नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 2014-2021 के दौरान करीब 235,799 दैनिक वेतन भोगियों ने देश में आत्महत्या की है (daily wage labourers committed suicides). सबसे ज्यादा मामले तमिलनाडु में सामने आए हैं. यहां ये संख्या 44,254 थी, इसके बाद महाराष्ट्र में 29,516, मध्य प्रदेश में 25,486, तेलंगाना में 23,838, केरल में 19,930 औरगुजरात में 17,908 दैनिक वेतन भोगियों ने खुदकुशी की.
यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दी. वह कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. जिसमें पूछा गया था कि क्या यह सच है कि देश में 2014 और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के बाद से दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसार डेटा पेश करते हुए, MoS ने अपने जवाब में कहा कि 2014-2021 की अवधि में 235,799 दिहाड़ी मजदूरों ने देश में खुदकुशी की. तमिलनाडु में 2019, 2020 और 2021 में क्रमशः 5186, 6495, 7673 ने आत्महत्या की है. संबंधित वर्षों में महाराष्ट्र में 4128, 4176, 5270, मध्य प्रदेश में 3964, 4945, 4657 और तेलंगाना में 2858, 3831, 4223 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की है.
MoS ने अपने जवाब में NCRB के आंकड़ों का जिक्र किया. एनसीबी के अनुसार 2021 के दौरान देश में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की, जिसमें दिहाड़ी 42,004 मजदूरों ने आत्महत्या की. जबकि 23,179 गृहिणियों और 15,870 अन्य पेशेवरों ने आत्महत्या की.
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