जम्मू : भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना (Ravinder Raina) ने बुधवार को कहा कि परिसीमन आयोग के सुझावों (delimitation panel proposal) पर पीएजीडी (Peoples Alliance for Gupkar Declaration) द्वारा एक जनवरी को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन जनता के खिलाफ एक साजिश है.
केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा सीटों के सीमांकन के लिए गठित परिसीमन आयोग ने अपने 'पेपर-1' में जम्मू क्षेत्र के वास्ते छह अतिरिक्त सीटें और कश्मीर के वास्ते एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव दिया है. आयोग ने इस पर नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के पांच सांसदों- नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन सांसदों और भाजपा के दो सांसदों के साथ सोमवार को चर्चा की थी.
भाजपा नेता ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि लोग गुपकार गठबंधन (PAGD) और कांग्रेस का नाटक देख रहे हैं और उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान माकूल जवाब देंगे. पीएजीडी ने मंगलवार को कहा था कि परिसीमन आयोग के सुझाव 'विभाजनकारी और अस्वीकार्य' हैं.
इसके साथ ही गठबंधन ने आयोग के सुझावों के विरोध में एक जनवरी को श्रीनगर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. रैना ने कहा कि परिसीमन आयोग ने निर्वाचन आयोग के समर्थन से ईमानदारी के साथ अपने सुझाव दिए जो वंचित समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए कठिन परिश्रम के बाद तैयार किए गए हैं.
रैना ने कहा, 'हालांकि यह नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को अच्छा नहीं लग रहा है जिन्होंने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य पर 70 साल तक शासन किया और समाज के कई वर्गों के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा.'
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पीएजीडी का विरोध जम्मू कश्मीर के लोगों के खिलाफ एक षड्यंत्र है. रैना ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के लोग परिसीमन आयोग के सुझावों और भाजपा नीत सरकार से खुश हैं जिसने उन्हें उनके अधिकार दिलाए. रैना ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर उनके शासनकाल में वंचित समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने में विफल रहने का आरोप लगाया.
(पीटीआई-भाषा)