कांचीपुरम (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के कांचीपुरम में एक माता-पिता ने अपने दिवंगत पुत्र की घर पर ही मूर्ति स्थापित करवाई है. वह प्रतिदिन उसकी पूजा-अर्चना करते हैं. लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. कांचीपुरम जिले के वार्ड नंबर-44 वेदाचलम नगर में रिटायर शिक्षक करुणाकरण (80) व उनकी पत्नी रिटायर जिला राजस्व अधिकारी शिवगामी (75) रहते हैं. उनकी एक बेटी है जबकि बेटे की मौत हो चुकी है.
बेटा हरिकरण (48) अपनी पत्नी और बच्चे के संग माता-पिता के साथ रहता था. पिछले साल हरिकरण का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. अचानक हुई बेटे की मौत को माता-पिता स्वीकार नहीं कर सके और उन्होंने बेटे की मूर्ति लगाने का फैसला किया.
इसी क्रम में माता-पिता ने मगबली पुरम से ढाई लाख रुपये खर्च कर 5.3 फीट की मूर्ति बनवाई. इसके साथ ही उन्होंने बेटे की पैंट और शर्ट को उसकी पसंद के रंग रंगवाकर अपने घर के सामने ही स्थापित किया है. हरिकरण की प्रतिमा का अनावरण 9 मई को उनकी प्रथम वर्ष की पुण्यतिथि पर उनके करीबी दोस्तों के साथ उनके घर पर किया गया. वहीं माता-पिता बेटे की मूर्ति को अपने परिवार के देवता के रूप में पूजा करने के साथ ही परिवार के सदस्यों के प्रार्थना करते हैं.
हालांकि इस घटना से मोहल्ले के लोग और पड़ोसियों में खुशी और उत्साह है. बता दें कि बेटा हरिकरण एक निजी ईंधन आपूर्ति कंपनी में काम करता था. इसके अलावा उसने 2001 में कांचीपुरम जिले के काउंसलर का चुनाव निर्दलीय लड़ा था.
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