भुवनेश्वर : दृढ़ इच्छा शक्ति असंभव को भी संभव कर देती है. भुवनेश्वर की शशांक शेखर दास ऐसे ही एक शख्स हैं. इन्हें पुराने अखबार इकट्ठा करने की लत है. उनके नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. उन्हें भारत के पेपरमैन के रूप में जाना जाता है. वह अखबार इकट्ठा करते हैं. शेखर न केवल ओडिया भाषा बल्कि दुनिया की अन्य भाषाओं के अखबार भी इकट्ठा करते हैं. उनकी एक पेपर म्यूजियम बनाने की भी योजना है. शेखर दास ने विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर समाचार पत्र एकत्र करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड जीता. उन्होंने हाल ही में इटली के सेरिगो बोदानी का रिकॉर्ड तोड़कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा था.
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उन्होंने 2000 में समाचार पत्र एकत्र करना शुरू किया. बाद में उन्होंने अन्य भाषाओं के समाचार पत्र एकत्र किए. शेखर ने अब तक10000 से अधिक प्रकार के समाचार पत्रों का संग्रह कर चुके हैं. इनमें से 94, 153 देशों के क्षेत्रीय भाषा के समाचार पत्र हैं. शशांक शेखर दास का नाम 3 बार लिम्का, एक बार इंडिया बुक, एक बार क्रेडेंस बुक और एक बार OMG रिकॉर्ड बुक में शामिल है. शशांक सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग देशों के लोगों से अखबार इकट्ठा करते रहे हैं.
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पेपरमैन शशांक शेखर दास ने कहा कि मैंने पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया. उस समय, मुझे कुछ अखबारों की कतरनें एकत्रित करने का अवसर मिला. बाद में यही अखबारों का संग्रह शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि आज तक मैंने 10,000 से अधिक अखबार एकत्र किए हैं. इस काम के लिए उन्हें राज्यपाल की ओर से सम्मानित भी किया गया. साशा ने जाजपुर गांव में एक संग्रहालय भी स्थापित किया है.