मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय की टीम शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत के मुंबई स्थित घर पर रेड मारने के बाद अब उसे हिरासत में ले लिया है. संजय राउत के खिलाफ 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग मामले में जांच चल रही है. उन्हें ईडी कई बार समन जारी कर चुकी है. लेकिन किसी न किसी कारण से राउत ईडी के सामने पेश नहीं हुए. इससे पहले उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान का हवाला देते हुई ईडी से पेशी के लिए और समय मांगा था. संजय राउत इस मामले में मुख्य आरोपी हैं. (Patra Chawl Land Scam).
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27 जुलाई को भी नहीं पेश हुए थे राउत : इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने मामले में राऊत को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा था, लेकिन भी राउत पेश नहीं हुए थे और उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी. लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था. हालांकि 1 जुलाई को ईडी संजय से 10 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है.
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खोटी कारवाई..
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
खोटे पुरावे
मी शिवसेना सोडणार नाही..
मरेन पण शरण जाणार नाही
जय महाराष्ट्र
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जय महाराष्ट्र
ईडी की कार्रवाई पर संजय राउत ने ट्वीट करके कहा कि महाराष्ट्र और शिवसेना लड़ते रहेंगे. राउत ने कहा कि अब भी नहीं छोडूंगा शिवसेना. राउत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत, मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा, आखिरी सांस तक नहीं छोड़ूंगा. संजय राउत ने ट्वीट करके कहा कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है. मैं बालासाहेब ठाकरे की कसम खाता हूं. उन्होंने हमें लड़ना सिखाया है. शिवसेना के लिए लड़ता रहूंगा. प्रवर्तन निदेशालय का तलाशी अभियान शुरू होने पर शिवसेना के कार्यकर्ता पार्टी के नेता संजय राउत के आवास के बाहर जमा हो गए हैं. शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि संजय राउत को चुप कराने के लिए यह राजनीतिक कार्रवाई है. देश सब देख रहा है. जनता इसका जवाब देगी.
भाजपा की प्रतिक्रिया: दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक राम कदम ने एक वीडियो जारी किया. उन्होंने उसमें कहा कि कि यदि शिवसेना नेता ने पैसों की कुछ धांधली नहीं की है, तो तीन दिन पूर्व ईडी अफसरों ने जब उन्हें जांच के लिए बुलाया, वे क्यों नहीं गए? अफसरों के सवालों से बचने का क्या कारण है? उनके पास सुबह, दोपहर, शाम पत्रकार वार्ता करने के लिए समय है, पर ईडी के अफसरों के सवालों का जवाब देने के लिए उनके पास समय नहीं है. क्या देश इस बात की सच्चाई नहीं जानता? यह बदला हुआ भारत है. इस भारत में नेता हो, अभिनेता हो, उद्योगपति हो, छोटा हो, बड़ा हो, कानून के सामने सब समान हैं. कानून अपनी कार्रवाई करेगा.
पीएमसी बैंक घोटाले में भी प्रवीण राउत : प्रवीण राउत को 2 जनवरी 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ मामला चल रहा है. इससे पहले 31 दिसंबर 2020 को ईडी ने यह भी स्पष्ट किया है कि पीएमसी बैक घोटाले के सिलसिले में ईडी ने प्रवीण राउत की 72 करोड़ 65 लाख की अचल संपत्ति को जब्त कर लिया है.
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क्या है पात्रा चॉल घोटाला मामला : ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. यह काम एमएचएडीए ने उसे सौंपा था. इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घर पुनर्विकसित होने थे. आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने एमएचएडीए को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए.
ईडी के मुताबिक, जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी. ईडी के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. जांच में सामने आया कि एचडीआईएल ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे. 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे.
इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे. ईडी के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है. आरोप है कि प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है.
पात्रा चॉल की स्थिति क्या है? : जांच में घोटाले का खुलासा होने पर राज्य सरकार ने इस डेवलपर से प्रोजेक्ट छीन लिया और उसे म्हाडा को सौंप दिया. सरकार ने रुके हुए पुनर्विकास को मंजूरी देने के लिए सेवानिवृत्त मुख्य सचिव जॉनी जोसेफ की अध्यक्षता में एक समिति गठित की. समिति की रिपोर्ट के अनुसार पात्रा चॉल पुनर्विकास की अनुमति राज्य मंत्रिमंडल ने जून में दी थी. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 25 अगस्त 2021 तक के आंकड़ों के आधार पर अब तक केवल 40 प्रतिशत पुनर्वास भवनों का ही निर्माण हो पाया है. म्हसे ने बताया कि बाकी 60 फीसदी काम पूरा करने और घरों को सौंपने में कम से कम तीन साल लगेंगे. इस परियोजना में म्हाडा की भी हिस्सेदारी है और म्हाडा को बिक्री के लिए 2700 घर मिलेंगे. इन घरों का काम भी शुरू किया जाएगा. महत्वपूर्ण बात यह है कि बोर्ड ने 2700 में से 356 घरों के लिए 2016 में लॉटरी का आयोजन किया था और आज पांच साल हो गए हैं, इन घरों के विजेताओं को कब्जे का इंतजार है. म्हाडा के बिक्री योग्य मकानों का निर्माण कार्य शुरू होने पर इन विजेताओं को भी राहत मिलेगी.