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केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बोले-खगड़िया फूड पार्क जल्द होगा चालू

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि खगड़िया फूड पार्क जल्द चालू होगा और नॉर्थ ईस्ट में एक यूनिवर्सिटी भी खोली जाएगी.

पशुपति कुमार पारस
पशुपति कुमार पारस
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Published : Aug 17, 2021, 3:09 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 3:50 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मेगा फूड पार्क खुलने जा रहा है. एक महीना पहले इसको स्वीकृति मिली है. खगड़िया में फूड पार्क वर्षों से बन रहा है. अभी तक इसका पूरा काम नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा, 'मैंने अपने विभाग के अधिकारियों को कहा है कि खगड़िया जाइए और वहां पर निरीक्षण कीजिए कि क्या कमी है? उसकी रिपोर्ट मुझे दीजिए, फिर मैं सितंबर में खगड़िया का दौरा करूंगा व फूड पार्क का काम पूरा कराकर चालू करा दूंगा.

बता दें 2015 में खगड़िया के मेगा फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था, जिसकी आरंभिक लागत 130 करोड़ आंकी गई थी. 2018 में इस फूड पार्क का उद्घाटन करने तत्कालीन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल खगड़िया गयी थीं, लेकिन उन्होंने आधे अधूरे फूड पार्क को देकर उद्घाटन करने से मना कर दिया था.

ईटीवी भारत से बात करते केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मैं 20 अगस्त को बिहार जा रहा हूं, 25 तारिख को लौटूंगा. इस दौरान हमारे मंत्रालय से जुड़े जो प्रोजेक्ट बिहार में चल रहे हैं उनके कामकाज की समीक्षा करूंगा. उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 42 मेगा फूड पार्क स्वीकृत हुए थे जिसमें से 23 सभी संचालित हैं. बचे हुए जो फूड पार्क हैं. उनको जल्द खोला जाए इस दिशा में भी मैं ठोस कदम उठाऊंगा. 22 मेगा फूड पार्क के जरिए 6.50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है.

मेगा फूड पार्क में किसानों द्वारा उत्पादन के बाद फसलों के भंडारण और प्रोसेसिंग से लेकर बाजार तक आपूर्ति कराने की व्यवस्था है. किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले, उनके प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग कर बाजार उपलब्ध कराया जाए. इसी के उद्देश्य के साथ इसकी शुरुआत की गई. फूड पार्क का मकसद किसान, प्रसंस्करणकर्ताओं एवं खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराना है, जिससे मूल्यवृद्धि को अधिकतम एवं बर्बादी को न्यूनतम किया जाए.

पढ़ें - औरंगाबाद का नाम बदलने से समस्याएं हल होती हैं तो कांग्रेस समर्थन करेगी : पटोले

उन्होंने कहा कि NIFTEM बिल संसद में पारित होने से हमारे दो शैक्षणिक संस्थान NIFTEM ( कुंडली, हरियाणा) तथा आईआईएफपीटी (तंजाबूर, तमिलनाडु) राष्ट्रीय महत्व के संस्थान बन गए हैं. यह संस्थाओं में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्रों से संबंधित पाठ्यक्रम का प्रावधान होगा. उदाहरण के तौर पर कोल्ड चेन टेक्नॉलोजी, खाद्य बायो नैनोटेक्नोलॉजी.

अब देश के अंदर कहीं भी नया केंद्र खोल सकते हैं. इस बिल के पारित होने से मैं दो शैक्षणिक संस्थान देश में खोलूंगा. नॉर्थ ईस्ट में एक यूनिवर्सिटी खोलूंगा. नॉर्थईस्ट पिछड़ा हुआ है, शिक्षा की कमी है. उन राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करूंगा. जमीन देंगे तो वहां पर यूनिवर्सिटी खोलूंगा.

नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मेगा फूड पार्क खुलने जा रहा है. एक महीना पहले इसको स्वीकृति मिली है. खगड़िया में फूड पार्क वर्षों से बन रहा है. अभी तक इसका पूरा काम नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा, 'मैंने अपने विभाग के अधिकारियों को कहा है कि खगड़िया जाइए और वहां पर निरीक्षण कीजिए कि क्या कमी है? उसकी रिपोर्ट मुझे दीजिए, फिर मैं सितंबर में खगड़िया का दौरा करूंगा व फूड पार्क का काम पूरा कराकर चालू करा दूंगा.

बता दें 2015 में खगड़िया के मेगा फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था, जिसकी आरंभिक लागत 130 करोड़ आंकी गई थी. 2018 में इस फूड पार्क का उद्घाटन करने तत्कालीन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल खगड़िया गयी थीं, लेकिन उन्होंने आधे अधूरे फूड पार्क को देकर उद्घाटन करने से मना कर दिया था.

ईटीवी भारत से बात करते केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मैं 20 अगस्त को बिहार जा रहा हूं, 25 तारिख को लौटूंगा. इस दौरान हमारे मंत्रालय से जुड़े जो प्रोजेक्ट बिहार में चल रहे हैं उनके कामकाज की समीक्षा करूंगा. उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 42 मेगा फूड पार्क स्वीकृत हुए थे जिसमें से 23 सभी संचालित हैं. बचे हुए जो फूड पार्क हैं. उनको जल्द खोला जाए इस दिशा में भी मैं ठोस कदम उठाऊंगा. 22 मेगा फूड पार्क के जरिए 6.50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है.

मेगा फूड पार्क में किसानों द्वारा उत्पादन के बाद फसलों के भंडारण और प्रोसेसिंग से लेकर बाजार तक आपूर्ति कराने की व्यवस्था है. किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले, उनके प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग कर बाजार उपलब्ध कराया जाए. इसी के उद्देश्य के साथ इसकी शुरुआत की गई. फूड पार्क का मकसद किसान, प्रसंस्करणकर्ताओं एवं खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराना है, जिससे मूल्यवृद्धि को अधिकतम एवं बर्बादी को न्यूनतम किया जाए.

पढ़ें - औरंगाबाद का नाम बदलने से समस्याएं हल होती हैं तो कांग्रेस समर्थन करेगी : पटोले

उन्होंने कहा कि NIFTEM बिल संसद में पारित होने से हमारे दो शैक्षणिक संस्थान NIFTEM ( कुंडली, हरियाणा) तथा आईआईएफपीटी (तंजाबूर, तमिलनाडु) राष्ट्रीय महत्व के संस्थान बन गए हैं. यह संस्थाओं में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्रों से संबंधित पाठ्यक्रम का प्रावधान होगा. उदाहरण के तौर पर कोल्ड चेन टेक्नॉलोजी, खाद्य बायो नैनोटेक्नोलॉजी.

अब देश के अंदर कहीं भी नया केंद्र खोल सकते हैं. इस बिल के पारित होने से मैं दो शैक्षणिक संस्थान देश में खोलूंगा. नॉर्थ ईस्ट में एक यूनिवर्सिटी खोलूंगा. नॉर्थईस्ट पिछड़ा हुआ है, शिक्षा की कमी है. उन राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करूंगा. जमीन देंगे तो वहां पर यूनिवर्सिटी खोलूंगा.

Last Updated : Aug 17, 2021, 3:50 PM IST
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