नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र का आज (बुधवार) तीसरा दिन है. राज्यसभा में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, इसके बीच कार्यवाही एक बार फिर कल 11 बजे तक स्थगित कर दी गई है. वहीं, लोकसभा में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक पारित किया गया, जिसके बाद कार्यवाही को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा शून्यकाल
हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया. बैठक शुरू होने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए . इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू कराया, विपक्षी सदस्यों ने 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया और अपने स्थानों से आगे आ गए.
सभापति ने सदस्यों से कहा कि वह जो कुछ कर रहे हैं, उसे पूरा देश देख रहा है. उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने को कहा . उन्होंने कहा, .... कोई पछतावा नहीं है. आसन के समक्ष आ जाना, कार्यवाही बाधित करना, सदन में तख्तियां दिखाना, नारेबाजी करना, मंत्री के हाथों से दस्तावेज छीनना, कागज फाड़ कर आसन की ओर उछालना, अवज्ञा करना... वह सब कुछ करना जो सदन की गरिमा के, नियमों के खिलाफ है... और उस पर कोई पछतावा नहीं....
नायडू ने कहा, आप कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते, आप शून्यकाल नहीं चलने देना चाहते, आप विशेष उल्लेख नहीं चाहते... जो कुछ आप कर रहे हैं, वह लोग देख रहे हैं.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने एक बार फिर पूरी दुनिया को अलर्ट कर दिया है. सरकार अपनी तरफ से पूरी सतर्कता बरत रही हैं. इसी क्रम में आज लोकसभा में ओमीक्रोन पर नियम 193 के तहत शॉर्ट ड्यूरेशन चर्चा होगी.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोकसभा में बुधवार को कोविड-19 महामारी पर एक अल्प अवधि की चर्चा के लिए समय आवंटित किया गया है. यह चर्चा नियम 193 के अंतर्गत होगी, जिसके तहत सदस्य कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बारे में विवरण मांग सकते हैं.
जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा में बुधवार को महामारी पर एक अल्प अवधि की चर्चा होगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार संसद में कहा कि अभी तक हमारे देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया है. आगे इसका कोई मामला सामने ना आये सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. इसके लिए हमारे तरफ से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोविड कंट्रोल में है, लेकिन यह पूरी तरह गया नहीं है.
वहीं, आज राज्यसभा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र एस शेखावत बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 पेश करेंगे. यह विधेयक बांध की विफलता से संबंधित आपदाओं की रोकथाम और उनके सुरक्षित कामकाज के लिए निर्दिष्ट बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान करता है.
दूसरी तरफ, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोकसभा में कोविड-19 से मौतों की वास्तविक संख्या पर चर्चा करने और गरीबों को प्रत्येक को चार लाख रुपये मिले, यह सुनिश्चित करने का सरकार को निर्देश देने के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में 'रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि' पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. जबकि, TRS सांसद नामा नागेश्वर राव ने 'किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए खाद्यान्न खरीद और कानूनी गारंटी पर राष्ट्रीय नीति' के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने भी अनाज, खाद्य तेल, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सदन में कार्यवाही स्थगित करने का नोटिस दिया है.
बता दें कि ओमीक्रोन स्ट्रेन से खतरे पर डब्लूएचओ ने कहा है कि ओमीक्रोन कितना संक्रामक और खतरनाक (Strain Contagious and Dangerous है, इसके बारे में अनिश्चितता बनी हुई है. डब्ल्यूएचओ ने एक तकनीकी नोट में कहा कि अगर ओमीक्रोन द्वारा कोविड -19 में बड़ा उछाल होता है, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं. हालांकि अभी तक इससे कोई मौत नहीं हुई है.
28 नवंबर की बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने कहा था कि विशेष रूप से 'जोखिम में' श्रेणी के रूप में पहचाने जाने वाले देशों से आने वाले लोगों की निगरानी की जाएगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कोविड-19 के ओमीक्रोन वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी को मजबूत और तेज किया जाएगा.
इससे पहले 27 नवंबर को पीएम मोदी ने भी ओमीक्रोन वेरिएंट पर उच्चस्तरीय बैठक की थी.
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप- ओमीक्रोन वेरिएंट का पहली बार पता चला था. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए.
ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने की जरूरत पर बल दिया था. देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी.
लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप 'ओमीक्रोन' के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई.
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