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दाे वक्त की राेटी के माेहताज जम्मू-कश्मीर के ये लाेग

काेराेना महामारी काे लेकर लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्याेग बुरी तरह प्रभावित है. आलम यह है कि यहां पर्यटन उद्याेग से जुड़े लाेगाें के लिए दाे वक्त की राेटी का जुगाड़ करना मुश्किल हाे रहा है. उन्हाेंने सरकार से राहत पैकेट की घाेषणा करने की अपील की है.

जम्मू-कश्मीर
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Published : May 15, 2021, 8:54 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हर साल अप्रैल और मई में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जाती है. दुनिया भर से पर्यटक इस मौसम में कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते हैं.

हालांकि, करीब पिछले तीन वर्षों से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग लॉकडाउन के कारण मंदी की मार झेल रहे हैं.

जब कोरोना वायरस के मामले घटने शुरू हुए थे तब घाटी के टूर ऑपरेटरों ने इस बात पर खुशी जताई कि कश्मीर में पर्यटन को सालों की सुस्ती के बाद फिर से शुरू किया जा सकेगा. हालांकि, काेराेना की दूसरी लहर काे लेकर टूर ऑपरेटरों को फिर से निराशा हाथ लगी.

लॉकडाउन से जम्मू-कश्मीर का पर्यटन प्रभावित

जम्मू एंड कश्मीर टूरिज्म एलायंस के चेयरमैन मंजूर पख्तून ने कहा कि महामारी ने कश्मीर में पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. पहले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और फिर कोविड काे लेकर हुए लॉकडाउन के कारण यहां की परिस्थितयां सही नहीं हैं. पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत प्रयास किए गए, जिससे उम्मीद भी जगी थी. हालांकि, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद सारी उम्मीदाें पर पानी फिर गया.

बता दें कि इस बार टूर ऑपरेटरों ने देश और विदेशों में रोड शो आयोजित किए थे और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टूर पैकेज शुरू किए थे, जिसके प्रति लाेग आकर्षित हुए और दुनिया भर से बुकिंग शुरू हाे गई थी, लेकिन वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर सभी बुकिंग रद्द करनी पड़ी.

चेयरमैन मंजूर पख्तून ने कहा कि टूर ऑपरेटर अमरनाथ यात्रा के दौरान अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे थे और उन्होंने इसके लिए पैकेज तैयार किए थे. लेकिन अब पंजीकरण बंद कर दिया गया है, इसकी वजह से हमें बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. उन्हाेंने कहा कि इसका अनुमान नहीं था कि इतना बड़ा नुकसान हाेगा. सरकार को इसके लिए कुछ उपाय करना चाहिए, ताकि पर्यटन उद्योग को राहत मिल सके.

वहीं कश्मीर के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, फारूक कोथू ने कहा कि उन्हें इस वर्ष कुछ उम्मीद जगी थी. इस उद्योग से जुड़े अधिकांश लोग प्रभावित हैं, हालांकि मानव जीवन पहले है, इसलिए मैं इसे रद्द करने के पक्ष में हूं.

उन्हाेंने सरकार से राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की है. उनका कहना है कि पर्यटन उद्योग को लगे झटके के कारण लगभग एक लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं. सरकार को तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, ताकि जब स्थिति सामान्य हो तो वे अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकें, फारूक का कहना है कि अधिकांश लोग दो वक्त का भोजन नहीं जुटा पा रहे हैं.

बता दें कि कश्मीर में 2021 के पहले तीन महीनों में 92,913 पर्यटकों की भीड़ देखी गई थी, जिनमें से 354 विदेशी और 92,559 स्थानीय थे.

इसे भी पढ़ें : देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3.26 लाख नए केस

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च में सबसे ज्यादा पर्यटक घाटी में आए थे. मार्च में कुल 47,593 पर्यटक घाटी पहुंचे जिनमें से 47,453 स्थानीय थे जबकि 140 विदेशी शामिल थे.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हर साल अप्रैल और मई में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जाती है. दुनिया भर से पर्यटक इस मौसम में कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते हैं.

हालांकि, करीब पिछले तीन वर्षों से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग लॉकडाउन के कारण मंदी की मार झेल रहे हैं.

जब कोरोना वायरस के मामले घटने शुरू हुए थे तब घाटी के टूर ऑपरेटरों ने इस बात पर खुशी जताई कि कश्मीर में पर्यटन को सालों की सुस्ती के बाद फिर से शुरू किया जा सकेगा. हालांकि, काेराेना की दूसरी लहर काे लेकर टूर ऑपरेटरों को फिर से निराशा हाथ लगी.

लॉकडाउन से जम्मू-कश्मीर का पर्यटन प्रभावित

जम्मू एंड कश्मीर टूरिज्म एलायंस के चेयरमैन मंजूर पख्तून ने कहा कि महामारी ने कश्मीर में पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. पहले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और फिर कोविड काे लेकर हुए लॉकडाउन के कारण यहां की परिस्थितयां सही नहीं हैं. पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत प्रयास किए गए, जिससे उम्मीद भी जगी थी. हालांकि, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद सारी उम्मीदाें पर पानी फिर गया.

बता दें कि इस बार टूर ऑपरेटरों ने देश और विदेशों में रोड शो आयोजित किए थे और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टूर पैकेज शुरू किए थे, जिसके प्रति लाेग आकर्षित हुए और दुनिया भर से बुकिंग शुरू हाे गई थी, लेकिन वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर सभी बुकिंग रद्द करनी पड़ी.

चेयरमैन मंजूर पख्तून ने कहा कि टूर ऑपरेटर अमरनाथ यात्रा के दौरान अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे थे और उन्होंने इसके लिए पैकेज तैयार किए थे. लेकिन अब पंजीकरण बंद कर दिया गया है, इसकी वजह से हमें बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है. उन्हाेंने कहा कि इसका अनुमान नहीं था कि इतना बड़ा नुकसान हाेगा. सरकार को इसके लिए कुछ उपाय करना चाहिए, ताकि पर्यटन उद्योग को राहत मिल सके.

वहीं कश्मीर के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, फारूक कोथू ने कहा कि उन्हें इस वर्ष कुछ उम्मीद जगी थी. इस उद्योग से जुड़े अधिकांश लोग प्रभावित हैं, हालांकि मानव जीवन पहले है, इसलिए मैं इसे रद्द करने के पक्ष में हूं.

उन्हाेंने सरकार से राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की है. उनका कहना है कि पर्यटन उद्योग को लगे झटके के कारण लगभग एक लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं. सरकार को तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, ताकि जब स्थिति सामान्य हो तो वे अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकें, फारूक का कहना है कि अधिकांश लोग दो वक्त का भोजन नहीं जुटा पा रहे हैं.

बता दें कि कश्मीर में 2021 के पहले तीन महीनों में 92,913 पर्यटकों की भीड़ देखी गई थी, जिनमें से 354 विदेशी और 92,559 स्थानीय थे.

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आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च में सबसे ज्यादा पर्यटक घाटी में आए थे. मार्च में कुल 47,593 पर्यटक घाटी पहुंचे जिनमें से 47,453 स्थानीय थे जबकि 140 विदेशी शामिल थे.

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