झालावाड़. राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के तहत झालावाड़ जिले के बालीबोरड़ी में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने मीडिया को संबोधित किया (Bharat Jodo Yatra in Jhalawar). इस दौरान किसी को बख्शते नजर नहीं आए. नेशनल मीडिया को तो जी भर के सुनाया ही साथ ही इलेक्शन कमीशन और प्रधानमंत्री को लेकर भी बड़ा बयान दिया.
बायकॉट कर रही नेशनल मीडिया- सीएम गहलोत ने नेशनल मीडिया पर भारत जोड़ो यात्रा को बायोकॉट करने का आरोप लगाया. कहा इस यात्रा का कोई साथ दे रहा है तो वो सोशल मीडिया दे रहा है, आम आदमी दे रहा है लेकिन मेरा आरोप है कि नेशनल मीडिया इसका बायकॉट कर रहा है, बहिष्कार कर रहा है. साथ में उन्होंने कहा कि आप लोग तो अपना काम करते हो लेकिन आपके मालिक केन्द्र के दबाव में काम करने नहीं देते.
इलेक्शन कमिशन की उड़ रही धज्जियां- सीएम ने पीएम के वोटिंग बाद उमड़े जनसैलाब पर भी राय रखी. गौरतलब है कि अहमदाबाद में वोट करने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले ने रोड शो का रूप ले लिया इसी पर सीएम से सवाल पूछा गया. जवाब में उन्होंने कहा- यह कोई नई बात नहीं है, साल 2017 में भी चुनाव में इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं. उस समय भी पूरे देश में आलोचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुई थी, लेकिन कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में अंतर है. हमारे वक्त में देश के लोग क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे, लोकतंत्र है, इसके आधार पर फैसला होता था. हमारे मुख्यमंत्री, रेल व कानून मंत्री सहित कई ने इस्तीफे सरकारों से दिए हैं. जबकि भाजपा के शासन में लोग क्या कहेंगे इस बात की परवाह नहीं है. इलेक्शन कमिशन की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
इलेक्शन कमीशन को ललकारा- सीएम गहलोत ने चुनौती भरे अंदाज में इलेक्शन कमीशन को नसीहत दी. बोले-इलेक्शन कमीशन को अपना दमखम दिखाना चाहिए. प्राइम मिनिस्टर हो या कोई, समानता का व्यवहार होना चाहिए. दबाव और डर के कारण फैसले नहीं होने चाहिए.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का जनता में खौफ था
गोविंद सिंह डोटासरा ने झालावाड़ में खौफ की बात कही. कहा कि झालावाड़ जिले में बीते चार बार से हमारे सांसद नहीं बन पाए हैं. एक भी एमएलए हमारा झालावाड़ जिले में नहीं है. यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का खौफ आम जनता में था, लेकिन उसके बावजूद भी भव्य स्वागत राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का इस जिले में हुआ है.
राहुल की यात्रा से संगठन मजबूत हो रहा है
जयराम रमेश ने कहा कि मीडिया का ध्यान केवल राहुल गांधी पर है, लेकिन वह अकेले यह यात्रा नहीं निकाल रहे हैं. राहुल गांधी भी एक आम यात्री है और देश की निगाह उन पर है. यात्रा में महिलाआएं भी शामिल हैं जिनकी औसत आयु 38 साल है. इनमें शामिल राजस्थान के यात्रियों का परिचय भी उन्होंने कराया. साथ ही कहा कि राहुल गांधी के साथ इन सबका सामूहिक प्रयास है और इसका पहला असर कांग्रेस संगठन पर पड़ रहा है. यह यात्रा 7 राज्यों से गुजर चुकी है और जहां से भी गुजर रही है वहां के संगठन और युवा पीढ़ी में एक नई जान आई है. हमारे संगठन के लिए यह यात्रा संजीवनी की तरह है. हमारे ऊपर सवाल उठते हैं कि 2023 में राजस्थान और 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए यात्रा है. अगर संगठन मजबूत होगा तो चुनाव में इसका फायदा जरूर मिल सकता है.
