पटना: कई साल की सेवा के बाद रिटायर होने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, एक बार फिर देखने को मिला है. देश की मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण (Padma Bhushan Sharda Sinha) को पिछले चार महीने से पेंशन ही नहीं मिली है. शारदा सिन्हा ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (Lalit Narayan Mithila University) से रिटायर हुई थीं. उन्होंने अपनी एक मित्र की व्यथा भी लिखी है. उन्होंने बताया है कि किस तरह पेंशन नहीं मिलने से परेशान उनकी करीबी दोस्त इस दुनिया से रुखसत हो गई.
शारदा सिन्हा ने फेसबुक पर लिखा है कि आखिर यह अंधेर कब तक झेलना होगा. उन्होंने लिखा है कि उनकी एक परम प्रिय मित्र डॉक्टर ईशा सिन्हा एलएनएसयू दरभंगा में पीजी हेड से रिटायर की थीं. आगे उन्होंने लिखा है कि जब से मैंने कॉलेज का शिक्षण कार्य शुरु किया था, तब से मेरे साथ सखी सहेली और न जाने कितने रूप में मेरा साथ देती रहीं. आज वे हमें अकेला छोड़ गईं. दो साल अपने शारीरिक कष्ट, व्याधि और मानसिक पीड़ा से लड़ती रहीं. अंतिम समय में उनके दिमाग पर अपने परिवार को अकेला छोड़ जाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण था कि उनकी पेंशन की राशि पिछले 4-5 महीनों से नहीं मिली थी.
शारदा सिन्हा ने बताया कि डॉक्टर ईशा के पति सच्चिदानंद ने सरकार के नाम कई पत्र लिखे. सरकार को हालत से अवगत भी कराया लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. सच्चिदानंद पटना से समस्तीपुर और समस्तीपुर से पटना इलाज के दौरान दौड़ते रहे. जिससे उनकी जीवन संगिनी कुछ पल और उनके साथ जीवित रह सकें. पद्म भूषण शारदा सिन्हा ने लिखा है कि मेरी सखी ईशा जी तो चली गईं, अभी और न जाने कितने बाकी हैं.
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ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त अजय कुमार वर्मा ने बताया कि अक्टूबर महीने से उन्हें भी पेंशन नहीं मिला है. किसी तरह वे अपना और अपने परिवार का खर्चा चला रहे हैं. बीमारी की वजह से ज्यादा दौड़ नहीं सकते लेकिन अब तक पेंशन को लेकर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई. जानकारी के मुताबिक सिर्फ ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के रिटायर कर्मचारियों और अधिकारियों को ही चार महीने से पेंशन नहीं मिला है. जिस कारण लोग परेशानी और तंगहाली में जीने को मजबूर हैं.