नई दिल्ली : पिछले दिनों ओलिंपिक खेलों में भारत का गौरव बढ़ाने वाले पैरा खिलाड़ियों को इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से नवाजा गया है.
इन्हें मिला अर्जुन अवार्ड
पैरा हाई जम्पर और अर्जुन अवार्डी शरद कुमार ने कहा, मुझे अपना हुनर दिखाने में एक दशक लग गया. भारत सरकार, खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने मेरा प्रशिक्षण और प्रदर्शन देखा, इसलिए मैं अपने अर्जुन पुरस्कार के लिए बहुत आभारी हूं. साई ने मेरा समर्थन किया है और मेरी क्षमता पर मुझ से अधिक भरोसा किया है.
पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार विजेता भाविना पटेल ने कहा, मैं अर्जुन पुरस्कार पाकर बहुत खुश और उत्साहित हूं. मुझे और अधिक मेहनत करनी है, अधिक पुरस्कार प्राप्त करने हैं, और भारत को गौरवान्वित करना है क्योंकि यह मेरी यात्रा का अंत नहीं है.
टेनिस खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार विजेता अंकिता रैना ने कहा, यह मेरे, मेरे परिवार, टीम और कोचों के लिए कठिन था. हम सभी बहुत खुश हैं क्योंकि यह निश्चित रूप से एथलीट्स को प्रेरित करता है और दूसरों को भी प्रेरित करता है. भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल मंत्रालय ने विशेष रूप से कोविड कि कठिन परिस्थितियों में बहुत मदद की.
पैरालंपिक डिस्कस थ्रो खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार विजेता योगेश कथुनिया ने कहा, मैं खुश हूं. मैं और मेरा परिवार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान पाने का इंतजार नहीं कर सकते. भारतीय खेल प्राधिकरण ने मेरी सबसे अधिक मदद की, क्योंकि उन्होंने मुझे नामांकित और सम्मानित किया.
इन्हें मिला खेल रत्न
पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता शटलर कृष्णा नागर ने कहा, मेरे सपने धीरे-धीरे पूरे हो रहे हैं. यह गर्व का क्षण है. मैंने पहले गोल्ड जीता, फिर मेरा चयन खेल रत्न पुरस्कार के लिए हुआ. यह अच्छा लग रहा है. मेरे परिवार में हर कोई उत्साहित है. इतना लंबा समय तय करने में मुझे कई साल लग गए.
टोक्यो पैरालिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता शटलर प्रमोद भगत ने कहा, मुझे इस साल खेल रत्न पुरस्कार मिल रहा है. मुझे अच्छा लग रहा है क्योंकि देश ने सक्षम और पैरा एथलीट्स के साथ समान व्यवहार किया है. हमने पैरालिंपिक में 19 पदक जीते, हम आने वाले समय में और पदक जीतेंगे और देश का नाम रोशन करते रहेंगे.