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यह होगा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में
जयराम रमेश के मुताबिक राजस्थान के अलवर में बड़ी रैली आयोजित की जाएगी. इसके अलावा राहुल गांधी प्रदेश में अलग-अलग संस्थाओं से मिलेंगे. दोपहर के समय महिला, किसान, सामुदायिक सेवक, खेत मजदूर व बुनकर समेत अलग-अलग लोगों से वह मुलाकात करेंगे. दिसंबर 24 के आसपास यात्रा दिल्ली पहुंच जाएगी जहां पर 4 दिन यात्रा ठहरेगी. इसके बाद वापस यात्रा श्रीनगर के लिए निकल जाएगी और संभवत 26 जनवरी के एक-दो दिन पहले यात्रा श्रीनगर पहुंचेगी. वहीं 26 जनवरी 2023 से दूसरा चरण शुरू होगा जिसमें हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू होगा जो तीन चरण में होगा. इसमें पहले ब्लॉक स्तर पर यात्राएं जिला स्तर पर अधिवेशन और राज्य स्तर पर रैली होगी.
मध्यप्रदेश की खराब सड़कों से मेरी जान को खतरा था
जयराम रमेश ने कहा कि मध्यप्रदेश की खस्ताहाल सड़कों के चलते मेरी जान को खतरा था. राजस्थान में अब तक कोई गड्ढे वाली सड़क हमें नहीं मिली. मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद देना चाहता हूं, लेकिन मध्यप्रदेश के हालात पर मुझे चिंता है. लोग वहां कैसे चल रहे होंगे क्योंकि खंडवा, खरगोन, इंदौर, आगर-मालवा और मऊ सभी जगह सड़कें पूरी तरह से खस्ताहाल हैं. वहां पर सड़क नजर ही नहीं आती, गड्ढों के बीच में थोड़ा सा डामर का टुकड़ा दिखता है. राजस्थान में हम 14 किलोमीटर चले, लेकिन कहीं भी परेशानी महसूस नहीं हुई.
राहुल की यात्रा देश ही नहीं, विश्व में दे रही संदेश
अशोक गहलोत ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा देश नहीं दुनिया का भी ध्यान आकर्षित कर रही है. जिन देशों में डेमोक्रेसी है वहां पर यह बहुत बड़ा संदेश दे रही है. एक नौजवान सत्य और अहिंसा के मार्ग पर कारवां लेकर चल पड़ा है.
जयराम रमेश ने कहा कि कई समुदाय हमारे साथ चल रहे हैं. यह सभी लोग साल 2012 में मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ थे और अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल हुए थे, लेकिन अब सभी हमसे जुड़े हुए हैं. बीते 10 साल बाद इन्हें भी पहचान हो गई है कि कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प देश के लिए नहीं हैं. आरएसएस की विचारधारा से लड़ने के लिए कांग्रेस ही एक रास्ता है. ऐसे में यह यात्रा इन संगठनों के लिए भी प्रायश्चित का एक अवसर है.
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कांग्रेस की कमी रही, पहले आईडियोलॉजी की जगह चुनाव को प्राथमिकता दी
मीडिया ने सवाल पूछा कि चुनाव प्रचार की जगह राहुल गांधी यात्रा निकाल रहे हैं. इस पर जयराम रमेश ने जवाब दिया कि राहुल गांधी ने चुनाव से ऊपर उठकर सोचा है, विचारधारा की लड़ाई लड़नी होगी. बीते 35 से 40 साल से कांग्रेस पार्टी चुनाव के लिए ही लड़ रही थी और जीते भी हैं, लेकिन अब राहुल गांधी ने यह नजरिया बदला है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टी के लिए विचारधारा की जंग जरूरी है. देश में दो ही विचारधारा कांग्रेस और आरएसएस की है. कांग्रेस पार्टी की एक कमी बीते कई सालों से है जिसमें आईडियोलॉजी की जगह चुनाव को प्राथमिकता दी. अब राहुल गांधी इसमें सुधार कर रहे हैं. राहुल गांधी का मानना है कि कुछ चुनाव हम लड़ते रहेंगे, चुनाव हारेंगे भी और जीतेंगे भी, लेकिन यह विचारधारा की जंग कब शुरू करेंगे. यही वजह है कि यह लड़ाई हमने लड़ना शुरू कर दी है. भारत जोड़ो यात्रा का मूल मकसद भी विचारधारा की लड़ाई है.
