ETV Bharat / bharat

Watch : हंगामे के बीच राज्यसभा में चला हंसी-मजाक, धनखड़ ने कहा, मेरी शादी को हो चुके 45 साल...

राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नोटिस देकर नियम 267 के तहत मणिपुर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा कि सभापति न हमारा सुझाव मान रहे और न हमारी मांग, इस पर सभापति ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे दुनिया में जाने जाते हैं. उन्हें मेरे द्वारा डिफेंड करने की जरूरत नहीं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 3, 2023, 1:29 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 4:00 PM IST

राज्यसभा में हंसी-मजाक, देखें वीडियो

नई दिल्ली : संसद में रोज-रोज के हंगामे के बीच गुरुवार को राज्यसभा में एक ऐसा मौका भी आया, जब सदन के सभापति जगदीप धनखड़ को अपनी 45 साल की शादी का अनुभव बताना पड़ा. दरअसल, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति को याद दिलाया कि बुधवार को मणिपुर मुद्दे पर जैसे ही उन्होंने सभापति से प्रधानमंत्री को सदन में उपस्थित रहने को कहा, तभी धनखड़ ने उन्हें साफ मना कर दिया था कि वे ऐसा निर्देश नहीं दे सकते हैं. खड़गे ने बुधवार को कहा, "मैने कल आपसे निवेदन किया था लेकिन आप जरा गुस्से में थे..."

इसमें सभापति धनखड़ हंस पड़े और कहा, "सर, मेरी शादी को 45 साल से ज्यादा वक्त हो गए, विश्वास करें, मैने आज तक गुस्सा नहीं किया. चिदंबरम सीनियर वकील हैं, उन्हें पता है कि सीनियर एडवोकेट को अथॉरिटी के सामने गुस्सा नहीं करना चाहिए. आप अथॉरिटी हैं, सर. आप जरा अपने शब्दों को मॉडिफाई करें." बस फिर क्या था, इतना सुनते ही सदन के सभी सदस्य खूब हंसे. इस पर कांग्रेस नेता खड़गे भी हंसे और उन्होंने भी सभापति से कहा, "आप गुस्सा नहीं करते. दिखाते नहीं, लेकिन आप अंदर से गुस्सा करते हो." इस पर सदन का माहौल ही बदल गया. सभी सदस्य इस पल का मजा लेने लगे. इतने में एक सदस्य ने कुछ कहा तो, सभापति ने कहा कि वो इस सदन की सदस्या नहीं हैं, तो उन पर कोई चर्चा नहीं कर सकते हैं.

इसके बाद ऐसा भी वक्त आया कि खड़गे ने सभापति से कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में न बुलाकर उन्हें डिफेंड कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "न हमारा सुझाव मान रहे हैं और हमारी मांग. उस पर आप प्रधानमंत्री को इतना डिफेंड कर रहे हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा." इस पर नाराज सभापति धनखड़ ने कहा, "प्रधानमंत्री पूरी दुनिया में सम्मानित हैं, अमेरिका में सेनेट और कांग्रेस का रिस्पांस तो हम सभी ने देखा है. हमारा देश दुनियाभर में जाना जाता है. उन्हें मेरे द्वारा डिफेंड करने की जरूरत नहीं है."

गौरतलब है कि बुधवार को जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर मुद्दे पर सदन में चर्चा करने और प्रधानमंत्री को सदन में आकर बयान देने की बात कही थी. जिस पर सभापति धनखड़ ने कहा था कि वह सदन में प्रधानमंत्री की मौजूदगी को लेकर कोई निर्देश नहीं दे सकते. यदि उन्होंने ऐसा किया तो ये उनके द्वारा ली गई शपथ का उल्लंघन करेंगे. सभापति धनखड़ ने कहा, "मैं प्रत्येक सदस्य से आग्रह करूंगा, विशेष रूप से जिनके पास अनुभव है, उन्हें अपनी सीट पर क्यों खड़ा होना चाहिए और नेता प्रतिपक्ष से समय देने का अनुरोध करना चाहिए. इस प्रक्रिया में माननीय सदस्यों में से जो सभापति से कह रहे हैं. वे इस सदन का प्रतिष्ठित हिस्सा हैं, उन्हें समय दिया जाए. मेरे और किसी भी सदस्य के बीच कोई मध्यस्थ नहीं हो सकता. बात अध्यक्ष और संबंधित सदस्य के बीच होनी चाहिए और नेता प्रतिपक्ष का पद ऊंचा होता है.

पढ़ें : Monsoon Session 2023: विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में नोटिस दिया

तभी खड़गे ने कहा, "मैंने नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है. सर मैंने लगभग आठ बिंदु बताए हैं कि मणिपुर मुद्दे पर चर्चा क्यों की जानी चाहिए और क्यों प्रधानमंत्री को आकर बयान देना चाहिए.” सभापति ने कहा, "अगर माननीय प्रधानमंत्री को आना है तो हर किसी की तरह ये उनका विशेषाधिकार है. सभापति की ओर से इस तरह का निर्देश कभी जारी नहीं किया गया है. ना ही जारी नहीं किया जाएगा. मैं विपक्ष के नेता के इस फैसले की सराहना नहीं करता."

