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भारत में स्लीपर सेल सक्रिय कर रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन: एनआईए

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भारत में स्लीपर सेल सक्रिय कर रहे हैं. एनआईए ने बिहार से गजवा-ए-हिंद के एक सदस्य को गिरफ्तार किया था. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी
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Published : Jul 3, 2023, 7:55 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने के उद्देश्य से भारत भर के विभिन्न राज्यों में अपने स्लीपर सेल को सक्रिय कर रहे हैं.

भारत की आतंकवाद रोधी एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को ईटीवी भारत को बताया कि आतंकवादी संगठन उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार के प्रमुख कस्बों और शहरों में अपने स्लीपर सेल को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि 'हमने इस घटनाक्रम के बारे में संबंधित राज्यों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों को पहले ही सचेत कर दिया है.'

एजेंसी ने पहचान की है कि लश्कर ए तैयबा (एलईटी), जैश ए मोहम्मद (जेईएम) जैसे समूह शहरी इलाकों और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर हमले करने के लिए अपने स्लीपर सेल और स्थानीय सहयोगियों को सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं.

स्लीपर सेल से जुड़ा खुलासा तब सामने आया जब एनआईए ने पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले की जांच शुरू की. एनआईए की जांच में पता चला है कि गजवा-ए-हिंद की मदद से आतंकवादी भोले-भाले भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमनी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और स्लीपर सेल के रूप में भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि 'गिरफ्तार आरोपी पटना का मरगूब अहमद दानिश गजवा-ए-हिंद का सदस्य था, जिसे पाकिस्तान समर्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया जाता था.'

स्लीपर सेल गुप्तचरों, जासूसों या आतंकवादियों का एक समूह है, जो गुप्त रूप से रहते हैं और वारदात करने के लिए निर्देशों या अवसर की प्रतीक्षा करते हैं. एनआईए अधिकारी ने कहा कि 'भारत में हाल के आतंकवादी हमलों को देखते हुए संकेत मिलते हैं कि भविष्य के हमले सीमा के बाहर से होंगे, लेकिन स्थानीय मदद और समर्थन के साथ.'

कई पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैसे कि लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूह अपने स्लीपर सेल और स्थानीय सहयोगियों को तब सक्रिय करते हैं जब उन्हें लगता है कि भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान सभी प्रयासों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि 'आमतौर पर, स्लीपर सेल द्वारा हमले शहरी क्षेत्र और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली जगहों पर होते हैं. यह राज्य द्वारा किसी भी प्रकार के अंधाधुंध आतंकवादी विरोधी अभियानों को भी रोकता है, जिससे अधिकतम क्षति हो सकती है.'

अधिकारी ने कहा, शहरी इलाकों में स्लीपर सेल के लिए निवासियों के साथ आसानी से घुलना-मिलना आसान होता है. खुफिया रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी स्लीपर सेल और आतंकवादियों के निष्क्रिय सहयोगियों का नेटवर्क भी पूरे पंजाब में फैला हुआ है.

इससे पहले पंजाब में ऐसे मॉड्यूल के कई उदाहरण सामने आए थे, जिनमें से कुछ का आईएसआई से सीधा संबंध था, जबकि कई आईएसआई के इशारे पर पाक स्थित खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा चलाए जा रहे थे.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने के उद्देश्य से भारत भर के विभिन्न राज्यों में अपने स्लीपर सेल को सक्रिय कर रहे हैं.

भारत की आतंकवाद रोधी एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को ईटीवी भारत को बताया कि आतंकवादी संगठन उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार के प्रमुख कस्बों और शहरों में अपने स्लीपर सेल को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि 'हमने इस घटनाक्रम के बारे में संबंधित राज्यों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों को पहले ही सचेत कर दिया है.'

एजेंसी ने पहचान की है कि लश्कर ए तैयबा (एलईटी), जैश ए मोहम्मद (जेईएम) जैसे समूह शहरी इलाकों और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर हमले करने के लिए अपने स्लीपर सेल और स्थानीय सहयोगियों को सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं.

स्लीपर सेल से जुड़ा खुलासा तब सामने आया जब एनआईए ने पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले की जांच शुरू की. एनआईए की जांच में पता चला है कि गजवा-ए-हिंद की मदद से आतंकवादी भोले-भाले भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमनी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और स्लीपर सेल के रूप में भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि 'गिरफ्तार आरोपी पटना का मरगूब अहमद दानिश गजवा-ए-हिंद का सदस्य था, जिसे पाकिस्तान समर्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया जाता था.'

स्लीपर सेल गुप्तचरों, जासूसों या आतंकवादियों का एक समूह है, जो गुप्त रूप से रहते हैं और वारदात करने के लिए निर्देशों या अवसर की प्रतीक्षा करते हैं. एनआईए अधिकारी ने कहा कि 'भारत में हाल के आतंकवादी हमलों को देखते हुए संकेत मिलते हैं कि भविष्य के हमले सीमा के बाहर से होंगे, लेकिन स्थानीय मदद और समर्थन के साथ.'

कई पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैसे कि लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूह अपने स्लीपर सेल और स्थानीय सहयोगियों को तब सक्रिय करते हैं जब उन्हें लगता है कि भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान सभी प्रयासों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि 'आमतौर पर, स्लीपर सेल द्वारा हमले शहरी क्षेत्र और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली जगहों पर होते हैं. यह राज्य द्वारा किसी भी प्रकार के अंधाधुंध आतंकवादी विरोधी अभियानों को भी रोकता है, जिससे अधिकतम क्षति हो सकती है.'

अधिकारी ने कहा, शहरी इलाकों में स्लीपर सेल के लिए निवासियों के साथ आसानी से घुलना-मिलना आसान होता है. खुफिया रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी स्लीपर सेल और आतंकवादियों के निष्क्रिय सहयोगियों का नेटवर्क भी पूरे पंजाब में फैला हुआ है.

इससे पहले पंजाब में ऐसे मॉड्यूल के कई उदाहरण सामने आए थे, जिनमें से कुछ का आईएसआई से सीधा संबंध था, जबकि कई आईएसआई के इशारे पर पाक स्थित खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा चलाए जा रहे थे.

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