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2020 में प्रतिकूल मौसम के कारण 1,565 से अधिक लोगों की मौत : IMD

आईएमडी के मुताबिक, देश में आए चक्रवातों के कारण पिछले साल 115 लोगों और 17,000 से अधिक मवेशियों ने जान गवाई. आईएमडी ने 'भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020' में कहा कि अम्फान चक्रवात के कारण 90 लोगों और 4,000 से अधिक मवेशियों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल के थे.

IMD Report
भारत मौसम विज्ञान विभाग
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Published : Jan 6, 2021, 7:14 AM IST

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पिछले साल अत्यंत प्रतिकूल मौसम के कारण 1,565 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इस दौरान आंधी व बिजली गिरने जैसी घटनाओं में 815 लोगों की मृत्यु हो गई. आईएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बाढ़, आंधी, बिजली गिरने और शीतलहर के कारण सबसे ज्यादा 379 लोगों की मौत हुई. वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 356 रही. विभाग ने कहा कि ये आंकड़े मीडिया रिपोर्टों पर आधारित हैं.

देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई. असम में 129, केरल में 72, तेलंगाना में 61, बिहार में 54, महाराष्ट्र में 50, उत्तर प्रदेश में 48 और हिमाचल प्रदेश में 38 लोगों की मौत हुई.

आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार आंधी और बिजली गिरने से 815 लोगों की मौत हुई. बिहार में 280, उत्तर प्रदेश में 220, झारखंड में 122, मध्य प्रदेश में 72, महाराष्ट्र में 23 और आंध्र प्रदेश में 20 लोगों की मौत हुई.

आईएमडी ने कहा कि शीत लहर के कारण 150 मौतें हुईं. उत्तर प्रदेश में 88, बिहार में 45 और झारखंड में 16 लोगों की मौत हुई. बिहार में मौतें एक जनवरी को एक ही दिन हुई थीं.

वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष रहा लेकिन 2016 की सबसे अधिक गर्मी की तुलना में यह "काफी कम" रहा.

विभाग ने 2020 के दौरान भारत की जलवायु संबंधी एक बयान में कहा कि वर्ष के दौरान देश में औसत वार्षिक तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह आंकड़ा 1981-2010 के आंकड़ों पर आधारित है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पिछले साल देश में आए चक्रवातों के कारण 115 लोगों और 17,000 से अधिक मवेशियों की जान चली गई. वर्ष 2020 में उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में पांच चक्रवात बने, जिनमें अम्फान, निवार, गति, निसर्ग और बुरेवी शामिल रहे. निसर्ग एवं गति जहां अरब सागर से उठे तो वहीं बाकी तीन बंगाल की खाड़ी से उठे थे. इन चक्रवातों में अम्फान ने सबसे अधिक तबाही मचाई.

भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020
आईएमडी ने 'भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020' में कहा, अम्फान चक्रवात के कारण 90 लोगों और 4,000 से अधिक मवेशियों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल के थे.

निसर्ग था बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान
इसके मुताबिक, मानसून के मौसम में आया निसर्ग बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान था और यह तीन जून को महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र से गुजरा था. इसके चलते महाराष्ट्र में चार लोगों और 2,000 मवेशियों की जान चली गई.वहीं, बाकी तीन चक्रवात निवार, बुरेवी और गति मानसून के मौसम के बाद आए.

पढ़ें : राजस्थान में इंडियन एयर फोर्स का मिग 21 क्रैश, पायलट सुरक्षित

आंध्रा में 12 लोगों समेत 10,836 मवेशियो की मौत
निवार तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरा, जिसके चलते तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में 12 लोगों और 10,836 मवेशियो की मौत हो गई.

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पिछले साल अत्यंत प्रतिकूल मौसम के कारण 1,565 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इस दौरान आंधी व बिजली गिरने जैसी घटनाओं में 815 लोगों की मृत्यु हो गई. आईएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बाढ़, आंधी, बिजली गिरने और शीतलहर के कारण सबसे ज्यादा 379 लोगों की मौत हुई. वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 356 रही. विभाग ने कहा कि ये आंकड़े मीडिया रिपोर्टों पर आधारित हैं.

देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई. असम में 129, केरल में 72, तेलंगाना में 61, बिहार में 54, महाराष्ट्र में 50, उत्तर प्रदेश में 48 और हिमाचल प्रदेश में 38 लोगों की मौत हुई.

आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार आंधी और बिजली गिरने से 815 लोगों की मौत हुई. बिहार में 280, उत्तर प्रदेश में 220, झारखंड में 122, मध्य प्रदेश में 72, महाराष्ट्र में 23 और आंध्र प्रदेश में 20 लोगों की मौत हुई.

आईएमडी ने कहा कि शीत लहर के कारण 150 मौतें हुईं. उत्तर प्रदेश में 88, बिहार में 45 और झारखंड में 16 लोगों की मौत हुई. बिहार में मौतें एक जनवरी को एक ही दिन हुई थीं.

वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष रहा लेकिन 2016 की सबसे अधिक गर्मी की तुलना में यह "काफी कम" रहा.

विभाग ने 2020 के दौरान भारत की जलवायु संबंधी एक बयान में कहा कि वर्ष के दौरान देश में औसत वार्षिक तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह आंकड़ा 1981-2010 के आंकड़ों पर आधारित है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पिछले साल देश में आए चक्रवातों के कारण 115 लोगों और 17,000 से अधिक मवेशियों की जान चली गई. वर्ष 2020 में उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में पांच चक्रवात बने, जिनमें अम्फान, निवार, गति, निसर्ग और बुरेवी शामिल रहे. निसर्ग एवं गति जहां अरब सागर से उठे तो वहीं बाकी तीन बंगाल की खाड़ी से उठे थे. इन चक्रवातों में अम्फान ने सबसे अधिक तबाही मचाई.

भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020
आईएमडी ने 'भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020' में कहा, अम्फान चक्रवात के कारण 90 लोगों और 4,000 से अधिक मवेशियों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल के थे.

निसर्ग था बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान
इसके मुताबिक, मानसून के मौसम में आया निसर्ग बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान था और यह तीन जून को महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र से गुजरा था. इसके चलते महाराष्ट्र में चार लोगों और 2,000 मवेशियों की जान चली गई.वहीं, बाकी तीन चक्रवात निवार, बुरेवी और गति मानसून के मौसम के बाद आए.

पढ़ें : राजस्थान में इंडियन एयर फोर्स का मिग 21 क्रैश, पायलट सुरक्षित

आंध्रा में 12 लोगों समेत 10,836 मवेशियो की मौत
निवार तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरा, जिसके चलते तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में 12 लोगों और 10,836 मवेशियो की मौत हो गई.

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