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भारत-चीन सीमा पर बसे इन गांवों के लोग घरों में कैद, जानिए किस बात का है डर

कोरोना के कहर को देखते हुए भारत चीन सीमा पर स्थित सूकी और भलागांव के ग्रामीणों ने स्वयं को घरों में कैद कर लिया है.

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Published : May 11, 2021, 10:56 PM IST

चमोली : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत चीन सीमा पर स्थित सूकी और भलागांव में ग्रामीणों ने गांव की आशा वर्कर की मदद से ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. साथ ही पूरे गांव को सैनिटाइज करने के बाद गांव में किसी भी बाहर से गांव मे आने वाले व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों पर भी गांव से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी है, जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है. सूकी-भलागांव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला ने बताया कि सीमावर्ती गांव होने के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कई मील का सफर तय करने के बाद जोशीमठ पहुंचना पड़ता है.

कोरोना के डर से घरों में कैद हुए लोग.

उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. अस्पताल दूर है, ऐसे में अगर किसी ग्रामीण की तबीयत बिगड़ गई तो समस्याओं से दो चार होना पड़ेगा. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने आपसी सलाह के बाद गांव में पूर्ण लाकडाउन लगा दिया है. यह भी तय किया गया है कि ग्रामीणों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों के सामान की व्यवस्था ग्राम प्रधान को करनी है.

पढ़ेंः कोरोना के बाद 'साइलेंट किलर' ले रहा जान, हैप्पी हाइपोक्सिया को लेकर न रहें 'हैप्पी'

चमोली : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत चीन सीमा पर स्थित सूकी और भलागांव में ग्रामीणों ने गांव की आशा वर्कर की मदद से ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. साथ ही पूरे गांव को सैनिटाइज करने के बाद गांव में किसी भी बाहर से गांव मे आने वाले व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों पर भी गांव से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी है, जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है. सूकी-भलागांव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला ने बताया कि सीमावर्ती गांव होने के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कई मील का सफर तय करने के बाद जोशीमठ पहुंचना पड़ता है.

कोरोना के डर से घरों में कैद हुए लोग.

उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. अस्पताल दूर है, ऐसे में अगर किसी ग्रामीण की तबीयत बिगड़ गई तो समस्याओं से दो चार होना पड़ेगा. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने आपसी सलाह के बाद गांव में पूर्ण लाकडाउन लगा दिया है. यह भी तय किया गया है कि ग्रामीणों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों के सामान की व्यवस्था ग्राम प्रधान को करनी है.

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