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राजीव गांधी की हत्या के दोषी की उत्तर भारतीयों से अपील, 'हमें आतंकी नहीं, पीड़ित समझें'

पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या मामले में रिहा किए गए एक दोषी ने उत्तर भारतीयों से अपील कि है कि उसे आतंकी न समझा जाए. उसने कहा कि वह खुद पीड़ित रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छह दोषियों की रिहाई के आदेश दिए थे. एक दोषी को पहले ही रिहा किया जा चुका है. दरअसल, इन दोषियों की रिहाई का कांग्रेस ने विरोध किया है. उत्तर भारत में भी इस रिहाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है.

RP Ravichandran, convict in Rajiv gandhi murder
आरपी रविचंद्रन, राजीव गांधी की हत्या का दोषी
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Published : Nov 13, 2022, 10:56 AM IST

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा कर दिया गया. इनमें से एक दोषी आर रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोग उन्हें आतंकवादी न समझें. रविचंद्रन ने कहा कि उसे हत्यारा या आतंकवादी न माना जाए, बल्कि हालात का मारा माना जाए.

उसने कहा, 'उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए. समय और शक्ति निर्धारित करती है कि कौन आतंकवादी है और कौन स्वतंत्रता सेनानी ? लेकिन समय हमें निर्दोष मानेगा, भले ही हम आतंकवादी होने का दोष सहन करें.'

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी छह दोषियों को रिहा करने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार पहले ही अनुशंसा कर चुकी थी. सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए रिहाई का आदेश दिया था. एक दोषी पेरारिवनल को पहले ही छोड़ा जा चुका है.

दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह 32 साल जेल की सजा काट चुकी थी, अब वह अपने परिवार के साथ रहना चाहती है. वह देश में सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाली (सजा काटने वाली) महिला है.

  • #WATCH | I will go wherever my husband goes. We were separated for 32 years. Our family kept waiting for us... I am not planning to meet anyone from the Gandhi family. I want to thank State & Central govt: Nalini Sriharan, a convict in the assassination of former PM Rajiv Gandhi pic.twitter.com/xXIT1IGOxU

    — ANI (@ANI) November 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने नाराजगी जाहिर की, जबकि कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस बात का सबूत है कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के फैसलों को राज्यपालों द्वारा स्थगित नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस पार्टी ने इसे अस्वीकार्य फैसला बताया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सज़ा काट रही नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन को समय से पहले रिहा किए जाने का उच्चतम न्यायालय का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य और गलत है.

रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि देश की शीर्ष अदालत ने भारत की भावना के अनुरूप कदम नहीं उठाया. उन्होंने एक बयान में कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को (समय-पूर्व) रिहा करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य और त्रुटिपूर्ण है. कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से इसकी आलोचना करती है और इसे अरक्षणीय पाती है.'

  • SC's decision to free remaining killers of former PM Rajiv Gandhi is unacceptable & completely erroneous. Congress criticises it & finds it wholly untenable. Unfortunate that SC not acted in consonance with spirit of India:Jairam Ramesh, Gen Secy in-charge Communications,Congress https://t.co/17IvZtN8dm pic.twitter.com/R1JrX0LAqY

    — ANI (@ANI) November 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि हम उस पुराने दृष्टिकोण पर कायम हैं क्योंकि हमारे अनुसार वह हत्या में शामिल हैं, शायद इसीलिए केंद्र सरकार भी इस संबंध में राज्य सरकार के विचार से कभी सहमत नहीं हुई. अभिषेक सिंघवी से जब पूछा गया कि प्रियंका गांधी ने नलिनी से मुलाकात की थी और सोनिया गांधी ने भी पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के दोषियों पर एक बयान दिया था. इस पर सिंघवी ने कहा कि 'सोनिया गांधी के लिए पार्टी की तरफ से पूरा सम्मान है, लेकिन यह उनके निजी विचार हैं, पार्टी कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है और उसने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कर दिया है.'

