ऊना : मां बाप के लिए वह पल किसी सपने से कम नहीं होगा, जब 10 साल पहले मेले में बिछड़ा उनका बेटा उनसे मिला होगा. पिछले 10 साल से अपनी मां के आंचल को तरस रहे नोना को अब मां का आंचल मिल गया है. अंब पुलिस (Amb Police) की मेहनत के चलते एक मां अपने बेटे से मिल सकी. एक दूसरे के गले मिलते ही मां और बेटे की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.
मैडी मेले में बिछड़ा था बेटा
आपको बता दें कि छह साल की उम्र में राजीव उर्फ नोना वर्ष 2011 में अपनी मां नीना व पिता चंदन के साथ मैडी मेला में गया था और उसी दौरान वह बिछड़ा गया था. जिसके बाद परिजनों ने रंग थाना में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. 2014 में प्रदेश सरकार ने पुलिस को सभी गुमशुदा मामलों में एफआईआर दर्ज (FIR registered) करने के आदेश जारी किए थे.
जिसके बाद अंब पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के एक साल बाद तक तलाश की, इसके बाद वर्ष 2015 में इस फाइल को फिर बंद कर दिया गया. वर्ष 2018 इस परिवार के लिए एक खुशी की आहट लेकर आया. जब गुरदासपुर के एक चिल्ड्रन होम से डीसी ऊना को एक बच्चे के होने और उसकी शिनाख्त करने का लेटर प्राप्त हुआ. इस लेटर को डीसी ऊना ने अंब थाना में भेज दिया. जिसके बाद अंब पुलिस ने एक टीम गठित की थी.
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खाकी की मेहनत रंग लाई
पुलिस की टीम गुरदासपुर के चिल्ड्रन होम से मिली लेकिन यह खुशी उस धुंधली किरण की तरह थी, जिसको साफ होने में समय लगना था. राजीव जब गुम हुआ था, उस वक्त उसके परिजन दिल्ली में रहते थे. पुलिस जब राजीव की जानकारी लेकर दिल्ली पहुंची तो पता चला कि वह दिल्ली से लुधियाना जा चुके हैं. लुधियाना पहुंचने पर भी पुलिस को राजीव के मां-बाप के फिरोजपुर चले जाने की सूचना मिली.
दो साल से अधिक मेहनत करने के बाद आखिरकार पुलिस ने राजीव के परिजनों को फिरोजपुर से ढूंढ लिया. मां ने बेटे की पहचान कर ली, मगर अब भी उन दोनों के बीच चिल्ड्रन होम की औपचारिकताओं की दीवार खड़ी थी, जिसे पूरा करने में 6 महीने से अधिक समय लग गया. आखिरकार सोमवार को दोनों एक दूसरे के गले मिल सके.