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

राज्यसभा में हंसी-मजाक, देखें वीडियो

नई दिल्ली : संसद में रोज-रोज के हंगामे के बीच गुरुवार को राज्यसभा में एक ऐसा मौका भी आया, जब सदन के सभापति जगदीप धनखड़ को अपनी 45 साल की शादी का अनुभव बताना पड़ा. दरअसल, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति को याद दिलाया कि बुधवार को मणिपुर मुद्दे पर जैसे ही उन्होंने सभापति से प्रधानमंत्री को सदन में उपस्थित रहने को कहा, तभी धनखड़ ने उन्हें साफ मना कर दिया था कि वे ऐसा निर्देश नहीं दे सकते हैं. खड़गे ने बुधवार को कहा, "मैने कल आपसे निवेदन किया था लेकिन आप जरा गुस्से में थे..."

इसमें सभापति धनखड़ हंस पड़े और कहा, "सर, मेरी शादी को 45 साल से ज्यादा वक्त हो गए, विश्वास करें, मैने आज तक गुस्सा नहीं किया. चिदंबरम सीनियर वकील हैं, उन्हें पता है कि सीनियर एडवोकेट को अथॉरिटी के सामने गुस्सा नहीं करना चाहिए. आप अथॉरिटी हैं, सर. आप जरा अपने शब्दों को मॉडिफाई करें." बस फिर क्या था, इतना सुनते ही सदन के सभी सदस्य खूब हंसे. इस पर कांग्रेस नेता खड़गे भी हंसे और उन्होंने भी सभापति से कहा, "आप गुस्सा नहीं करते. दिखाते नहीं, लेकिन आप अंदर से गुस्सा करते हो." इस पर सदन का माहौल ही बदल गया. सभी सदस्य इस पल का मजा लेने लगे. इतने में एक सदस्य ने कुछ कहा तो, सभापति ने कहा कि वो इस सदन की सदस्या नहीं हैं, तो उन पर कोई चर्चा नहीं कर सकते हैं.

इसके बाद ऐसा भी वक्त आया कि खड़गे ने सभापति से कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में न बुलाकर उन्हें डिफेंड कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "न हमारा सुझाव मान रहे हैं और हमारी मांग. उस पर आप प्रधानमंत्री को इतना डिफेंड कर रहे हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा." इस पर नाराज सभापति धनखड़ ने कहा, "प्रधानमंत्री पूरी दुनिया में सम्मानित हैं, अमेरिका में सेनेट और कांग्रेस का रिस्पांस तो हम सभी ने देखा है. हमारा देश दुनियाभर में जाना जाता है. उन्हें मेरे द्वारा डिफेंड करने की जरूरत नहीं है."

गौरतलब है कि बुधवार को जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर मुद्दे पर सदन में चर्चा करने और प्रधानमंत्री को सदन में आकर बयान देने की बात कही थी. जिस पर सभापति धनखड़ ने कहा था कि वह सदन में प्रधानमंत्री की मौजूदगी को लेकर कोई निर्देश नहीं दे सकते. यदि उन्होंने ऐसा किया तो ये उनके द्वारा ली गई शपथ का उल्लंघन करेंगे. सभापति धनखड़ ने कहा, "मैं प्रत्येक सदस्य से आग्रह करूंगा, विशेष रूप से जिनके पास अनुभव है, उन्हें अपनी सीट पर क्यों खड़ा होना चाहिए और नेता प्रतिपक्ष से समय देने का अनुरोध करना चाहिए. इस प्रक्रिया में माननीय सदस्यों में से जो सभापति से कह रहे हैं. वे इस सदन का प्रतिष्ठित हिस्सा हैं, उन्हें समय दिया जाए. मेरे और किसी भी सदस्य के बीच कोई मध्यस्थ नहीं हो सकता. बात अध्यक्ष और संबंधित सदस्य के बीच होनी चाहिए और नेता प्रतिपक्ष का पद ऊंचा होता है.

पढ़ें : Monsoon Session 2023: विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में नोटिस दिया

तभी खड़गे ने कहा, "मैंने नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है. सर मैंने लगभग आठ बिंदु बताए हैं कि मणिपुर मुद्दे पर चर्चा क्यों की जानी चाहिए और क्यों प्रधानमंत्री को आकर बयान देना चाहिए.” सभापति ने कहा, "अगर माननीय प्रधानमंत्री को आना है तो हर किसी की तरह ये उनका विशेषाधिकार है. सभापति की ओर से इस तरह का निर्देश कभी जारी नहीं किया गया है. ना ही जारी नहीं किया जाएगा. मैं विपक्ष के नेता के इस फैसले की सराहना नहीं करता."

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 3, 2023, 4:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.