा को अवसर में बदला है. घर बैठे ही एक नया बिजनेस चालू किया है, जिससे वे अपना और अपने परिवार का खर्चा चला रहे हैं.

कोरोना जैसे महामारी में कई लोगों को घर में बैठने को मजबूर कर दिया है. इस दौरान कई लोगों की नौकरी गई है, तो लॉकडाउन की वजह से कई लोग इस दौरान वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऐसे समय में लोगों को घर में काफी खाली वक्त मिल रहा है. वहीं कुछ लोगों ने इस खाली वक्त का काफी अच्छा फायदा उठाया. किसी ने होम किचन चालू किया है, तो किसी ने होम बेकरी चालू की है.

कोरोना महामारी और मानसिक कमजोरी को दूर कर बेकिंग को बनाया अपना प्रोफेशन

आपदा को अवसर में बदलने वाली राजधानी रायपुर सुंदर नगर की रहने वाली कृतिका त्रिवेदी एक निजी स्कूल की शिक्षिका हैं, लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में जहां सभी मानसिक कमजोरी से गुजर रहे हैं. इसके मद्देनजर उन्होंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए. जिससे लोगों को घर का बना ताजा केक मिल पाए. उन्होंने 4 महीने पहले केक बनाकर लोगों तक पहुंचाना शुरू किया. जब सभी ने इसकी तारीफ की.

आपदा को अवसर में बदला
आपदा को अवसर में बदला

कृतिका की मां उमा त्रिवेदी के सुझाव पर उन्होंने इसे स्टार्टअप में बदलने का निर्णय लिया. कृतिका त्रिवेदी ने बताया कि पिछले 4 महीने से वे घर मे केक बनाकर डिलीवरी करती हैं. जिसमें 10 से ज्यादा फ्लेवर केक शामिल हैं. ब्लूबेरी, चॉकलेट, ट्रफल, पाइनएप्पल, पिनाका, रस मलाई, पान, गुलकंद फ्लेवर शामिल है. वे सभी को केक बाजार से कम दाम में मुहैया कराती हैं. इसके साथ ही केक जंक्शन नाम से कृतिका त्रिवेदी ने इंस्टाग्राम पर अकाउंट भी बनाया है. जिसके माध्यम से वह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी केक का ऑर्डर लेती है. कृतिका त्रिवेदी ने अब तक करीब 50 से ज्यादा केक की डिलीवरी की है.

पढ़ेंः पतंजलि के डेयरी कारोबार प्रमुख सुनील बंसल का कोरोना से निधन

6 महीने में कुकिंग सीख कर स्टार्ट किया होम कुकिंग बिजनेस

रायपुर के डीडी नगर में रहने वाले संकल्प लेनपाल पेशे से म्यूजिशियन और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बिलॉन्ग करते हैं, लेकिन लॉकडाउन ने सभी काम रोक दिया. जिसके कारण संकल्प लेनपाल ने पिछले 1 साल से यूट्यूब की मदद से खाना बनाना सीखकर उन्होंने होम किचन की शुरुआत की. संकल्प लेनपाल वेज, नॉनवेज खाना बनाकर लोगों को डिलीवरी कर रहे है.

आपदा को अवसर में बदला
आपदा को अवसर में बदला

साथ ही, संकल्प ने इंस्टाग्राम पर भी अपना एक अकाउंट बनाया है, जिसमें हजार से ज्यादा लोग उन्हें फॉलो करते हैं. पिछले 3 महीने से संकल्प होम किचन चला रहे हैं. अब तक 50 से ज्यादा डिलीवरी कर चुके हैं. संकल्प अपने किचन में साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए खाना बनाते हैं. हॉस्टल, पेन गेस्ट में रहने वाले लोगों को खाना पहुंचा कर उनकी भूख मिटाते हैं.

पापा से 2 हजार रुपये लेकर शुरू किया स्टार्टअप, आज 2 लाख का है टर्नओवर

रायपुर के ब्राह्मण पारा इलाके में रहने वालीं 20 वर्षीय श्रेया सोनी ने 2 हजार रुपए से अपना स्टार्टअप चालू किया है. वर्तमान में महीने का उनका टर्नओवर 2 लाख का है. दरअसल श्रेया के पिता का यूटेंसिल्स का बिजनेस था और लॉकडाउन के कारण उनका बिजनेस काफी ज्यादा प्रभावित हुआ था. जिसके बाद श्रेया ने बेकिंग के प्रोडक्ट और ग्रोसरी प्रोडक्ट लोगों को घर-घर पहुंचा रही हैं.

आपदा को अवसर में बदला

श्रेया ने अपने स्टार्टअप में दूसरे के बिजनेस और मूलभूत जरूरी सेवाओं की पूर्ति इन्होंने कराई है. मुंबई, दिल्ली के कनेक्शन निकाले और अपने माता-पिता की मदद से घर में 8 सदस्यों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधे पर उठाया है.

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