ETV Bharat / bharat

पवित्र सरयू नदी में स्नान के साथ अयोध्या में शुरू हुई पंचकोसी परिक्रमा, लाखों भक्त राम नाम जप करते कर रहे परिक्रमा

पवित्र सरयू नदी में स्नान के साथ अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा (Panchkosi Parikrama in Ayodhya) शुरू हो गई है. लाखों भक्त राम नाम का जाप करते हुए परिक्रमा कर रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 23, 2023, 8:08 AM IST

अयोध्याः बुधवार की रात्रि 9:25 बजे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्म स्थली अयोध्या के चतुर्दिक पांच कोसी परिक्रमा शुरू (Panchkosi Parikrama started in Ayodhya) हो गई. करीब 15 किलोमीटर लंबे परिक्रमा पथ पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री राम नाम का जाप करते हुए आस्था की डगर पर कदमताल शुरू किया. देवोत्थानी एकादशी के पवित्र अवसर पर या परिक्रमा शुरू हुई. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा ले रहे हैं.

Etv bharat
अयोध्या में राम नाम के जाप के साथ शुरू हुई पंचकोसी परिक्रमा.

अयोध्या के नया घाट क्षेत्र स्थित सरयू तट पर मां सरयू के पुण्य सलिल जल में स्नान के बाद परिक्रमार्थियों ने परंपरागत रूप से पांच कोसी परिक्रमा शुरू कर दी. यह परिक्रमा अयोध्या नगर में अलग-अलग स्थानों से शुरू होकर गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड, राजघाट, झुनकी घाट, संत तुलसी घाट, वासुदेव घाट, सेवक पुरम चौराहा हल्कारा का पुरवा होते हुए सरयू तट पर खत्म होगी. सरयू घाट के अलावा अयोध्या नगर के विभिन्न स्थानों से परिक्रमार्थियों ने अपनी सुविधा अनुसार स्थान से परिक्रमा शुरू की .

ये है परिक्रमा का महत्व

शास्त्रों में लिखा है- 'यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणा पदे पदे' यानी परिक्रमा पथ पर चला गया एक एक पद हजारों पापों का नाश करता है और मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है. परिक्रमा करने की परम्परा आदिकाल से चली आ रही है. शास्त्रों में भी वर्णित है कि पवित्र स्थलों, देवी देवताओं और धर्म स्थल की परिक्रमा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और मनुष्य के सभी कष्ट मिट जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या राम मंदिर : प्रदेश के हर शहर से लोगों को रामलला के निशुल्क दर्शन कराएगा विहिप

ये भी पढ़ेंः राम नाम जप के साथ अयोध्या में हो रही 14 कोसी परिक्रमा, क्या है परिक्रमा का आध्यात्मिक-वैज्ञानिक लाभ

अयोध्याः बुधवार की रात्रि 9:25 बजे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्म स्थली अयोध्या के चतुर्दिक पांच कोसी परिक्रमा शुरू (Panchkosi Parikrama started in Ayodhya) हो गई. करीब 15 किलोमीटर लंबे परिक्रमा पथ पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री राम नाम का जाप करते हुए आस्था की डगर पर कदमताल शुरू किया. देवोत्थानी एकादशी के पवित्र अवसर पर या परिक्रमा शुरू हुई. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा ले रहे हैं.

Etv bharat
अयोध्या में राम नाम के जाप के साथ शुरू हुई पंचकोसी परिक्रमा.

अयोध्या के नया घाट क्षेत्र स्थित सरयू तट पर मां सरयू के पुण्य सलिल जल में स्नान के बाद परिक्रमार्थियों ने परंपरागत रूप से पांच कोसी परिक्रमा शुरू कर दी. यह परिक्रमा अयोध्या नगर में अलग-अलग स्थानों से शुरू होकर गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड, राजघाट, झुनकी घाट, संत तुलसी घाट, वासुदेव घाट, सेवक पुरम चौराहा हल्कारा का पुरवा होते हुए सरयू तट पर खत्म होगी. सरयू घाट के अलावा अयोध्या नगर के विभिन्न स्थानों से परिक्रमार्थियों ने अपनी सुविधा अनुसार स्थान से परिक्रमा शुरू की .

ये है परिक्रमा का महत्व

शास्त्रों में लिखा है- 'यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणा पदे पदे' यानी परिक्रमा पथ पर चला गया एक एक पद हजारों पापों का नाश करता है और मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है. परिक्रमा करने की परम्परा आदिकाल से चली आ रही है. शास्त्रों में भी वर्णित है कि पवित्र स्थलों, देवी देवताओं और धर्म स्थल की परिक्रमा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और मनुष्य के सभी कष्ट मिट जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या राम मंदिर : प्रदेश के हर शहर से लोगों को रामलला के निशुल्क दर्शन कराएगा विहिप

ये भी पढ़ेंः राम नाम जप के साथ अयोध्या में हो रही 14 कोसी परिक्रमा, क्या है परिक्रमा का आध्यात्मिक-वैज्ञानिक लाभ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.