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कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी, डब्लूएचओ ने की सराहना

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा विकसित कोरोना टीका - कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन - कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. शुरुआती दौर में हेल्थ वॉरियर्स, बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी. भारत के इस महत्वपूर्ण कदम पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने देश की सराहना की है.

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Published : Jan 3, 2021, 9:06 AM IST

Updated : Jan 3, 2021, 7:44 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रही कवायद के बीच भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और ऑक्सफोर्ड के साथ सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. कैडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल की भी अनुमति दे दी गई है.

वैक्सीन को मंजूरी

बता दें कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. वीजी सोमानी ने कहा कि वैक्सीन 110 प्रतिशत सु​रक्षित हैं और किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते ही हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना.

डीसीजीआई के पिता ने जताई खुशी

इस मौके पर ईटीवी भारत ने वीजी सोमानी के पिता से बात की. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के परभणी से निकलने के बाद उनका बेटा देश के एक शीर्ष पद पर पहुंचा है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच टीके का इंतजार पूरे देश को था. उन्होंने टीके के आपात प्रयोग को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई.

डीसीजीआई वीजी सोमानी के पिता की प्रतिक्रिया

नवोन्मेष के लिये अनुकूल परिवेश की शुरुआत

भारत बायोटेक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने एक बयान में कहा, 'कोवैक्सीन के आपात उपयोग को मंजूरी मिलना भारत में नवोन्मेष तथा नये उत्पादों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है. यह देश के लिये गर्व का समय है और भारतीय वैज्ञानिक क्षमता का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. यह देश में नवोन्मेष के लिये अनुकूल परिवेश की शुरुआत है.'

उन्होंने कहा कि यह टीका महामारी के इस दौर में एक ऐसी चिकित्सकीय जरूरत को पूरा करता है, जिसका कोई हल नहीं था. कंपनी का लक्ष्य दुनिया भर के उन लोगों को टीका मुहैया कराना है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्सीन के लिए भारत द्वारा आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया है. डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने इसकी जानकारी दी.

डब्लूएचओ ने की सराहना
डब्लूएचओ ने की सराहना

मंजूरी मिलने के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 टीका 'कोविशील्ड' आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार है.

पूनावाला ने ट्वीट किया, 'सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके के भंडारण के लिए जो जोखिम उठाए, अंतत: उनका फल मिल रहा है. भारत का पहला कोविड-19 टीका 'कोविशील्ड' आगामी सप्ताह में टीकाकरण के लिए स्वीकृत, सुरक्षित, प्रभावी और तैयार है.'

उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत उन सभी लोगों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया, जिन्होंने टीका विकसित करने में सहयोग दिया.

इससे पहले विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी.

कोरोना वैक्सीन के पूर्वाभ्यास को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में के 286 स्थलों पर वैक्सीन के पूर्वाभ्यास आयोजित किया गया जिसमें करीब 96,000 वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित किया गया.

पढ़ें :-

वैक्सीन का एप्रूवल वापस लेने की हुई थी मांग
इससे पहले एआईडीएएन ने की भारत बायोटेक के वैक्सीन का एप्रूवल वापस लेने की मांग की थी. ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क (एआईडीएएन) ने कहा था कि वह भारत बायोटेक के कौवैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल मोड के लिए एसईसी द्वारा की गई सिफारिश के बारे में जान कर हैरान है. खासकर वायरस के म्यूटेन स्ट्रेन को देखते हुए ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश ने उसे परेशान कर दिया है.

साथ ही कहा, वैक्सीन की प्रभावकारिता का डेटा न होने से पैदा हुई चिंता को देखते हुए और बिना परीक्षण किए गए प्रोडक्ट को जनता के उपयोग के लिए लाने और पारदर्शिता की कमी के कारण हम डीसीजीआई से आग्रह करते हैं कि वो कोवैक्सीन को आरईयू अप्रूवल देने की एसईसी की सिफारिशों पर पुनर्विचार करे.

नई दिल्ली : देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रही कवायद के बीच भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और ऑक्सफोर्ड के साथ सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. कैडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल की भी अनुमति दे दी गई है.

वैक्सीन को मंजूरी

बता दें कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. वीजी सोमानी ने कहा कि वैक्सीन 110 प्रतिशत सु​रक्षित हैं और किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते ही हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना.

डीसीजीआई के पिता ने जताई खुशी

इस मौके पर ईटीवी भारत ने वीजी सोमानी के पिता से बात की. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के परभणी से निकलने के बाद उनका बेटा देश के एक शीर्ष पद पर पहुंचा है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच टीके का इंतजार पूरे देश को था. उन्होंने टीके के आपात प्रयोग को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई.

डीसीजीआई वीजी सोमानी के पिता की प्रतिक्रिया

नवोन्मेष के लिये अनुकूल परिवेश की शुरुआत

भारत बायोटेक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने एक बयान में कहा, 'कोवैक्सीन के आपात उपयोग को मंजूरी मिलना भारत में नवोन्मेष तथा नये उत्पादों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है. यह देश के लिये गर्व का समय है और भारतीय वैज्ञानिक क्षमता का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. यह देश में नवोन्मेष के लिये अनुकूल परिवेश की शुरुआत है.'

उन्होंने कहा कि यह टीका महामारी के इस दौर में एक ऐसी चिकित्सकीय जरूरत को पूरा करता है, जिसका कोई हल नहीं था. कंपनी का लक्ष्य दुनिया भर के उन लोगों को टीका मुहैया कराना है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्सीन के लिए भारत द्वारा आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया है. डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने इसकी जानकारी दी.

डब्लूएचओ ने की सराहना
डब्लूएचओ ने की सराहना

मंजूरी मिलने के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 टीका 'कोविशील्ड' आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार है.

पूनावाला ने ट्वीट किया, 'सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके के भंडारण के लिए जो जोखिम उठाए, अंतत: उनका फल मिल रहा है. भारत का पहला कोविड-19 टीका 'कोविशील्ड' आगामी सप्ताह में टीकाकरण के लिए स्वीकृत, सुरक्षित, प्रभावी और तैयार है.'

उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत उन सभी लोगों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया, जिन्होंने टीका विकसित करने में सहयोग दिया.

इससे पहले विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी.

कोरोना वैक्सीन के पूर्वाभ्यास को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में के 286 स्थलों पर वैक्सीन के पूर्वाभ्यास आयोजित किया गया जिसमें करीब 96,000 वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित किया गया.

पढ़ें :-

वैक्सीन का एप्रूवल वापस लेने की हुई थी मांग
इससे पहले एआईडीएएन ने की भारत बायोटेक के वैक्सीन का एप्रूवल वापस लेने की मांग की थी. ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क (एआईडीएएन) ने कहा था कि वह भारत बायोटेक के कौवैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल मोड के लिए एसईसी द्वारा की गई सिफारिश के बारे में जान कर हैरान है. खासकर वायरस के म्यूटेन स्ट्रेन को देखते हुए ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश ने उसे परेशान कर दिया है.

साथ ही कहा, वैक्सीन की प्रभावकारिता का डेटा न होने से पैदा हुई चिंता को देखते हुए और बिना परीक्षण किए गए प्रोडक्ट को जनता के उपयोग के लिए लाने और पारदर्शिता की कमी के कारण हम डीसीजीआई से आग्रह करते हैं कि वो कोवैक्सीन को आरईयू अप्रूवल देने की एसईसी की सिफारिशों पर पुनर्विचार करे.

Last Updated : Jan 3, 2021, 7:44 PM IST
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