ETV Bharat / bharat

ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के लिए नर्सिंग स्टाफ को ढूंढते रहे परिजन, तड़पता रहा मरीज

author img

By

Published : May 13, 2021, 2:25 PM IST

झालावाड़ के पिड़ावा कस्बे से हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन के अभाव में मरीज तड़पता रहा. मरीज का बेटा ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के लिए नर्सिंग स्टाफ को ढूंढता रहा. कई बार डॉक्टर से भी गुहार लगाई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. आखिरकार मरीज के बेटे को खुद ही सिलेंडर लाकर बदलना पड़ा.

ऑक्सीजन सिलेंडर
ऑक्सीजन सिलेंडर

झालावाड़ (राजस्थान) : कोरोना काल में झालावड़ से लापरवाही की हैरान कर देने वाला मामले सामने आया है. जहां एक तड़पते मरीज को देख कर भी जिम्मेदारों का दिल नहीं पसीजा. आखिरकार मरीज के बेटे ने खुद ही अस्पताल कर्मचारियों का काम किया, तब जाकर मरीज की जान बच सकी.

ऑक्सीजन के अभाव में तड़पता रहा मरीज

दरअसल, सरवर निवासी गोविंद मेघवाल ने बताया कि उसके पिता रतनलाल को चार दिन पहले बुखार व सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां पर आज अचानक से सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गई. ऐसे में उनके पिता तड़पने लगे. इस दौरान उनकी माता ने उन्हें ऑक्सीजन देने की भी कोशिश की, लेकिन उनके पिता काफी देर तक तड़पते रहे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कई बार सिलेंडर बदलने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की.

पढ़ें-भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का 2-18 वर्ष की आयु वालों पर होगा ट्रायल, मिली मंजूरी

ऐसे में अपने पिताजी को तड़पता देख वह खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आया और उसने सिलेंडर बदला तब जाकर उनके पिता को ऑक्सीजन मिली. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पिड़ावा अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों को तड़पना पड़ता है. ऐसा ही कुछ यहां पर फिर से देखने को मिला, जब कोरोना मरीज ऑक्सीजन के लिए काफी देर तक तड़पता रहा. आखिर में उसके परिजनों को ही ऑक्सीजन का सिलेंडर बदलना पड़ा.

इससे पूर्व भी ऑक्सीजन के अभाव में यहां मरीज दम तोड़ चुके हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में पंखा भी मरीजों को खुद लेकर आना पड़ता है. इसके अलावा यहां पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था नहीं है.

झालावाड़ (राजस्थान) : कोरोना काल में झालावड़ से लापरवाही की हैरान कर देने वाला मामले सामने आया है. जहां एक तड़पते मरीज को देख कर भी जिम्मेदारों का दिल नहीं पसीजा. आखिरकार मरीज के बेटे ने खुद ही अस्पताल कर्मचारियों का काम किया, तब जाकर मरीज की जान बच सकी.

ऑक्सीजन के अभाव में तड़पता रहा मरीज

दरअसल, सरवर निवासी गोविंद मेघवाल ने बताया कि उसके पिता रतनलाल को चार दिन पहले बुखार व सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां पर आज अचानक से सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गई. ऐसे में उनके पिता तड़पने लगे. इस दौरान उनकी माता ने उन्हें ऑक्सीजन देने की भी कोशिश की, लेकिन उनके पिता काफी देर तक तड़पते रहे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कई बार सिलेंडर बदलने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की.

पढ़ें-भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का 2-18 वर्ष की आयु वालों पर होगा ट्रायल, मिली मंजूरी

ऐसे में अपने पिताजी को तड़पता देख वह खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आया और उसने सिलेंडर बदला तब जाकर उनके पिता को ऑक्सीजन मिली. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पिड़ावा अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों को तड़पना पड़ता है. ऐसा ही कुछ यहां पर फिर से देखने को मिला, जब कोरोना मरीज ऑक्सीजन के लिए काफी देर तक तड़पता रहा. आखिर में उसके परिजनों को ही ऑक्सीजन का सिलेंडर बदलना पड़ा.

इससे पूर्व भी ऑक्सीजन के अभाव में यहां मरीज दम तोड़ चुके हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में पंखा भी मरीजों को खुद लेकर आना पड़ता है. इसके अलावा यहां पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.