तिरुवनंतपुरम: केरल में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 से संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. वहीं, गर्मी में बारिश होने के बावजूद मौसम में कोई बदलाव नहीं आया है. इन दिनों गर्मी इतनी तेज हो रही है कि घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसी चिलचिलाती धूप में बाहर निकलने वालों के लिए सनस्ट्रोक का खतरा होता है जिससे कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है.
चिकित्सा विशेषज्ञ बताते हैं कि जब भी घरों से बाहर आप निकलते हैं तो साथ में पीने का पानी हमेशा साथ रखना चाहिए. गर्मी में हर पल पानी पीना उतना ही जरूरी है जितना इस कोविड के समय में मास्क पहनना है.
2020 में सनस्ट्रोक का नहीं कोई मामला
2020 में कोविड महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन और प्रतिबंधों के कारण सनस्ट्रोक के कोई मामले सामने नहीं आए थे. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में सनस्ट्रोक के कारण एक मौत की सूचना मिली थी. गर्मी में कुल 1671 लोगों के बीमार पड़े का रिकार्ड किया गया था जिसमें से 32 लोग सनस्ट्रोक और 875 सनबर्न के मरीज थे.
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सनस्ट्रोक का खतरा अधिक
गर्मी में ज्यादा वक्त तक बाहर रहने पर त्वचा में लालिमा और चकत्ते पड़ जाते हैं, लेकिन इससे ज्यादा गंभीर स्थिति लू चलने से होती है. यदि शरीर का तापमान 104 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है और गर्मी सहन नहीं कर पा रहा, इसका मतलब है कि आंतरिक और महत्वपूर्ण अंग अक्षम हो गये हैं. नतीजतन, ब्रेन स्ट्रोक भी होने की आशंका रहती है. शरीर में उच्च तापमान से गुर्दा, दिल और यकृत भी प्रभावित होते हैं जिससे मौत भी हो सकती है.
सनस्ट्रोक के सामान्य लक्षण दिल की धड़कने तेजी से बढ़ने, शरीर के तापमान में वृद्धि, चक्कर आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, शरीर में गंभीर दर्द, हांफना, पेशाब के रंग में बदलाव, दौरे (मिरगी) और बेहोश होकर गिरना जैसे लक्षण होते हैं. इन सभी लक्षणों के पाए जाने पर बिना देर किये उपचार करवाने की चिकित्सा विशेषज्ञों ने सलाह दी है.
महामारी में बचाव के लिए रहें सतर्क
राज्य में तापमान पहले ही 34.5 डिग्री सेल्यिस तक पहुंच गया है. आगे तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस महामारी में लोगों को सनस्ट्रोक और गर्मी की बीमारियों से बचाव के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है.
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गर्मी से होने वाली बीमारियों से 75 साल से ऊपर के व्यक्तियों और चार साल से कम बच्चों को बचाने की जरूरत है. जिन लोगों को बाहर खुले में काम करना पड़ता है, लीवर और किडनी की बीमारी से पीड़ित, जिनका अस्वाभाविक रूप से वजन कम हो और जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या हो, उन्हें घरों में ही रहना चाहिए.
सुबह 11 से दोपहर तीन बजे के बीच बाहर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि इस दौरान गर्मी तेज होती है. यदि गर्मी में बाहर निकल रहे हों, तो टोपी या छाता का उपयोग करें. चूंकि डिहाइड्रेशन सनस्ट्रोक का पहला चरण है, इसलिए हर समय पानी पीना चाहिए. चाय और शराब पीने से बचें क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन की समस्या होती है. खाने में अधिक फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए.
जैसे ही पता चले की शरीर का तापमान बढ़ रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, क्योंक ये कोविड का लक्षण भी होता है.