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Habeas Corpus: बंदी प्रत्यक्षीकरण पर HC सख्त, पूछा-'कहां हैं 256 फरार अभियुक्त?' कटेया केस CBI को सौंपा

पटना हाईकोर्ट ने पुलिस कस्टडी से फरार ढाई सौ से ज्यादा अभियुक्तों (Habeas Corpus Petition) के मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि इस मामले में उनकी तरफ से क्या कार्रवाई हुई है? वहीं गोपालगंज के कटेया थाने में हुए हत्याकांड में 7 जून को गिरफ्तार राजनाथ के फरार होने के मामले को भी कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. अदालत ने इसकी जांच CBI से कराने का आदेश जारी किया है.

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Published : Feb 7, 2023, 11:06 PM IST

पटना : बिहार में पुलिस कस्टडी से 256 अभियुक्त फरार होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है. अदालत ने पूछा है कि उन फरार अभियुक्तों को पकड़ने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है? प्रभारी चीफ जस्टिस सीएस सिंह और जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने धनराज राय की तरफ से दायर अपराधिक रिट (बन्दी प्रत्यक्षीकरण यानी Habeas Corpus Petition ) याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. जिसकी प्रति मंगलवार को हाई कोर्ट की वेब साइट पर उपलब्ध हुई.

ये भी पढ़ें- Patna High Court: सीएस सिंह को चीफ जस्टिस का प्रभार, जस्टिस करोल और अमानुल्लाह की विदाई

हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा केस: याचिकाकर्ता का भाई राजनाथ शर्मा को , गोपालगंज के कटेया थाने में दर्ज हुए एक हत्याकांड के सिलसिले में गत वर्ष 7 जून को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद से वो लापता है. पुलिस से पूछने पर उसने बताया कि राजनाथ अपनी गिरफ्तारी की रात थाने से बाहर शौच करने के बहाने पुलिस हिरासत से भाग गया. हाई कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जतायी कि पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त राजनाथ को अदालत में पेश करने की बजाए थाने मे ही क्यों रखा?

पुलिस की जांच पर हाईकोर्ट को संदेह: साथ ही कोर्ट ने पुलिस की निष्पक्ष जांच करने की क्षमता पर संदेह करते हुए राजनाथ के गायब होने और उससे जुड़े एक हत्याकांड के मामले की सीबीआई जांच कराने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च 2023 को होगी.

पटना : बिहार में पुलिस कस्टडी से 256 अभियुक्त फरार होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है. अदालत ने पूछा है कि उन फरार अभियुक्तों को पकड़ने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है? प्रभारी चीफ जस्टिस सीएस सिंह और जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने धनराज राय की तरफ से दायर अपराधिक रिट (बन्दी प्रत्यक्षीकरण यानी Habeas Corpus Petition ) याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. जिसकी प्रति मंगलवार को हाई कोर्ट की वेब साइट पर उपलब्ध हुई.

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हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा केस: याचिकाकर्ता का भाई राजनाथ शर्मा को , गोपालगंज के कटेया थाने में दर्ज हुए एक हत्याकांड के सिलसिले में गत वर्ष 7 जून को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद से वो लापता है. पुलिस से पूछने पर उसने बताया कि राजनाथ अपनी गिरफ्तारी की रात थाने से बाहर शौच करने के बहाने पुलिस हिरासत से भाग गया. हाई कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जतायी कि पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त राजनाथ को अदालत में पेश करने की बजाए थाने मे ही क्यों रखा?

पुलिस की जांच पर हाईकोर्ट को संदेह: साथ ही कोर्ट ने पुलिस की निष्पक्ष जांच करने की क्षमता पर संदेह करते हुए राजनाथ के गायब होने और उससे जुड़े एक हत्याकांड के मामले की सीबीआई जांच कराने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च 2023 को होगी.

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