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Bogus Votes In Kanigiri : वोटर लिस्ट में मृतकों के नाम, एक ही मकान नंबर के 100 वोटर - वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाता

आंध्र प्रदेश के कनिगिरी निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं की पहचान की गई है (SEVERAL BOGUS VOTES IN KANIGIRI). 20 ऐसे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में हैं जिनकी 5 से 10 साल पहले मृत्यु हो चुकी है. ईसीआई ने फर्जी मतदाताओं को हटाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.

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भारत निर्वाचन आयोग
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 3:33 PM IST

कनिगिरी (आंध्र प्रदेश): लोकतंत्र में वोट ही है जो लोगों का भविष्य और नेताओं की किस्मत तय करता है. आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के कनिगिरी निर्वाचन क्षेत्र में कुछ नेता कथित तौर पर मतदाता सूची को बदलने के लिए ब्लॉक स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) पर दबाव डाल रहे हैं.

वोटर लिस्ट
वोटर लिस्ट

यहां तक ​​कि कुछ जगहों पर एक ही मकान नंबर पर कई मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए, जबकि कई में मकान नंबर ही नहीं था. ऐसे सभी फर्जी मतदाताओं को हटाने के प्रयास चल रहे हैं. भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के मानदंडों के अनुसार, सूची में प्रत्येक मतदाता को एक मकान नंबर आवंटित किया जाना है. कनिगिरी शहर के पहले वार्ड में 280 मतदाताओं को कोई मकान नंबर आवंटित नहीं किया गया है.

वोटर लिस्ट
वोटर लिस्ट

ये मतदाता इंदिरा कॉलोनी, बीसी कॉलोनी और राजीवनगर कॉलोनी के हैं. कोंडालाराव नाम के एक व्यक्ति की दुकान मतदान केंद्र संख्या 142 के परिसर में स्थित है. उनका मकान नंबर 498 है. गौरतलब है कि इस मकान नंबर के तहत 100 से ज्यादा मतदाताओं को शामिल किया गया है.

कनिगिरी, पामुरु, सीलमवारिपल्ली और पेदा अलावलापाडु क्षेत्रों में, बूथ नंबर 100, 141, 263 और 228 में मकान नंबर '00' के साथ 40 मतदाताओं को पंजीकृत किया गया है. लगभग 50 मतदाताओं का मकान नंबर '1-1' है. 70 मतदाता हैं जिनका मकान संख्या '000' है और 150 मतदाताओं के पास मकान संख्या ही नहीं है.

इसके अलावा, मतदाता सूची में गारलापेट रोड के लगभग 20 मतदाताओं के नाम शामिल हैं जिनकी 10 या 5 साल पहले मृत्यु हो चुकी है. हालांकि माना जा रहा था कि नाम सूची से हटा दिए गए हैं, लेकिन हटाने की प्रक्रिया अब तक नहीं की गई है.

उदाहरण के लिए, कनिगिरि के वीरा रामकृष्ण की मृत्यु हुए पांच साल हो गए हैं, लेकिन उनका नाम अभी भी मतदाता सूची में है. जब सूची की जांच की गई तो पता चला कि इसमें रामकृष्ण की जगह किसी और की तस्वीर है. उनके रिश्तेदारों का कहना है कि जिस शख्स की तस्वीर दिखाई जा रही है, वे उसकी पहचान नहीं जानते.

हालांकि ईसीआई ने निर्देश दिया था कि स्वयंसेवकों को मतदाता सूची की तैयारी में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन कनिगिरी निर्वाचन क्षेत्र में इसे ठीक से लागू नहीं किया गया है. आरोप लगाया जा रहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा बीएलओ पर दबाव बनाकर गड़बड़ी कराई गई है. आयोग ने कनिगिरी राजस्व मंडल अधिकारी टी अजयकुमार से स्पष्टीकरण मांगा है.

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वोटर लिस्ट
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यहां तक ​​कि कुछ जगहों पर एक ही मकान नंबर पर कई मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए, जबकि कई में मकान नंबर ही नहीं था. ऐसे सभी फर्जी मतदाताओं को हटाने के प्रयास चल रहे हैं. भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के मानदंडों के अनुसार, सूची में प्रत्येक मतदाता को एक मकान नंबर आवंटित किया जाना है. कनिगिरी शहर के पहले वार्ड में 280 मतदाताओं को कोई मकान नंबर आवंटित नहीं किया गया है.

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ये मतदाता इंदिरा कॉलोनी, बीसी कॉलोनी और राजीवनगर कॉलोनी के हैं. कोंडालाराव नाम के एक व्यक्ति की दुकान मतदान केंद्र संख्या 142 के परिसर में स्थित है. उनका मकान नंबर 498 है. गौरतलब है कि इस मकान नंबर के तहत 100 से ज्यादा मतदाताओं को शामिल किया गया है.

कनिगिरी, पामुरु, सीलमवारिपल्ली और पेदा अलावलापाडु क्षेत्रों में, बूथ नंबर 100, 141, 263 और 228 में मकान नंबर '00' के साथ 40 मतदाताओं को पंजीकृत किया गया है. लगभग 50 मतदाताओं का मकान नंबर '1-1' है. 70 मतदाता हैं जिनका मकान संख्या '000' है और 150 मतदाताओं के पास मकान संख्या ही नहीं है.

इसके अलावा, मतदाता सूची में गारलापेट रोड के लगभग 20 मतदाताओं के नाम शामिल हैं जिनकी 10 या 5 साल पहले मृत्यु हो चुकी है. हालांकि माना जा रहा था कि नाम सूची से हटा दिए गए हैं, लेकिन हटाने की प्रक्रिया अब तक नहीं की गई है.

उदाहरण के लिए, कनिगिरि के वीरा रामकृष्ण की मृत्यु हुए पांच साल हो गए हैं, लेकिन उनका नाम अभी भी मतदाता सूची में है. जब सूची की जांच की गई तो पता चला कि इसमें रामकृष्ण की जगह किसी और की तस्वीर है. उनके रिश्तेदारों का कहना है कि जिस शख्स की तस्वीर दिखाई जा रही है, वे उसकी पहचान नहीं जानते.

हालांकि ईसीआई ने निर्देश दिया था कि स्वयंसेवकों को मतदाता सूची की तैयारी में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन कनिगिरी निर्वाचन क्षेत्र में इसे ठीक से लागू नहीं किया गया है. आरोप लगाया जा रहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा बीएलओ पर दबाव बनाकर गड़बड़ी कराई गई है. आयोग ने कनिगिरी राजस्व मंडल अधिकारी टी अजयकुमार से स्पष्टीकरण मांगा है.

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