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vacant in subordinate judiciary in 6 states : छह राज्यों की अधीनस्थ न्यायपालिका में न्यायिक अफसरों के 26 प्रतिशत पद खाली

छह राज्यों की अधीनस्थ न्यायपालिक में न्यायिक अधिकारियों के 26 फीसदी अधिक खाली हैं. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने दायर रिपोर्ट में उक्त जानकारी दी है. vacant in subordinate judiciary in 6 states

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jan 21, 2023, 3:29 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया गया है कि छह राज्यों की अधीनस्थ न्यायपालिका में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत 7,881 पदों में से 26 प्रतिशत से अधिक रिक्त पड़े हैं. मध्य प्रदेश की अधीनस्थ न्यायपालिका में 2,021 न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पद हैं जिनमें से 671 खाली हैं, जबकि 929 अधिकारियों के स्वीकृत पद वाले ओडिशा में 174 पद रिक्त हैं. अधीनस्थ न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने से संबंधित मामले में चार न्यायमित्रों में से एक, वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया की ओर से शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा में ऐसी रिक्तियों और आवश्यक बुनियादी ढांचों की स्थिति रिपोर्ट दी गयी है.

हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता द्वारा दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में 2016 स्वीकृत पदों के मुकाबले 449 रिक्तियां हैं और तमिलनाडु में 1340 स्वीकृत पदों में से 272 न्यायिक अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं. पंजाब में अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 797 है, जबकि रिक्तियां 209 और हरियाणा में स्वीकृत पद 778 और रिक्तियां 308 पदों की हैं. शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया था. हंसारिया ने कहा कि उच्च न्यायालय और राज्य सरकार को एक समय सीमा के भीतर एक संयुक्त बैठक आयोजित करने और शीर्ष अदालत को एक रिपोर्ट के माध्यम से उठाए गए कदमों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा सकता है.

इससे पहले 19 दिसंबर 2022 को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बताया था कि 25042 पदों की स्वीकृत शक्ति में से देश भर के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों की कुल 5850 रिक्तियां हैं. साथ ही यह भी बताया गया कि 1 जनवरी 2020 से 19 दिसंबर 2022 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में 12 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई. हाईकोर्ट के मामले में देश के विभिन्न हाईकोर्ट में 351 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई. 19 दिसंबर 2022 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 28 न्यायाधीश कार्यरत हैं. वहीं हाईकोर्ट के मामले में 1108 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 775 न्यायाधीश कार्यरत हैं, वहां 333 न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरा जाना है. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 पदों में से छह पद रिक्त हैं. इसके अलावा, देश के सभी 25 हाईकोर्ट के लिए स्वीकृत संयुक्त पद संख्या 1108 है। देश में वर्तमान में 775 हैं और इस समय कुल 333 रिक्तियां हैं.

ये भी पढ़ें - SC ISSUES CONTEMPT NOTICE: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के जेल महानिदेशक के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया गया है कि छह राज्यों की अधीनस्थ न्यायपालिका में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत 7,881 पदों में से 26 प्रतिशत से अधिक रिक्त पड़े हैं. मध्य प्रदेश की अधीनस्थ न्यायपालिका में 2,021 न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पद हैं जिनमें से 671 खाली हैं, जबकि 929 अधिकारियों के स्वीकृत पद वाले ओडिशा में 174 पद रिक्त हैं. अधीनस्थ न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने से संबंधित मामले में चार न्यायमित्रों में से एक, वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया की ओर से शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा में ऐसी रिक्तियों और आवश्यक बुनियादी ढांचों की स्थिति रिपोर्ट दी गयी है.

हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता द्वारा दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में 2016 स्वीकृत पदों के मुकाबले 449 रिक्तियां हैं और तमिलनाडु में 1340 स्वीकृत पदों में से 272 न्यायिक अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं. पंजाब में अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 797 है, जबकि रिक्तियां 209 और हरियाणा में स्वीकृत पद 778 और रिक्तियां 308 पदों की हैं. शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया था. हंसारिया ने कहा कि उच्च न्यायालय और राज्य सरकार को एक समय सीमा के भीतर एक संयुक्त बैठक आयोजित करने और शीर्ष अदालत को एक रिपोर्ट के माध्यम से उठाए गए कदमों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा सकता है.

इससे पहले 19 दिसंबर 2022 को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बताया था कि 25042 पदों की स्वीकृत शक्ति में से देश भर के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों की कुल 5850 रिक्तियां हैं. साथ ही यह भी बताया गया कि 1 जनवरी 2020 से 19 दिसंबर 2022 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में 12 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई. हाईकोर्ट के मामले में देश के विभिन्न हाईकोर्ट में 351 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई. 19 दिसंबर 2022 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 28 न्यायाधीश कार्यरत हैं. वहीं हाईकोर्ट के मामले में 1108 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 775 न्यायाधीश कार्यरत हैं, वहां 333 न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरा जाना है. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 पदों में से छह पद रिक्त हैं. इसके अलावा, देश के सभी 25 हाईकोर्ट के लिए स्वीकृत संयुक्त पद संख्या 1108 है। देश में वर्तमान में 775 हैं और इस समय कुल 333 रिक्तियां हैं.

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