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गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट: रांची के सीठियो बस्ती में रची गई थी साजिश, जानिए कैसे जुड़े तार - झारखंड खबर

आठ साल पहले पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट की साजिश रांची के सीठियो बस्ती में ही रची गई थी. रांची के सीठियो और हिंदपीढ़ी से पुलिस को कई की सबूत भी मिले थे.

पटना
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Published : Oct 27, 2021, 5:33 PM IST

रांची : साल 2013 में गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट की पूरी साजिश झारखंड की राजधानी रांची में रची गई थी. इस मामले में गिरफ्तार नौ आरोपियों को एनआईए की अदालत ने दोषी करार दिया है. जिन आतंकियों को विस्फोट के लिए दोषी करार दिया गया है उनमें से अधिकांश रांची के रहने वाले हैं.

गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट के तार रांची से जुड़ते ही रांची पुलिस तुरंत पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई थी. इस दौरान सबसे पहले रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित सीठियो बस्ती में रांची पुलिस ने छापेमारी कर पटना में पकड़े गए आतंकी इम्तियाज के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक और कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए थे. इसी छापेमारी में इंडियन मुजाहिदीन के रांची मॉड्यूल का खुलाशा हुआ था.

जब्त कैलेंडर से खुले कई राज

इम्तियाज के घर में छापेमारी के दौरान एक कैलेंडर भी मिला था, जिसमें पटना के गांधी मैदान और बनारस रेलवे स्टेशन को चिन्हित किया गया था. कुछ मोबाइल नंबरों की जानकारी भी एक डायरी से मिली थी. मौके से पुलिस ने लोटस की एक घड़ी भी जब्त की थी. मोबाइल नंबर की जांच के बाद पुलिस को रांची ओरमांझी के मुजीबुल्लाह के भी आईएम नेटवर्क से जुड़े होने की जानकारी मिली. पुलिस मुजीबुल्लाह के गांव चकला पहुंची तो पता चला वह किसी लॉज में रहता है.

मुजीबुल्लाह के चाचा की निशानदेही पर रांची पुलिस की टीम 4 नवंबर 2013 को हिंदपीढ़ी के ईरम लॉज पहुंची. यहां पता चला कि मुजीबुल्लाह का कमरा 24 अक्तूबर 2013 यानि गांधी मैदान में धमाके के तीन दिन पहले से बंद है. पुलिस की निगरानी में ईरम लॉज में मुजीबुल्लाह के कमरे का ताला तोड़ा गया.

मौके से पुलिस ने तीन कार्टून में 9 सीरिज में 27 टाइमर बम, 25 जिलेटिन, 14 डेटोनेटर बम बरामद किए. इन बमों में भी लोटस की घड़ी लगी थी. सभी बम एल्बो से जुड़े थे. पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की सभा, पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 में धमाके के बाद पुलिस ने मौके से रांची सीठियो के इम्तियाज अंसारी, नुमान, तौफीक को गिरफ्तार किया गया था. वहीं तौकीर की धमाके में जख्मी होने से मौत हो गई थी. हैदर उर्फ ब्लैक ब्यूटी की गिरफ्तारी 15 दिन बाद हुई थी.

दानिश और मंजर ने जोड़ा था इम्तियाज को

केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, रांची के दानिश और मंजर ने झारखंड में कई युवाओं को सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जोड़े थे. एनआईए ने पूर्व में खुलासा किया था कि मंजर डोरंडा में एक रिटायर्ड डीएसपी के यहां तकरीर में शामिल होता था. यहां उसने सीठियो के इम्तियाज को अपने प्रभाव में लिया.

बाद में इम्तियाज समेत सीठियो बस्ती के अन्य युवकों ने अक्तूबर 2013 में पटना में नरेंद्र मोदी की सभा और बोधगया में सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया था. दानिश और मंजर पर रांची में इंडियन मुजाहिदीन ने भटकल बंधुओं को भी शरण देने का आरोप है. दानिश फिलहाल गुजरात के साबरमती जेल, जबकि मंजर दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.

रांची : साल 2013 में गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट की पूरी साजिश झारखंड की राजधानी रांची में रची गई थी. इस मामले में गिरफ्तार नौ आरोपियों को एनआईए की अदालत ने दोषी करार दिया है. जिन आतंकियों को विस्फोट के लिए दोषी करार दिया गया है उनमें से अधिकांश रांची के रहने वाले हैं.

गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट के तार रांची से जुड़ते ही रांची पुलिस तुरंत पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई थी. इस दौरान सबसे पहले रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित सीठियो बस्ती में रांची पुलिस ने छापेमारी कर पटना में पकड़े गए आतंकी इम्तियाज के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक और कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए थे. इसी छापेमारी में इंडियन मुजाहिदीन के रांची मॉड्यूल का खुलाशा हुआ था.

जब्त कैलेंडर से खुले कई राज

इम्तियाज के घर में छापेमारी के दौरान एक कैलेंडर भी मिला था, जिसमें पटना के गांधी मैदान और बनारस रेलवे स्टेशन को चिन्हित किया गया था. कुछ मोबाइल नंबरों की जानकारी भी एक डायरी से मिली थी. मौके से पुलिस ने लोटस की एक घड़ी भी जब्त की थी. मोबाइल नंबर की जांच के बाद पुलिस को रांची ओरमांझी के मुजीबुल्लाह के भी आईएम नेटवर्क से जुड़े होने की जानकारी मिली. पुलिस मुजीबुल्लाह के गांव चकला पहुंची तो पता चला वह किसी लॉज में रहता है.

मुजीबुल्लाह के चाचा की निशानदेही पर रांची पुलिस की टीम 4 नवंबर 2013 को हिंदपीढ़ी के ईरम लॉज पहुंची. यहां पता चला कि मुजीबुल्लाह का कमरा 24 अक्तूबर 2013 यानि गांधी मैदान में धमाके के तीन दिन पहले से बंद है. पुलिस की निगरानी में ईरम लॉज में मुजीबुल्लाह के कमरे का ताला तोड़ा गया.

मौके से पुलिस ने तीन कार्टून में 9 सीरिज में 27 टाइमर बम, 25 जिलेटिन, 14 डेटोनेटर बम बरामद किए. इन बमों में भी लोटस की घड़ी लगी थी. सभी बम एल्बो से जुड़े थे. पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की सभा, पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 में धमाके के बाद पुलिस ने मौके से रांची सीठियो के इम्तियाज अंसारी, नुमान, तौफीक को गिरफ्तार किया गया था. वहीं तौकीर की धमाके में जख्मी होने से मौत हो गई थी. हैदर उर्फ ब्लैक ब्यूटी की गिरफ्तारी 15 दिन बाद हुई थी.

दानिश और मंजर ने जोड़ा था इम्तियाज को

केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, रांची के दानिश और मंजर ने झारखंड में कई युवाओं को सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जोड़े थे. एनआईए ने पूर्व में खुलासा किया था कि मंजर डोरंडा में एक रिटायर्ड डीएसपी के यहां तकरीर में शामिल होता था. यहां उसने सीठियो के इम्तियाज को अपने प्रभाव में लिया.

बाद में इम्तियाज समेत सीठियो बस्ती के अन्य युवकों ने अक्तूबर 2013 में पटना में नरेंद्र मोदी की सभा और बोधगया में सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया था. दानिश और मंजर पर रांची में इंडियन मुजाहिदीन ने भटकल बंधुओं को भी शरण देने का आरोप है. दानिश फिलहाल गुजरात के साबरमती जेल, जबकि मंजर दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.

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