"देश टूटा नहीं, फिर जोड़ने की बात क्यों"...पर यह मिला जवाब
भारत टूटा नहीं है फिर जोड़ने की बात कांग्रेस पार्टी यात्रा के जरिए क्यों कर रही है? इस सवाल के जवाब में जयराम रमेश ने कहा कि आरएसएस ने किसी स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया, गांधीजी के भारत छोड़ो अभियान का विरोध किया. यह विभाजनकारी विचारधारा है. पीएम मोदी का स्लोगन व इवेंट मैनेजमेंट में कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि उनकी विचारधारा और राजनीति तोड़ने का प्रयास कर रही है. भारत की अनेकता में एकता है, लेकिन यह लोग समानता चाहते हैं. यही मूल अंतर कांग्रेस और आरएसएस में है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को 71 में तोड़ा है.
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कांग्रेस से दूसरी पार्टियों ने काफी कुछ लिया...
भारत जोड़ो यात्रा का मकसद तो विपक्ष की एकता के सवाल जयराम रमेश ने यह कहा कि कांग्रेस मजबूत हो यही मकसद है. विपक्षी एकता बिना कांग्रेस के संभव नहीं है, हमारे ही नाम से कई पार्टियां खड़ी हो गईं हैं जिनमें तृणमूल, वाईएसआर व नेशनलिस्ट कांग्रेस शामिल हैं. इससे कांग्रेस को ही नुकसान हुआ है. अब सब विपक्षी पार्टियों ने समझ लिया है कि बिना कांग्रेस को मजबूत किए विपक्ष खड़ा नहीं हो सकता है. कांग्रेस पार्टी को ही खड़ा होना होगा. दूसरी पार्टियों ने कांग्रेस से बहुत कुछ लिया है. उन्हें सीटें भी हमने कई दी हैं, लेकिन अब यह समय बदलना होगा. विपक्ष की एकता का भारत जोड़ो यात्रा से कोई लेना देना नहीं है.
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संसद में राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जाता
संसद की जगह सड़क पर यात्रा निकालने के सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि संसद में राहुल गांधी आते हैं, तब उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है. जब राहुल गांधी दिल्ली पहुंचेंगे, तब 26 से 28 दिसम्बर तक संसद अटेंड करेंगे, दिग्विजय सिंह भी होंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि जब चीन ने आक्रमण किया था, तब हमारी सरकार थी और हमारे प्रधानमंत्री संसद में बैठकर आलोचना सुन रहे थे, लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री मौनी बाबा हो रहे हैं. उन्हें अपनी आलोचना सुनना पसंद नहीं है. वह संसद में ही नहीं आते हैं. जून 2020 के बाद राहुल गांधी चीन का मसला उठा रहे हैं, लेकिन उसका कोई जवाब उन्हें नहीं दिया जाता है. इसीलिए उन्होंने सड़क पर उतरकर जनता के समक्ष बात रखने का रास्ता अपनाया है.
सीएम का हुआ रूटीन चेकअप
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का रूटीन चेकअप आज झालावाड़ के सर्किट हाउस में हुआ है. मुख्यमंत्री गहलोत को थकान महसूस हो रही थी जिसके बाद झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और एसआरजी चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम पहुंची थी. हालांकि चिकित्सकों ने इसे रूटीन चेकअप ही बताया है. उन्होंने कहा कि सीएम के तहत पूरी तरह से ठीक है.