नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के पांचवें दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही. महंगाई और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के चलते संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार (25 जुलाई) दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले शुक्रवार को लोकसभा ने 'भारतीय अंटार्कटिक विधेयक- 2022' को मंजूरी दी.
इससे पहले, लोकसभा में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, जीएसटी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर शुक्रवार को भारी शोर-शराबा किया, जिसके कारण कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद सोमवार (25 जुलाई) दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले लोकसभा ने 'भारतीय अंटार्कटिक विधेयक- 2022' को मंजूरी दी. वहीं, दो बार के स्थगन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीटभाई सोलंकी ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई और जीएसटी जैसे विषयों पर नारेबाजी शुरू कर दी. शोर-शराबे के बीच कुछ सदस्यों ने नियम 377 के तहत अपने विषय रखे. पीठासीन सभापति सोलंकी ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही लगभग 10 मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले आज सुबह बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा. कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने जवाब दिये.
इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था. लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए कहा कि ‘‘आप सभी को बात रखने की इजाजत दूंगा लेकिन प्रश्नकाल चलन दें और इसमें हिस्सा लें.'
उन्होंने कहा, ‘मेरा काम व्यवस्था के साथ सदन चलाना है। मैं सदन चलाना चाहता हूं, देश की जनता चाहती है कि सदन चले. मैं अपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने स्थान पर जाएं.' बिरला ने कहा कि आज मछुआरों से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न है, आप (विपक्षी सदस्य) इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रश्न पूछें. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नारेबाजी करना है तब संसद से बाहर करें, सदन में जनता से जुड़े विषयों को उठायें.
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार पहले ही कह चुकी है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वस्थ हो जायेंगी तब इस विषय (महंगाई) पर चर्चा कराई जाएगी, तब तक आप शून्यकाल में इस विषय को उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष प्रश्नकाल भी नहीं चलने दे रहा है, चर्चा भी नहीं कर रहा है और विधेयक भी पारित नहीं होने देना चाहता है. जोशी ने कहा, ‘यह किस तरह का व्यवहार है? हम इसकी निंदा करते हैं.'
इस दौरान विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. व्यवस्था नहीं बनते देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी.
राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित: महंगाई, केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग सहित अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से शुक्रवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से हंगामा हुआ जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. हंगामें की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया.
बैठक शुरू होने पर निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। इसके बाद सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें नियम 267 के तहत कुछ सदस्यों की ओर से नियत कामकाज स्थगित कर महंगाई, सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना और केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए नोटिस मिले हैं.
नायडू ने बताया कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, द्रमुक सदस्य तिरूचि शिवा, माकपा सदस्य इलामारम करीम और वी शिवदासन तथा भाकपा सदस्य विनय विश्वम ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं. सभापति के अनुसार, रालोद के जयंत चौधरी ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ योजना’ की समीक्षा के लिए चर्चा किए जाने की मांग करते हुए नोटिस दिया वहीं कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, के. सी. वेणुगोपाल तथा दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं.
उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि महंगाई के मुद्दे पर वह अलग से चर्चा कराने को तैयार है। इस पर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया. नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से ऐसा नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि हंगामे की वजह से एक सप्ताह का कीमती समय बर्बाद हो गया और सदन व सदस्यों का बहुमूल्य समय भी खराब हुआ. सभापति ने कहा ‘सदन चर्चा के लिए तैयार है, सरकार चर्चा के लिए तैयार है, फिर हंगामा क्यों?’
उन्होंने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं दिखाने को भी कहा। इसी बीच एक सदस्य ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बज कर 7 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. गौरतलब है कि 18 जुलाई सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है और हंगामे की वजह से अब एक एक बार भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया है.
(पीटीआई-भाषा)