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परमबीर सिंह ने अपने तबादले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने होमगार्ड विभाग में अपने स्थानांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है. मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए थे.

परमबीर सिंह ने अपने स्थानांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
परमबीर सिंह ने अपने स्थानांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
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Published : Mar 22, 2021, 2:20 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 3:55 PM IST

नई दिल्ली : मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कदाचार की सीबीआई से 'पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र' जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया.

सिंह, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को 'मनमाना' और 'गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, 'याचिकाकर्ता ने साक्ष्यों को नष्ट कर दिये जाने से पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कदाचार की पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने का इस अदालत से अनुरोध करते हुए रिट अधिकारक्षेत्र का सहारा लिया है.'

सिंह ने आरोप लगाया है, 'देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था. साथ ही, विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था.'

सिंह ने कहा कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत को सुनने के आधार पर पदस्थापना/तबादला में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफियाविभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था.

उन्होंने देशमुख के कदाचार का खुलासा करने पर बदले की कार्रवाई के तहत उन पर (सिंह पर) किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई से संरक्षण के लिए निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है.

दरअसल बुधवार को अचानक ही मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के तबादले की घोषणा कर दी गई थी. उन्हें होमगार्ड का डीजी बनाया गया है. पूरा मामला 25 फरवरी को अंबानी की एंटीलिया इमारत के बाहर मिली लावारिस एसयूवी से जुड़ा है.

पढ़ें- महाराष्ट्र में 'लेटर बम' : सीएम को परमबीर का पत्र, गृह मंत्री पर 100 करोड़ वसूली के आरोप

यूएसवी में जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं. आरोप है कि एसयूवी में सचिन वाजे ने ही जिलेटिन रखा था. इन्हीं आरोपों के सिलसिले में सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था. विपक्ष के आरोपों के बीच पूरे मामले में मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर पर भी गाज गिरी थी.

पढ़ें- परमबीर के 'लेटर बम' पर गृह मंत्री देशमुख की सफाई, आरोप बेबुनियाद

अब परमबीर सिंह ने तबादले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

नई दिल्ली : मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कदाचार की सीबीआई से 'पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र' जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया.

सिंह, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को 'मनमाना' और 'गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, 'याचिकाकर्ता ने साक्ष्यों को नष्ट कर दिये जाने से पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कदाचार की पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने का इस अदालत से अनुरोध करते हुए रिट अधिकारक्षेत्र का सहारा लिया है.'

सिंह ने आरोप लगाया है, 'देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था. साथ ही, विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था.'

सिंह ने कहा कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत को सुनने के आधार पर पदस्थापना/तबादला में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफियाविभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था.

उन्होंने देशमुख के कदाचार का खुलासा करने पर बदले की कार्रवाई के तहत उन पर (सिंह पर) किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई से संरक्षण के लिए निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है.

दरअसल बुधवार को अचानक ही मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के तबादले की घोषणा कर दी गई थी. उन्हें होमगार्ड का डीजी बनाया गया है. पूरा मामला 25 फरवरी को अंबानी की एंटीलिया इमारत के बाहर मिली लावारिस एसयूवी से जुड़ा है.

पढ़ें- महाराष्ट्र में 'लेटर बम' : सीएम को परमबीर का पत्र, गृह मंत्री पर 100 करोड़ वसूली के आरोप

यूएसवी में जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं. आरोप है कि एसयूवी में सचिन वाजे ने ही जिलेटिन रखा था. इन्हीं आरोपों के सिलसिले में सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था. विपक्ष के आरोपों के बीच पूरे मामले में मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर पर भी गाज गिरी थी.

पढ़ें- परमबीर के 'लेटर बम' पर गृह मंत्री देशमुख की सफाई, आरोप बेबुनियाद

अब परमबीर सिंह ने तबादले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

Last Updated : Mar 22, 2021, 3:55 PM IST
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