बेंगलुरु : कर्नाटक कांग्रेस ने बुधवार को बेंगलुरु में PayCM पोस्टर्स लगाए हैं. इन पोस्टर्स में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर के साथ एक QR कोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने पर कांग्रेस की बनाई वेबसाइट खुलती है. 40% सरकार नाम की इस वेबसाइट पर कांग्रेस ने बताया है कि कैसे भाजपा के राज में कर्नाटक में 40% कमीशन रेट सामान्य हो गया है. इस वेबसाइट पर लोग सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक, बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में कर्नाटक मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर वाले ऐसे पोस्टर (PayCM posters of CM Basavaraj Bommai) लगाए गए, जिन पर 'पेसीएम' लिखा हुआ है. ये पोस्टर ऑनलाइन भुगतान ऐप पेटीएम के पोस्टर से मिलते-जुलते हैं. पोस्टर में बने क्यूआर कोड के बीच में बोम्मई की तस्वीर लगाते हुए लिखा गया है, '40 फीसदी यहां स्वीकार्य है.' यह घटनाक्रम कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे एक आक्रामक अभियान के बीच हुआ है.
कर्नाटक में कई कॉन्ट्रैक्टर्स ने दावा किया है कि राज्य की तरफ से फंड किए गए टेंडर्स की राशि में से भाजपा नेता और अधिकारी 40% रकम रिश्वत में ले लेते हैं. इसी को लेकर कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार के लिए '40% सरकार' का जुमला बनाया है. पार्टी ने राज्य सरकार पर सार्वजनिक ठेके देने और सरकारी पदों पर भर्ती करने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. प्राधिकारियों को घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही शहर से संबंधित पोस्टर हटा दिए गए. इधर, शहर के पुलिस आयुक्त प्रताप रेड्डी ने जानकारी दी है कि इस घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है तथा पोस्टर चिपकाने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. हालांकि, पुलिस ने पोस्टर लगाने वाले की पहचान उजागर नहीं किया है.
बोम्मई ने दिये जांच के आदेश
बेंगलुरु के कई हिस्सों में बुधवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर वाले ऐसे पोस्टर लगाए गए, जिन पर पेसीएम लिखा हुआ था. इसके बाद नाराज बोम्मई ने जांच के आदेश दिये. मुख्यमंत्री ने इसे छद्म अभियान करार देते हुए कहा कि ये न केवल उनकी बल्कि कर्नाटक की छवि भी खराब करते हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह मुझे और कर्नाटक को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश है. मैंने संबंधित अधिकारियों को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. हम जांच करवाकर पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन लोग हैं."
बोम्मई ने कहा, "यह सोशल मीडिया पर बेबुनियाद अभियान है. सब जानते हैं कि इस तरह की चीजें कैसे की जाती हैं. लोग भी जानते हैं कि इस तरह का अभियान कैसे चलाया जाता है." मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इसलिए आहत हैं क्योंकि इस तरह के अभियान के कारण उनसे ज्यादा कर्नाटक बदनाम हो रहा है. बोम्मई ने कहा, "इसलिए, हमने इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया है."