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भारत में रूस के नए राजदूत होंगे डेनिस अलीपोव, कुदाशेव ने भारत का धन्यवाद किया - रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) को कार्यकाल खत्म हो गया है. उनकी जगह डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) को भारत में रूसी राजदूत नियुक्त किया गया है. कुदाशेव ने अपने विदाई संदेश में भारत का धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें नई दिल्ली से पूरा सहयोग मिला.

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निकोले कुदाशेव
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Published : Feb 2, 2022, 11:48 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 12:15 AM IST

नई दिल्ली : भारत में निवर्तमान रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने बुधवार को कहा कि भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी (India-Russia special strategic partnership) अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है. कुदाशेव का कार्यकाल खत्म हो चुका है. उन्होंने अपने विदाई संदेश में यह बात कही. कुदाशेव ने कहा कि रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी सकारात्मक और एकीकृत एजेंडे पर आधारित है. यह अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है.

उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों पर आधारित एक निष्पक्ष और समान बहुकेंद्रित दुनिया की स्थापना की ओर मजबूती से खड़े हैं. कुदाशेव ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स, एससीओ, आरआईसी और अन्य महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्मों के भीतर समन्वय बढ़ा रहे हैं. ट्विटर पर अपने संदेश में कुदाशेव ने लिखा कि उन्हें नई दिल्ली से पूरा सहयोग मिला. उन्होंने लिखा, 'मैं तहेदिल से आप सबके सहयोग और समर्थन का शुक्रिया अदा करता हूं.'

भारत में निवर्तमान रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव

कुदाशेव ने कहा कि कोविड की कठिन चुनौती के बावजूद हम बिना किसी कृत्रिम बाधाओं के आपसी सहायता की सच्ची भावना पैदा करने में कामयाब रहे. हम इस महामारी के दुखद परिणामों को कम करने में भी सफल रहे. हम न तो अपने मिशन से हटे और न ही हमने कभी भी अपने संवाद को कम होने दिया. बल्कि उसे और गहरा किया. बहुत सारी बैठकें हुईं. उच्च स्तरीय बैठकें हुईं. व्यापार, अर्थव्यवस्था, सैन्य तकनीकी, ऊर्जा, विज्ञान और मानवीय सहयोग पर खूब चर्चा हुई. इसका असर आने वाले समय में जरूर दिखाई देगा.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2022, रूसी-भारतीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक वर्ष, हम दोनों के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत दोस्ती के लिए नई इबारत बनेगा. उन्होंने अगले राजदूत डेनिस अलीपोव को बधाई दी. वह एक अनुभवी राजनयिक और पेशेवर इंडोलॉजिस्ट हैं. कुदाशेव ने कहा कि डेनिस अलीपोव एक करियर राजनयिक और दशकों के अनुभव के साथ भारतीय मामलों के विशेषज्ञ हैं.

कुदाशेव को सिंगापुर में रूसी राजदूत के रूप में भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं भारत में बिताए गए समय और राजनयिक कोर में कई मित्रों के साथ बैठकें बड़ी गर्मजोशी के साथ याद करूंगा.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन संकट के बीच दिल्ली पहुंचे रूसी उप विदेश मंत्री, भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों पर की चर्चा

डेनिस अलीपोव दशकों के अनुभव के साथ बेहतरीन राजनयिक और समर्पित भारत विशेषज्ञ हैं. रूसी राजदूत अलेक्जेंडर कडाकिन के कार्यकाल के दौरान, अलीपोव ने नई दिल्ली में रूसी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख (डीसीएम) के रूप में कार्य किया था. नए राजदूत डेनिस ने रूसी विदेश मंत्रालय के दूसरे एशियाई विभाग के उप निदेशक के रूप में भी काम किया है. अलीपोव ने नई दिल्ली में रूसी दूतावास के पहले उप प्रमुख के रूप में भी काम किया है.

भारत और रूस के संबंधों में मजबूती आई है और मॉस्को ने भारत को बहुत महत्व दिया है. रूस, भारत का भरोसेमंद सहयोगी है. रूस-यूक्रेन सीमा पर तनाव बढ़ने पर रूस ने इस मुद्दे पर परामर्श के लिए भारत से संपर्क किया है. सोमवार को रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने विदेश मंत्रालय की सचिव (पश्चिम) रीनत संधू के साथ बातचीत की और दोनों पक्ष बहुपक्षीय मंचों पर आपसी हित के मुद्दों पर सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुए.

