नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) को अगले पांच वर्षों के लिए भारत में नए फार्मेसी कॉलेज खोलने के मामले में अंतरिम राहत दी है. कोर्ट ने उक्त आदेश पीसीआई द्वारा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर दिया.
पीसीआई की ओर से अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने बताया कि निर्णय देश में फार्मासिस्ट डिग्री धारकों की मांग और आपूर्ति और खुले बाजार के बीच असंतुलन को रोकने के लिए लिया गया था. जबकि यह अध्ययन और किए गए आंकड़ों पर आधारित था जिसमें हाई कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए.
इस संबंध में 18 दिसंबर को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फार्मेसी कॉलेजों के एक समूह की याचिका पर अपना आदेश दिया था. इस आदेश में अगले 5 वर्षों के लिए नए फार्मेसी कॉलेज खोलने पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी. इसमें कहा गया था कि प्रतिवादी याचिकाकर्ताओं को आवश्यक अनुमति और अनुमोदन के लिए और शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए आवश्यक संबद्धता प्रदान करने के लिए आवश्यक अपना आवेदन जमा करने की अनुमति देंगे. साथ ही प्रतिवादी याचिकाकर्ताओं को अपना आवेदन या तो पोर्टल खोलकर और आवेदन को स्वीकार करके या किसी अन्य स्वीकार्य तरीके से आवेदन प्राप्त करने के विकल्प में जमा करने की अनुमति देंगे.
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इतना ही नहीं उत्तरदाताओं को आगे आवेदन पर कार्रवाई करने और प्रवेश के लिए अनुमति अनुमोदन प्रदान करने के अलावा निरीक्षण आदि की आवश्यक औपचारिकताओं को समाप्त करने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता आवश्यक निरीक्षण और अन्य आवश्यक औपचारिकताओं आदि को पूरा करने के लिए आवश्यक सभी आवश्यक शुल्क और अन्य शुल्क का भुगतान करने के लिए भी उत्तरदायी होंगे. जहां तक फार्मेसी अधिनियम के संदर्भ में आवश्यक अनुमोदन और अनुमति के अंतिम आदेश का संबंध है, इसे भारतीय फार्मेसी परिषद द्वारा आदेशों को वापस लेने की वर्तमान रिट याचिका के अंतिम परिणाम के बाद किया जाएगा.
इस बारे में हाई कोर्ट ने पहले से ही आदेश दे रखा है. बता दें कि पीसीआई ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में भी इसी तरह की याचिका दायर की थी जिस पर अदालत ने नोटिस जारी किया था. अब अवकाश के बाद मामले की सुनवाई होगी.