नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र (parliament budget session) का दूसरा चरण आज से आरंभ हो गया, जिसमें विपक्ष सरकार को बढ़ती बेरोजगारी, कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर में कटौती और युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी समेत कई मामलों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है. गौरतलब है कि आठ अप्रैल तक चलने वाले संसद के बजट सत्र के दूसरे में राज्यसभा में अधिक कामकाज होगा.
बजट सत्र के दूसरे चरण में (Budget session second part) बजटीय प्रस्तावों के लिए संसद की मंजूरी लेना और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करना सरकार के एजेंडा में शीर्ष पर होंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को बजट पेश करेंगी और सदन में इस पर दोपहर के भोजन के बाद की कार्यवाही के दौरान चर्चा की जा सकती है. सरकार ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक को भी लोक सभा में विचार किये जाने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है.
बजट सत्र के पहले चरण में 29 जनवरी से 11 फरवरी तक (first part of the Budget session) दो अलग-अलग पालियों में लोक सभा और राज्यसभा की कार्यवाही संचालित की गई थी. बहरहाल, इस बार कोविड-19 संबंधी हालात में काफी सुधार आने के कारण लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से साथ-साथ चलेगी.
संसद के सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय में आरंभ होगा, जब कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने जीत हासिल की है.
इससे पहले, बजट सत्र का पहला चरण संसद के सेंट्रल हॉल में लोक सभा एवं राज्य सभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से 29 जनवरी को शुरु हुआ था, जिसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया था. सीतारमण ने एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण और केंद्रीय बजट के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी.
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आवास पर कांग्रेस की संसदीय रणनीति समिति की बैठक की अध्यक्षता की और बजट सत्र के दौरान समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के समन्वय के साथ काम करने का फैसला किया.
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राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'हमने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की. हम सत्र के दौरान जनहित से जुड़े अहम मुद्दों को उठाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय में काम करेंगे.' उन्होंने कहा, 'यूक्रेन से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी, महंगाई, बेरोजगारी, कामगारों का मुद्दा, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुद्दा आदि उन मुद्दों में शामिल हैं, जिन्हें इस सत्र में उठाया जाएगा.'
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ईपीएफ पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 फीसदी करने का शनिवार को फैसला किया. युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी पर विपक्षी दलों द्वारा सरकार से बयान की मांग किए जाने की संभावना है.
(पीटीआई-भाषा)