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Pegasus पर बोले चिदंबरम, भारत सरकार इकलौती जिसे जासूसी पर फिक्र नहीं

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार दुनिया की इकलौती ऐसी सरकार है जिसे पेगासस जासूसी मामले पर कोई फिक्र नहीं है.

Chidambaram
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Published : Jul 26, 2021, 1:47 PM IST

नई दिल्ली : इजराइली स्पाईवेयर पेगासस को लेकर हंगामा जारी है. संसद में भी इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी के बयान की मांग की जा रही है. विपक्षी सांसदों के शोर-शराबे के कारण लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही के दौरान लगातार बाधा पहुंच रही है. गत पांच दिनों की कार्यवाही में चंद घंटे ही सार्थक चर्चा हो सकी है. अब ताजा घटनाक्रम में देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस प्रकरण पर टिप्पणी की है. उन्होंने मोदी सरकार के रवैये को लेकर चुटली ली. चिदंबरम ने कहा कि दुनियाभर में भारत की सरकार इकलौती है जिसे पेगासस जासूसी प्रकरण पर कोई फिक्र नहीं है.

शुक्रवार को पूर्व वित्त मंत्री ने चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेनेट को फोन किया और फ्रांस में फोन हैक करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के कथित इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी की मांग की, जिसमें राष्ट्रपति का फोन भी शामिल है. प्रधानमंत्री बेनेट ने अपनी जांच के 'निष्कर्ष' के साथ वापस आने का वादा किया.'

पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस प्रकरण पर टिप्पणी की
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस प्रकरण पर टिप्पणी की

उन्होंने आरोप लगाया, 'एकमात्र सरकार जिसे कोई फिक्र नहीं है वह भारत सरकार है! क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार जासूसी के बारे में पूरी तरह से अवगत थी और उसे इज़राइल या एनएसओ समूह से किसी और जानकारी की आवश्यकता नहीं है?'

पिछले रविवार को, कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की संभवत: निगरानी की गयी. इसमें दो मंत्री, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे. सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है.

इससे पहले रविवार को कांग्रेस ने पेगासस जासूसी प्रकरण पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ सनसनीखेज दावे किए. कांग्रेस ने दावा किया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की जासूसी करवाई गई है. जासूसी के कारण और समय पर कांग्रेस ने लिखा कि 2021 में पश्चिम बंगाल चुनावों में ऐसा कराया गया. मोदी सरकार का डर अंतहीन है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस का दावा- भाजपा ने बंगाल चुनाव के दौरान अभिषेक बनर्जी की जासूसी करवाई

कांग्रेस ने दूसरे ट्वीट में लिखा, 2019 में पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर रंजन गोगोई का उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की भी जासूसी करवाई गई. कांग्रेस ने इसका बताते हुए लिखा कि महिला ने गोगोई के खिलाफ एक शपथ पत्र दिया था इसके बाद उसकी जासूसी करवाई गई और गोगोई ने कर्नाटक में हार्स ट्रेडिंग मामले में भाजपा को क्लीन चिट दी.

गौरतलब है कि कांग्रेस इससे पहले भी पेगासस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुकी है. कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन दावा किया कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- Pegasus : राहुल बोले- प्रयोग 'राजद्रोह', भाजपा का पलटवार, एजेंसियों को सौंपें फोन

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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क्या है पेगासस स्पाइवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका वीडियो बनता रहेगा. इस स्पाइवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

नई दिल्ली : इजराइली स्पाईवेयर पेगासस को लेकर हंगामा जारी है. संसद में भी इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी के बयान की मांग की जा रही है. विपक्षी सांसदों के शोर-शराबे के कारण लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही के दौरान लगातार बाधा पहुंच रही है. गत पांच दिनों की कार्यवाही में चंद घंटे ही सार्थक चर्चा हो सकी है. अब ताजा घटनाक्रम में देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस प्रकरण पर टिप्पणी की है. उन्होंने मोदी सरकार के रवैये को लेकर चुटली ली. चिदंबरम ने कहा कि दुनियाभर में भारत की सरकार इकलौती है जिसे पेगासस जासूसी प्रकरण पर कोई फिक्र नहीं है.

शुक्रवार को पूर्व वित्त मंत्री ने चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेनेट को फोन किया और फ्रांस में फोन हैक करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के कथित इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी की मांग की, जिसमें राष्ट्रपति का फोन भी शामिल है. प्रधानमंत्री बेनेट ने अपनी जांच के 'निष्कर्ष' के साथ वापस आने का वादा किया.'

पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस प्रकरण पर टिप्पणी की
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस प्रकरण पर टिप्पणी की

उन्होंने आरोप लगाया, 'एकमात्र सरकार जिसे कोई फिक्र नहीं है वह भारत सरकार है! क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार जासूसी के बारे में पूरी तरह से अवगत थी और उसे इज़राइल या एनएसओ समूह से किसी और जानकारी की आवश्यकता नहीं है?'

पिछले रविवार को, कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की संभवत: निगरानी की गयी. इसमें दो मंत्री, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे. सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है.

इससे पहले रविवार को कांग्रेस ने पेगासस जासूसी प्रकरण पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ सनसनीखेज दावे किए. कांग्रेस ने दावा किया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की जासूसी करवाई गई है. जासूसी के कारण और समय पर कांग्रेस ने लिखा कि 2021 में पश्चिम बंगाल चुनावों में ऐसा कराया गया. मोदी सरकार का डर अंतहीन है.

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गौरतलब है कि कांग्रेस इससे पहले भी पेगासस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुकी है. कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन दावा किया कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- Pegasus : राहुल बोले- प्रयोग 'राजद्रोह', भाजपा का पलटवार, एजेंसियों को सौंपें फोन

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका वीडियो बनता रहेगा. इस स्पाइवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

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