नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को पालघर में पटाखों के एक कारखाने में विस्फोट से घायल हुए श्रमिकों को 15 -15 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया. इसके अलावा एनजीटी ने कहा है कि सीपीसीबी के साथ मिलकर जोखिमों का अध्ययन भी किया जाए. अध्ययन के लिए तीन माह की अवधि तय की गई है.
बिना किसी बाधा के लाभार्थियाें को भुगतान हो जाए
एनजीटी ने औद्योगिक सुरक्षा निदेशक को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Board) एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के साथ मिलकर तीन माह में ऐसी गतिविधियों से जुड़े दुर्घटनागत, पेशेगत और पर्यावरण संबंधी जोखिमों का अध्ययन करने का भी निर्देश दिया. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि यह मुआवजा महाराष्ट्र द्वारा एक महीने के अंदर पालघर के जिलाधिकारी के माध्यम से दिया जाए.
कानूनी सहयोग देने का अनुरोध
पीठ ने कहा कि हम महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी सहयोग देने का अनुरोध करते हैं कि बिना किसी बाधा के लाभार्थियाें को भुगतान हो जाए. राज्य को परिसर के कब्जेदार/मालिक से उसकी वसूली की छूट होगी. हरित पैनल ने कहा कि उपचारात्मक कदमों पर विचार के लिए उच्चतम स्तर पर समीक्षा की जाए.
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एनजीटी का यह आदेश मीडिया की इस खबर का संज्ञान लेने के बाद आया है कि 17 जून को सुबह दस बजकर 35 मिनट पर पालघर जिले में वांगांव-दहानु सड़क से करीब 15 किलोमीटर दूर देहने गांव में स्थित पटाखों के एक कारखाने में विस्फोट होने से 10 मजदूर घायल हो गए.
(पीटीआई-भाषा)