नई दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर हंगामा मच गया. सदन के नेता पीयूष गोयल ने खड़गे के राजस्थान के अलवर में दिए गए भाषण का मुद्दा उठाया और उनसे माफी की मांग की. उन्होंने सदन में कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने अभद्र भाषण का प्रयोग किया. बेबुनियाद बातें कहीं और असत्य को देश के सामने रखने की कोशिश की. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और उनसे माफी की मांग करता हूं. उन्हें भाजपा और सदन और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने इस पार्टी को चुना है. इस पार्टी के लिए इन्होंने अभद्र भाषा का उपयोग किया.'
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से उन्होंने अपनी सोच और ईर्ष्या का प्रदर्शन किया. उन्हें इस बात का दुख हो सकता है, ईर्ष्या हो सकती है कि उनकी पार्टी को कोई स्वीकार नहीं कर रहा है. लेकिन इस प्रकार का अभद्र भाषण देना सभी का अपमान है. ये हर वोटर का अपमान है. मैं उनके व्यवहार और उनकी भाषा की निंदा करता हूं. मुझे याद आता है आजादी के बाद गांधीजी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी को ही वाइंड अप कर देना चाहिए. खड़गे जी इसका जीता जागता प्रतीक हैं और ये दिखा रहे हैं कि तब गांधी जी ने सत्य कहा था. और ये पार्टी के ऐसे अध्यक्ष हैं जिन्हें भाषण देना नहीं आता. उन्हें माफी मांगनी चाहिए, जब तक माफी न मांगें, तब तक उन्हें यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है.'
खड़गे ने सदन में पक्ष रखा - माफी की मांग पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा, 'मैंने राजस्थान के अलवर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो कहा वह सदन के बाहर था. मैंने जो कहा वह राजनीतिक रूप से सदन के बाहर था, भीतर नहीं. उस पर यहां चर्चा करने की जरूरत नहीं है. दूसरे, मैं अभी भी कह सकता हूं कि स्वतंत्रता संग्राम में उनकी यानी भाजपा और आरएसएस, की कोई भूमिका नहीं थी.
उन्होंने कहा, 'अगर मैं वही दोहराऊंगा जो मैंने बाहर कहा था तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी. जो आजादी के लिए लड़े हैं उनसे आप माफी मांगने के लिए कह रहे हैं. भाजपा द्वारा ये बात कही गई कि देश में एकता रखने के लिए कांग्रेस पार्टी 'भारत तोड़ो' यात्रा कर रही है. तब मैंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा देश को जोड़ने की बात करती है. इसके लिए इंदिरा गांधी जी ने अपनी जान दी, राजीव गांधी ने अपनी जान दी. आप में से किसने इस देश की एकता के लिए अपनी जान दे दी?'