आपको बता दें कि राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कर दी गई थी. आतंकी संगठन एलटीटीई ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. इस मामले में जिन सात लोगों को सजा सुनाई गई थी, उनके नाम हैं- नलिनी श्रीहरन, आर रविचंद्रन, मुरुगन, पेरारिवलन, जयकुमार, संथान और रॉबर्ट पायस. कोर्ट ने सभी को मौत की सजा सुनाई थी. बाद में उनकी सजा उम्रकैद में बदल दी गई थी.

(एक्स्ट्रा इनपुट- एएनआई)

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा कर दिया गया. इनमें से एक दोषी आर रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोग उन्हें आतंकवादी न समझें. रविचंद्रन ने कहा कि उसे हत्यारा या आतंकवादी न माना जाए, बल्कि हालात का मारा माना जाए.

उसने कहा, 'उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए. समय और शक्ति निर्धारित करती है कि कौन आतंकवादी है और कौन स्वतंत्रता सेनानी ? लेकिन समय हमें निर्दोष मानेगा, भले ही हम आतंकवादी होने का दोष सहन करें.'

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी छह दोषियों को रिहा करने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार पहले ही अनुशंसा कर चुकी थी. सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए रिहाई का आदेश दिया था. एक दोषी पेरारिवनल को पहले ही छोड़ा जा चुका है.

दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह 32 साल जेल की सजा काट चुकी थी, अब वह अपने परिवार के साथ रहना चाहती है. वह देश में सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाली (सजा काटने वाली) महिला है.

  • #WATCH | I will go wherever my husband goes. We were separated for 32 years. Our family kept waiting for us... I am not planning to meet anyone from the Gandhi family. I want to thank State & Central govt: Nalini Sriharan, a convict in the assassination of former PM Rajiv Gandhi pic.twitter.com/xXIT1IGOxU

    — ANI (@ANI) November 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने नाराजगी जाहिर की, जबकि कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस बात का सबूत है कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के फैसलों को राज्यपालों द्वारा स्थगित नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस पार्टी ने इसे अस्वीकार्य फैसला बताया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सज़ा काट रही नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन को समय से पहले रिहा किए जाने का उच्चतम न्यायालय का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य और गलत है.

रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि देश की शीर्ष अदालत ने भारत की भावना के अनुरूप कदम नहीं उठाया. उन्होंने एक बयान में कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को (समय-पूर्व) रिहा करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य और त्रुटिपूर्ण है. कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से इसकी आलोचना करती है और इसे अरक्षणीय पाती है.'

  • SC's decision to free remaining killers of former PM Rajiv Gandhi is unacceptable & completely erroneous. Congress criticises it & finds it wholly untenable. Unfortunate that SC not acted in consonance with spirit of India:Jairam Ramesh, Gen Secy in-charge Communications,Congress https://t.co/17IvZtN8dm pic.twitter.com/R1JrX0LAqY

    — ANI (@ANI) November 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि हम उस पुराने दृष्टिकोण पर कायम हैं क्योंकि हमारे अनुसार वह हत्या में शामिल हैं, शायद इसीलिए केंद्र सरकार भी इस संबंध में राज्य सरकार के विचार से कभी सहमत नहीं हुई. अभिषेक सिंघवी से जब पूछा गया कि प्रियंका गांधी ने नलिनी से मुलाकात की थी और सोनिया गांधी ने भी पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के दोषियों पर एक बयान दिया था. इस पर सिंघवी ने कहा कि 'सोनिया गांधी के लिए पार्टी की तरफ से पूरा सम्मान है, लेकिन यह उनके निजी विचार हैं, पार्टी कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है और उसने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कर दिया है.'

आपको बता दें कि राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कर दी गई थी. आतंकी संगठन एलटीटीई ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. इस मामले में जिन सात लोगों को सजा सुनाई गई थी, उनके नाम हैं- नलिनी श्रीहरन, आर रविचंद्रन, मुरुगन, पेरारिवलन, जयकुमार, संथान और रॉबर्ट पायस. कोर्ट ने सभी को मौत की सजा सुनाई थी. बाद में उनकी सजा उम्रकैद में बदल दी गई थी.

(एक्स्ट्रा इनपुट- एएनआई)

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