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चमोली आपदा: मदद को आगे आया पतंजलि योगपीठ, अनाथ बच्चों का उठाएगा जिम्मा

चमोली आपदा को लेकर पतंजलि योगपीठ ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. साथ ही आपदा में अनाथ हुए बच्चों का पालन-पोषण और उनको अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी उठाने की बात भी कही है.

आचार्य बालकृष्ण
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Published : Feb 13, 2021, 10:15 AM IST

हरिद्वार : सात फरवरी को चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में कई लोगों की जान चली गई. विपदा की इस घड़ी में पतंजलि योगपीठ मदद के लिए आगे आया है. पतंजलि योगपीठ ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. साथ ही आपदा में अनाथ हुए बच्चों का पालन-पोषण और उनको अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी उठाने का भरोसा दिया है.

पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जैसे ही चमोली में आपदा के बारे में जानकारी मिली, मैंने तुरंत मुख्यमंत्री को फोन किया और हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया. हम जानते हैं कि आपदा के बाद वहां की परिस्थिति क्या होती है. हमारे द्वारा पहले भी आपदा में कार्य किया गया है. मेरी मुख्यमंत्री से इस आपदा में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने को लेकर भी बात हुई है. पतंजलि उन बच्चों की शिक्षा के साथ पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी उठाएगा.

आचार्य बालकृष्ण का बयान

पढ़ें - पांच दिन टनल में फंसे भाई का बहन को हैलो और फिर...

बालकृष्ण का कहना है कि 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद 100 अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी हमारे द्वारा ली गई थी. उसमें से कुछ बच्चे चले गए, लेकिन अभी भी उनमें से बहुत सारे बच्चे पतंजलि योगपीठ में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं. मैंने आपदा में मारे गए लोगों के लिए भगवान से प्रार्थना की है कि उनके परिवार की हिम्मत और साहस को बनाए रखें. जितनी भी मदद उन परिवार को चाहिए हम देने के लिए तैयार हैं.

हरिद्वार : सात फरवरी को चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में कई लोगों की जान चली गई. विपदा की इस घड़ी में पतंजलि योगपीठ मदद के लिए आगे आया है. पतंजलि योगपीठ ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. साथ ही आपदा में अनाथ हुए बच्चों का पालन-पोषण और उनको अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी उठाने का भरोसा दिया है.

पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जैसे ही चमोली में आपदा के बारे में जानकारी मिली, मैंने तुरंत मुख्यमंत्री को फोन किया और हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया. हम जानते हैं कि आपदा के बाद वहां की परिस्थिति क्या होती है. हमारे द्वारा पहले भी आपदा में कार्य किया गया है. मेरी मुख्यमंत्री से इस आपदा में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने को लेकर भी बात हुई है. पतंजलि उन बच्चों की शिक्षा के साथ पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी उठाएगा.

आचार्य बालकृष्ण का बयान

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बालकृष्ण का कहना है कि 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद 100 अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी हमारे द्वारा ली गई थी. उसमें से कुछ बच्चे चले गए, लेकिन अभी भी उनमें से बहुत सारे बच्चे पतंजलि योगपीठ में अच्छी शिक्षा ले रहे हैं. मैंने आपदा में मारे गए लोगों के लिए भगवान से प्रार्थना की है कि उनके परिवार की हिम्मत और साहस को बनाए रखें. जितनी भी मदद उन परिवार को चाहिए हम देने के लिए तैयार हैं.

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