नई दिल्ली : तालिबान द्वारा काबुल पर नियंत्रण स्थापित करने से पहले ही पाकिस्तान का असल चेहरा सामने आ गया है. दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तानी सेना (Pakistan military) ने अफगानिस्तान सेनाओं द्वारा तालिबान पर एक हवाई हमले (air attack ) को रोकने के लिए अफगान वायु सेना (Afghan Air Force) के युद्धक विमानों को आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दी, जिससे मिशन का नाकाम हो गया.
अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने ट्वीट किया. 'पाकिस्तान वायु सेना (Pakistan air force h) ने अफगान सेना और वायु सेना को आधिकारिक चेतावनी (official warning ) जारी की है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र (Spin Boldak area ) से तालिबान को हटाने के किसी भी कदम का पाकिस्तान वायु सेना द्वारा सामना किया जाएगा और उसे खदेड़ दिया जाएगा. पाक वायुसेना अब कुछ इलाकों में तालिबान को नजदीकी हवाई मदद मुहैया करा रही है.
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि स्पिन बोल्डक से 10 किमी दूर अफगान वायु सेना के विमानों को वापस जाने या हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का सामना करने की चेतावनी दी गई थी.
तालिबान के संवेदनशील सीमा क्षेत्र (sensitive border area) में अपना नियंत्रण स्थापित करने के एक दिन बाद, दक्षिणी कंधार के स्पिन बोल्डक में अफगान-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (Afghan-Pakistan international border ) के पास तालिबान की पॉजिशन पर हमला करने के लिए तीन ए 29 सुपर टूकानो विमानों (A29 Super Tucano aircraft) ने एक मिशन पर उड़ान भरी थी.
A-29 अफगान वायु सेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान है. माना जाता है कि अमेरिका द्वारा वितरित, अफगान सेना लगभग 24 ऐसे विमानों को संचालित करती है.
अफगान-भारत फ्रेंडशिप डेम पर हमला
दूसरी ओर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विकास में तालिबान ने सलमा बांध (Salma Dam) पर मोर्टार हमले (mortar attacks) किए हैं, जिसे अफगान-भारत मैत्री बांध (Afghan-India Friendship Dam) के रूप में भी जाना जाता है. अफगान राष्ट्रीय जल प्राधिकरण ने बुधवार को इस बात की घोषणा की.
संयोग से रविवार को अफगान समाचार एजेंसियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने सलमा बांध को नष्ट करने के आरोप में शनिवार को एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया था.
4 जून 2016 को सलमा बांध का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Afghan President Ashraf Ghan) ने संयुक्त रूप से किया था.
हेरात प्रांत में हरिरोड नदी (Harirod river) के सुदूर ऊपरी भाग में स्थित, 42 मेगावाट का बांध, जिसमें 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि (farm land) को सिंचित करने की क्षमता है, चेश्त जिले में खेती के लिए जरूरी बिजली और पानी का स्रोत है.
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एक विशाल संरचना जो 107 मीटर ऊंची और 550 मीटर लंबी है, जिसमें जल भंडारण बेसिन (water storage basin ) लगभग 22 किमी लंबा और 3 किमी चौड़ा है, बांध को भारत द्वारा वित्त पोषित और निर्मित किया गया है.
काबुल में अफगान संसद के अलावा, सलमा बांध भारत द्वारा अफगानिस्तान में अन्य ऐतिहासिक निर्माण है.