मुंबई : महाराष्ट्र के गृह विभाग ने मुंबई के पास पालघर जिले में भीड़ द्वारा दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले की जांच करीब ढाई साल बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है (Palghar Sadhu lynching case). इस मामले की जांच, अब तक राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा था. प्रदेश के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की.
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी पर काबू के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल, 2020 की रात की इस घटना में मुंबई के कांदिवली के तीन व्यक्ति गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कार से यात्रा कर रहे थे. रास्ते में उनकी कार को रोक लिया गया और उन पर हमला किया गया. आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने 'बच्चा चोर' होने के संदेह में उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी. यह घटना ऐसे समय में हुई, जब कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू था.
मृतकों में दो संतों के साथ उनकी कार का चालक भी था. उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्ष में थी और उसने संतों पर हमले के पीछे साजिश होने का आरोप लगाया था और घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी. तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि कुछ ग्रामीणों ने उन्हें 'बच्चा चोर' समझ लिया था और उन पर हमला किया था.
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(पीटीआई-भाषा)