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बलात्कारियों को सम्मानित किया जाता है, राजनीतिक कैदियों को नहीं मिलती जमानत: महबूबा

महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'यह केवल अल्ताफ शाह की बात नहीं है, शाह का परिवार एम्स में सुबह से पार्थिव शरीर के लिए बाट जोह रहा है. 88 वर्षीय स्टेन स्वामी को भी जमानत नहीं मिली थी और जेल में ही स्वामी की मौत हो गयी थी. सिद्दिकी कप्पन जैसे लोग, सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीतिक कैदी खासकर जम्मू कश्मीर के लोग एवं अलगाववादी सलाखों के पीछे हैं और उनकी तबियत ठीक नहीं है.'

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Published : Oct 11, 2022, 10:51 PM IST

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP President Mehbooba Mufti) ने मंगलवार को कहा कि एक तरफ अपराधियों एवं बलात्कारियों को रिहा किया जाता है एवं उनका अभिनंदन किया जाता है वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक कैदियों एवं ऐसे व्यक्तियों, जिनके विरूद्ध ठोस मामले नहीं हैं, उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर भी जमानत पर नहीं छोड़ा जाता है. हुर्रियत नेता दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी के दामाद व अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह की मंगलवार तड़के एम्स में कैंसर से मृत्यु हो गयी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह को तिहाड़ जेल से अस्पताल ले जाया गया था. शाह की मृत्यु के बाद महबूबा का यह बयान आया है.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का बयान

महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'यह केवल अल्ताफ शाह की बात नहीं है, शाह का परिवार एम्स में सुबह से पार्थिव शरीर के लिए बाट जोह रहा है. 88 वर्षीय स्टेन स्वामी को भी जमानत नहीं मिली थी और जेल में ही स्वामी की मौत हो गयी थी. सिद्दिकी कप्पन जैसे लोग, सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीतिक कैदी खासकर जम्मू कश्मीर के लोग एवं अलगाववादी सलाखों के पीछे हैं और उनकी तबियत ठीक नहीं है.' उन्होंने कहा, 'इस सरकार में अपराधी एवं बलात्कारी न केवल रिहा किये जाते हैं बल्कि उनका स्वागत एवं अभिनंदन भी किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन राजनीतिक कैदियों तथा ऐसे लोगों, जिनके विरूद्ध ठोस मामले नहीं हैं, को स्वास्थ्य आधार पर भी जमानत नहीं दी जाती है...गंभीर हालत में अल्ताफ शाह जैसे लोग आखिरी क्षण अपने परिवार के साथ बिता सकें.' महबूबा ने कहा कि सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गयी है. उन्होंने कहा, 'यदि स्थिति सुधर गयी होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.' उन्होंने कहा, 'हमारे हजारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है, उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाता है. आज (बांदीपुरा में धार्मिक विद्वान) रहमतुल्लाह साहिब के यहां (एनआईए का) छापा पड़ा क्योंकि कुछ दिन पहले उन्होंने उसकी (सरकार द्वारा) धार्मिक दखलअंदाजी पर बयान दिया था.'

शहरी क्षेत्रों में बीयर और तत्काल उपभोग के लिए तैयार (रेडी-टू-ड्रिंक) पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का जिक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह जम्मू कश्मीर में मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. महबूबा ने कहा, 'कल उसने (प्रशासन ने) आदेश जारी किया कि हमारे स्टोर अब खुलेआम अल्कोहल बेच सकते हैं, जबकि बिहार एवं गुजरात में मद्यनिषेध है और वे उन्हें आदर्श राज्य कहते हैं. यह बस यहां मुसलमानों की भानाएं आहत करने के लिए किया गया है. उनके दमन का परिणाम सही नहीं होगा.'

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP President Mehbooba Mufti) ने मंगलवार को कहा कि एक तरफ अपराधियों एवं बलात्कारियों को रिहा किया जाता है एवं उनका अभिनंदन किया जाता है वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक कैदियों एवं ऐसे व्यक्तियों, जिनके विरूद्ध ठोस मामले नहीं हैं, उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर भी जमानत पर नहीं छोड़ा जाता है. हुर्रियत नेता दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी के दामाद व अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह की मंगलवार तड़के एम्स में कैंसर से मृत्यु हो गयी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह को तिहाड़ जेल से अस्पताल ले जाया गया था. शाह की मृत्यु के बाद महबूबा का यह बयान आया है.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का बयान

महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'यह केवल अल्ताफ शाह की बात नहीं है, शाह का परिवार एम्स में सुबह से पार्थिव शरीर के लिए बाट जोह रहा है. 88 वर्षीय स्टेन स्वामी को भी जमानत नहीं मिली थी और जेल में ही स्वामी की मौत हो गयी थी. सिद्दिकी कप्पन जैसे लोग, सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीतिक कैदी खासकर जम्मू कश्मीर के लोग एवं अलगाववादी सलाखों के पीछे हैं और उनकी तबियत ठीक नहीं है.' उन्होंने कहा, 'इस सरकार में अपराधी एवं बलात्कारी न केवल रिहा किये जाते हैं बल्कि उनका स्वागत एवं अभिनंदन भी किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन राजनीतिक कैदियों तथा ऐसे लोगों, जिनके विरूद्ध ठोस मामले नहीं हैं, को स्वास्थ्य आधार पर भी जमानत नहीं दी जाती है...गंभीर हालत में अल्ताफ शाह जैसे लोग आखिरी क्षण अपने परिवार के साथ बिता सकें.' महबूबा ने कहा कि सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गयी है. उन्होंने कहा, 'यदि स्थिति सुधर गयी होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.' उन्होंने कहा, 'हमारे हजारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है, उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाता है. आज (बांदीपुरा में धार्मिक विद्वान) रहमतुल्लाह साहिब के यहां (एनआईए का) छापा पड़ा क्योंकि कुछ दिन पहले उन्होंने उसकी (सरकार द्वारा) धार्मिक दखलअंदाजी पर बयान दिया था.'

शहरी क्षेत्रों में बीयर और तत्काल उपभोग के लिए तैयार (रेडी-टू-ड्रिंक) पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का जिक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह जम्मू कश्मीर में मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. महबूबा ने कहा, 'कल उसने (प्रशासन ने) आदेश जारी किया कि हमारे स्टोर अब खुलेआम अल्कोहल बेच सकते हैं, जबकि बिहार एवं गुजरात में मद्यनिषेध है और वे उन्हें आदर्श राज्य कहते हैं. यह बस यहां मुसलमानों की भानाएं आहत करने के लिए किया गया है. उनके दमन का परिणाम सही नहीं होगा.'

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