नई दिल्ली : भारत में निवर्तमान रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने बुधवार को कहा कि भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी (India-Russia special strategic partnership) अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है. कुदाशेव का कार्यकाल खत्म हो चुका है. उन्होंने अपने विदाई संदेश में यह बात कही. कुदाशेव ने कहा कि रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी सकारात्मक और एकीकृत एजेंडे पर आधारित है. यह अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है.

उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों पर आधारित एक निष्पक्ष और समान बहुकेंद्रित दुनिया की स्थापना की ओर मजबूती से खड़े हैं. कुदाशेव ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स, एससीओ, आरआईसी और अन्य महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्मों के भीतर समन्वय बढ़ा रहे हैं. ट्विटर पर अपने संदेश में कुदाशेव ने लिखा कि उन्हें नई दिल्ली से पूरा सहयोग मिला. उन्होंने लिखा, 'मैं तहेदिल से आप सबके सहयोग और समर्थन का शुक्रिया अदा करता हूं.'

भारत में निवर्तमान रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव

कुदाशेव ने कहा कि कोविड की कठिन चुनौती के बावजूद हम बिना किसी कृत्रिम बाधाओं के आपसी सहायता की सच्ची भावना पैदा करने में कामयाब रहे. हम इस महामारी के दुखद परिणामों को कम करने में भी सफल रहे. हम न तो अपने मिशन से हटे और न ही हमने कभी भी अपने संवाद को कम होने दिया. बल्कि उसे और गहरा किया. बहुत सारी बैठकें हुईं. उच्च स्तरीय बैठकें हुईं. व्यापार, अर्थव्यवस्था, सैन्य तकनीकी, ऊर्जा, विज्ञान और मानवीय सहयोग पर खूब चर्चा हुई. इसका असर आने वाले समय में जरूर दिखाई देगा.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2022, रूसी-भारतीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक वर्ष, हम दोनों के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत दोस्ती के लिए नई इबारत बनेगा. उन्होंने अगले राजदूत डेनिस अलीपोव को बधाई दी. वह एक अनुभवी राजनयिक और पेशेवर इंडोलॉजिस्ट हैं. कुदाशेव ने कहा कि डेनिस अलीपोव एक करियर राजनयिक और दशकों के अनुभव के साथ भारतीय मामलों के विशेषज्ञ हैं.

कुदाशेव को सिंगापुर में रूसी राजदूत के रूप में भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं भारत में बिताए गए समय और राजनयिक कोर में कई मित्रों के साथ बैठकें बड़ी गर्मजोशी के साथ याद करूंगा.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन संकट के बीच दिल्ली पहुंचे रूसी उप विदेश मंत्री, भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों पर की चर्चा

डेनिस अलीपोव दशकों के अनुभव के साथ बेहतरीन राजनयिक और समर्पित भारत विशेषज्ञ हैं. रूसी राजदूत अलेक्जेंडर कडाकिन के कार्यकाल के दौरान, अलीपोव ने नई दिल्ली में रूसी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख (डीसीएम) के रूप में कार्य किया था. नए राजदूत डेनिस ने रूसी विदेश मंत्रालय के दूसरे एशियाई विभाग के उप निदेशक के रूप में भी काम किया है. अलीपोव ने नई दिल्ली में रूसी दूतावास के पहले उप प्रमुख के रूप में भी काम किया है.

भारत और रूस के संबंधों में मजबूती आई है और मॉस्को ने भारत को बहुत महत्व दिया है. रूस, भारत का भरोसेमंद सहयोगी है. रूस-यूक्रेन सीमा पर तनाव बढ़ने पर रूस ने इस मुद्दे पर परामर्श के लिए भारत से संपर्क किया है. सोमवार को रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने विदेश मंत्रालय की सचिव (पश्चिम) रीनत संधू के साथ बातचीत की और दोनों पक्ष बहुपक्षीय मंचों पर आपसी हित के मुद्दों पर सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुए.

Last Updated : Feb 3, 2022, 12:15 AM IST
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