नई दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. इसमें लोकसभा में बृहस्पतिवार को भोजनावकाश के बाद सदस्यों की कम उपस्थिति के मद्देनजर एक विधेयक पर चर्चा को टाल दिया गया और सदन की बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं लगातार तीन दिनों तक राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रहने के बाद बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल हुआ हालांकि इस दौरान भी विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी रहा. फिर राज्यसभा को भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा के सदन में आज प्रश्नकाल की शुरुआत कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों द्वारा सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ और अन्य विषयों को लेकर हंगामे के बीच हुई जिसके कारण बैठक को 20 मिनट के लिए स्थगित किया गया. हालांकि 11:30 बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो प्रश्नकाल शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. इसके बाद शून्यकाल में सदस्यों ने शांतिपूर्ण माहौल में अपने-अपने विषय रखे. इस दौरान सदन में हालांकि कांग्रेस के सदस्य नहीं दिखे .
सोमवार से शुरू हुए मॉनसून सत्र में इससे पहले तीन दिन तक विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही बाधित रही थी. बृहस्पतिवार को भोजनावकाश के बाद बैठक 2:15 बजे पुन: शुरू हुई तो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध 'भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2020' का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन में सदस्यों की, विशेष रूप से विपक्षी दलों के सदस्यों की उपस्थिति बहुत कम है.
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Delhi | Congress MPs protest in Parliament against the Central government over the questioning of party president Sonia Gandhi by the Enforcement Directorate in the National Herald case pic.twitter.com/cMh1nfbBgN
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उन्होंने कहा कि अंटार्कटिका को लेकर बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है और पहली बार इस पर चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि इसके कई ऐसे पहलू हैं जो सभी के ध्यान में आने चाहिए. उन्होंने कहा कि विधेयक पेश तो पहले ही किया जा चुका है, लेकिन अब इस पर चर्चा होनी है. सिंह ने आसन से अनुरोध किया कि विधेयक पर आज प्रस्तावित चर्चा को टाल दिया जाए. पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कहा कि महत्वपूर्ण विधेयक है और इस पर चर्चा हो तो अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि सदन में आज विपक्ष की संख्या नहीं के बराबर है और सरकार की मंशा है कि बिना विपक्ष की उपस्थिति के विधेयक पारित नहीं किया जाना चाहिए.
भाजपा सांसद पी पी चौधरी ने कहा कि आज इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए विपक्ष को सदन में रहना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सदस्यों का पहला कर्तव्य है कि सदन में रहकर इतने महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा करें लेकिन बड़े खेद का विषय है कि वे आज सदन में नहीं हैं. सत्तारूढ़ पार्टी के निशिकांत दुबे ने भी इसी तरह की राय रखी. पीठासीन सभापति महताब ने उक्त विधेयक पर बाद में चर्चा होने की सूचना देते हुए सदन की कार्यवाही अपराह्न 2 बजकर 20 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी. सरकार ने पिछले बजट सत्र में निचले सदन में ‘भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2022’ पेश किया था जिसमें अंटार्कटिका में भारत की अनुसंधान गतिविधियों तथा पर्यावरण संरक्षण के लिये विनियमन ढांचा प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है.
तीन दिनों तक कार्यवाही बाधित रहने के बाद राज्यसभा में हुआ प्रश्नकाल : लगातार तीन दिनों तक राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रहने के बाद बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल हुआ हालांकि इस दौरान भी विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी रहा. राज्यसभा में प्रश्नकाल दोपहर 12 बजे शुरू होता है जिसमें सदस्य पूरक सवाल पूछते हैं और संबंधित मंत्री उनके जवाब देते हैं. प्रश्नकाल में मौखिक उत्तरों के लिए 15 प्रश्न सूचीबद्ध होते हैं और आज 13 सवाल लिए गए.
प्रश्नकाल से पहले करीब एक घंटे तक उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित रही क्योंकि विपक्षी सदस्य महंगाई और माल और सेवा कर (GST) जैसे मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे थे. हंगामे के कारण प्रश्नकाल के दौरान भी कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित रही. मानसून सत्र के पहले तीन दिन कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही. विपक्षी सदस्य महंगाई, जीएसटी और अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना आदि मुद्दों को लेकर विरोध कर रहे हैं.
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे आसन के बिल्कुल नजदीक आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. कई सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी. कुछ सदस्य महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे. उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं दिखाने की अपील करते हुए कहा कि यह संसदीय नियमों और गरिमा के अनुरूप नहीं है. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यह समय प्रश्नकाल का है और इस दौरान किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती.
हरिवंश ने सदस्यों से प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने की अपील की और कहा कि यह समय सभी सदस्यों का है. उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल की तैयारी में काफी मेहनत करनी होती है और इससे हंगामा कर रहे सदस्य भी अवगत हैं. हालांकि, उनकी अपील का हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और सदन में शोरगुल को देखते हुए उपसभापति ने करीब 12:25 बजे 10 मिनट के लिए बैठक स्थगित कर दी.
दो बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर सदन में हंगामा जारी रहा. इस दौरान उपसभापति ने शिवसेना सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी को मोबाइल फोन से सदन की तस्वीरें खींचने से मना किया और कहा कि यहां की तस्वीरें खींचना या वीडियो बनाना उच्च सदन के नियमों के खिलाफ है. उन्होंने सदस्य विशेष के लिए निर्धारित स्थान को छोड़कर अन्य सीटों पर बैठे कई सदस्यों से उनकी नियत सीट पर बैठने की भी अपील की.
हंगामे के बीच ही द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य तिरूचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा लेकिन उपसभापति ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान व्यवस्था का प्रश्न उठाने का कोई प्रावधान नहीं है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी कहा कि प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमति नहीं होती. हंगामे के बीच ही उपसभापति ने प्रश्नकाल चलाया. कई सदस्यों ने अपने-अपने पूरक सवाल किए और संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए. दोपहर एक बजे प्रश्नकाल पूरा होने पर उपसभापति हरिवंश ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. आम तौर पर जरूरी दस्तावेज सुबह बैठक शुरू होते ही रखे जाते हैं लेकिन आज हंगामे की वजह से सुबह दस्तावेज नहीं रखे जा सके थे. अंत में राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
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